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रविवार, फ़रवरी 21, 2010

ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं....



नेताजी स्टेडियम में मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश के बीच मैच प्रारंभ होने से पहले जब भारतीय टीम की खिलाडिय़ों ने मैदान का एक चक्कर लगाया तो सबके मुंह ने यही बात निकली कि हॉकी के एक प्रदर्शन मैच में इतने दर्शक। वास्तव में यह हॉकी खिलाडिय़ों के लिए सुखद और आश्चर्य जनक था कि हॉकी का एक प्रदर्शन मैच देखने के लिए दर्शक टूट पड़े थे। हॉकी खिलाडिय़ों का कहना है कि ऐसी दीवानगी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी।

हरिभूमि की पहल पर राजधानी रायपुर के नेताजी स्टेडियम में आयोजित मैच में जब खिलाडिय़ों के कदम पड़े तो हर दर्शक खिलाडिय़ों की एक ङालक पाने के लिए बेताब हो गए। ऐसे में खिलाडिय़ों से मैदान का एक चक्कर लगाने के लिए कहा गया। जैसे ही खिलाडिय़ों ने मैदान में चक्कर लगाना प्रारंभ किया तो खिलाड़ी जहां से भी गुजरे वहां पर उनका स्वागत तालियों से किया गया। टीम की सभी खिलाडिय़ों ने एक स्वर में कहा उनको यहां आने से पहले न तो इस बात की कल्पना थी कि यहां पर उनका ऐसा ऐतिहासिक स्वागत होगा और उनका एक प्रदर्शन मैच देखने के लिए इतने ज्यादा दर्शक आ सकते हैं।

टीम के कोच एमके कौशिक, वासु थपलियाल,भारतीय टीम की कप्तान सुरिन्द्रर कौर, सबा अजुंम, ममता खरब के साथ ज्यादातर खिलाडिय़ों ने कहा कि वास्तव में छत्तीसगढ़ ने हमारा जो सम्मान किया है, उसको हम लोग ताउम्र नहीं भूल सकते हैं। इन्होंने कहा कि उनके वास्तव में अब हॉकी स्टिक पकडऩे का मलाल नहीं रहेगा। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि मैच का आयोजन करने वाले हरिभूमि के प्रबंध संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सुबह को ही प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा था कि यहां पर मैच के आयोजन का मसकद महज खिलाडिय़ों को सम्मान राशि देना नहीं बल्कि उनको उनके दिल में यह बात लानी है कि वे यहां से ऐसी यादें लेकर जाए और वे यह कभी महसूस न करें कि उन्होंने हॉकी स्टिक क्यों पकड़ी थी। खिलाडिय़ों की खुशी छुपाए नहीं छुपी रही थी।

दर्शकों ने लिया मैच का भरपूर आनंद

मैच में दर्शकों ने मैच का भरपूर आनंद लिया। खिलाडिय़ों के अच्छे खेल पर उनको दाद मिलती रही। इस बात में कोई दो मत नहीं है कि खिलाडिय़ों को दाद की भूख रहती है। मैच के अंत में यही बात राज्यपाल शेखर दत्त ने भी कही कि खिलाडिय़ों को दाद से ही प्रोत्साहन मिलता है।


मैच की कमेंट्री ने बांध शमा

मैच के दौरान पहले ५ मिनट के खेल के बाद जाने-माने केमेट्रेटर मिर्जा मसूद के साथ गुरमीत सिंह सलूजा ने कमेंट्री करके सबका मन मोह लिया। इनकी कमेंट्री ने दर्शकों को विश्व कप के साथ और कई अंतरराष्ट्रीय मैचों की कमेंट्री की याद दिला दी। मैच में स्टेडियम में बैठने की जगह नहीं थी, कई दर्शकों ने खड़े-खड़े मैच देखा। कोई भी दर्शक देश के राष्ट्रीय खिलाडिय़ों को खेलते देखने का मौका नहीं गंवाना चाहता था।


आतिशीबाजी भी हुई

खिलाडिय़ों के मैदान में आने के साथ ही अतिथियों के भी मैदान में आने के समय जहां जोरदार आतिशीबाजी की गई, वहीं जब खिलाडिय़ों का सम्मान किया जा रहा था,उस समय भी जोरदार आतिशीबाजी ने सबका मन मोह लिया।


छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी मैच खेलकर खुश

छत्तीसगढ़ की १० खिलाडिय़ों रेणुका राजपूत, पूनम सोना, शोभा वर्टी, योगिता, लावेन पूजा राजपूत , वर्षा देवांगन, सेवंती कुसरे, माया, प्रियंका को मैच में दोनों टीमों के साथ मिलकर मैच खेलने का मौका मिला। इनको यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनको भारतीय टीम की सितारा खिलाडिय़ों के साथ राष्ट्रीय कोच की मार्गदर्शन में खेलने का मौका मिल गया है। मैच के बाद जब उनको सम्मान राशि मिली तो उनकी खुशी दोगुनी हो गई।

1 टिप्पणियाँ:

डॉ महेश सिन्हा रवि फ़र॰ 21, 10:06:00 am 2010  

बहुत अच्छा
इसे "छत्तीसगढ़" ब्लॉग में भी दे रहा हूँ

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