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रविवार, नवंबर 08, 2009

जिंदा कुत्ते की मौत का सीधा प्रसारण

हमारे देश में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए न्यूज चैनलों के पास खबरों का ऐसा टोटा है कि उनके लिए कोई भी खबर सीधे प्रसारण के लायक हो जाती है। सड़क पर कोई कुत्ता सोया पड़ा है तो उसे मरा समङा कर ही कोई न्यूज चैनल उसका सीधा प्रसारण कैसे कर सकता है, इसका एक नमूना एक हास्य कलाकार के मुंह से सुनने को मिला। वास्तव में यह एक दुखद पहलू है कि इलेक्ट्रानिक मीडिया वाले कुछ भी दिखाने का काम करने लगे हैं।

छत्तीसगढ़ में इन दिनों राज्योत्सव की धूम मची हुई है। ऐसे में यहां पर कई कलाकार अपनी प्रस्तुति देने में लगे हैं। ऐसे की एक कार्यक्रम में एक हास्य कलाकार राजू निगम ने अपनी कल्पना शीलता का परिचय देते हुए बताया बताया कि कैसे न्यूज चैनल ने सड़क पर सोए हुए कुत्ते को मरा हुआ समझकर उसका सीधा प्रसारण कर दिया।

इसमें बताया गया कि न्यूज रूम की रीडर बताती है कि अभी-अभी खबर मिली है कि हरियाणा की एक सड़क पर एक कुत्ते की दुखद मौत हो गई है। इसके बारे में जानकारी लेने हम सीधे चलते हैं अपने संवाददाता मनीष के पास।

हां तो मनीष बताएं कि यह घटना कैसे हुई।

मनीष- नेहा घटना के बारे में तो कोई जानकारी नहीं मिल पाई है कि कुत्ते की मौत कैसे हुई है, लेकिन इस कुत्ते को किसी सज्जन ने यहां पर काफी समय से पड़े देखा तो हमें खबर की है।

तभी कुत्ते के भौकने की जोर-जोर से आवाजें आने लगती हैं।

न्यूज रीडर , संवादताता से पूछती हैं- लगता है मनीष कुत्ते के रिश्तेदार आ गए हैं।

उधर से मनीष की कोई आवाज नहीं आती है

न्यूज रीडर बार-बार पूछती हैं- मनीष क्या कुत्ते के रिश्तेदार आ गए हैं।

काफी देर बाद मनीष हांफते हुए बताते हैं- नेहा कुत्ते के रिश्तेदार नहीं आए हैं बल्कि मरा हुआ कुत्ता उठ गया है मुझे ही दौड़ा रहा है।

यह एक नमूना है कि कैसे खबरों के लालच में न्यूज चैनल वाले एक जिंदा कुत्ते तक को मरा हुआ समझ कर उसका सीधा प्रसारण करने से बाज नहीं आते हैं। वैसे ऐसा कोई प्रसारण किसी न्यूज चैनल से अब तक तो नहीं हुआ है और यह तो हास्य कलाकार की कल्पना है। लेकिन इसमें कोई दो मत नहीं है कि यह कल्पना कभी भी साकार हो सकती है।

9 टिप्पणियाँ:

M VERMA रवि नव॰ 08, 06:10:00 am 2009  

कुत्ता तो कुत्ता है क्या पता मरने के बाद भी भौकने लगे. समाचार भी तो बनाना है. और फिर सबसे पहले हम ---- आखिर मरने का इंतजार ही क्यो करें.

ब्लॉ.ललित शर्मा रवि नव॰ 08, 07:56:00 am 2009  

कुत्ते को पुरा पेमेंट नही किया होगा? इसलिए कितनी देर तक मरने का अभिनय करता,जैसे ही उसका टाईम खत्म हुआ वो उठ कर भाग गया-जितना पैसा -उतना काम, हा-हा-हा

अजय कुमार झा रवि नव॰ 08, 07:56:00 am 2009  

रिपोर्ट अधूरी थी जी ....यदि इंडिया टीवी पर चलती तो कुछ यूं होती ..कुत्ते के भौंकने के बाद कहते..

देखिये सिर्फ़ इस चैनल पर ...एक्सक्लुसिव ....कुत्ते की आत्मा कातिल का नाम ले रही है ..ये फ़ोटो और ये कहानी आपको और कहीं नहीं मिलेगी । फ़िर कुत्ते के भौंकने का विश्लेषन किया जाता । कमाल के हमारे चैनल्स ।

Anil Pusadkar रवि नव॰ 08, 09:28:00 am 2009  

क्या काका, राज्योत्सव का मज़ा ले रहे हो?लो लो।

बेनामी,  रवि नव॰ 08, 09:49:00 am 2009  

हा हा

ये भी खूब रही!

बी एस पाबला

rashmi ravija रवि नव॰ 08, 04:10:00 pm 2009  

बहुत ही सटीक व्यंग...इसी तरह की रिपोर्टिंग देख देख कर टी.वी. न्यूज़ से ही वितृष्णा हो गयी है.

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