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रविवार, मार्च 21, 2010

दिल्ली पर पाकिस्तान का कब्जा

यह हैरान और परेशान करने वाली बात है, लेकिन हकीकत है कि दिल्ली पर पाकिस्तान का कब्जा हो गया है। यह कब्जा पाकिस्तान ने अपने दम पर नहीं बल्कि भारत के ही दम पर किया है। भारतीय रेलवे के एक विज्ञापन में यह शर्मनाक बात सामने आई है कि इस विज्ञापन में दिल्ली को पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया है। यही नहीं कोलकाता को बंगाल की खाड़ी में बताया गया है। यह सब किसी छोटे से विज्ञापन में नहीं बल्कि एक नई ट्रेन के आरंभ होने के मौके पर दिए गए बड़े-बड़े विज्ञापनों में दिखाया गया है जिसमें रेल मंत्री ममता बनर्जी की भी बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगी थीं। इतना सब होने के बाद अब तक इस मामले में न तो किसी पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही रेल मंंत्री या फिर भारत सरकार ने इस पर कोई खेद जताया है। इस मामले के लिए विज्ञापन एजेंसी को बलि का बकरा बनाया गया। इसका मतलब साफ है कि अगर दिल्ली पर पाकिस्तान का कब्जा हो भी जाए तो अपनी सरकार को क्या फर्क पड़ता है।

आज सुबह अचानक एक खबर पर नजरें पड़ीं कि दिल्ली पाकिस्तान में। हम भी चौक गए कि यार यह रातों-रात क्या हो गया जो पाकिस्तान ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया। हमें लगा कि ऐसा तो नहीं कि हम सोते रहे और रात को पाकिस्तान ने हमला करके दिल्ली तक कब्जा कर लिया। वैसे यह बात कभी संभव नहीं हो सकती है, पाकिस्तान एक क्या सात जन्मों तक दिल्ली तक पहुंच ही नहीं सकता है। अब इसका क्या किया जाए कि पाकिस्तान के सपनों को कम से कम कागजों में ही सच करने का काम हमारे देश के लोगों ने ही कर दिखाया है। दरअसल महाराजा एक्सप्रेस नाम से एक लक्जरी ट्रेन कल से कोलकाता से प्रारंभ हुई है। इस ट्रेन को रेल मंत्री ममता बनर्जी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ऐसे में जब  इसके लिए भारतीय रेलवे ने विज्ञापन जारी किए तो सभी विज्ञापनों में ट्रेन का जो रूट दिखाया गया है, उस रूट वाले नक्शे में ही दिल्ली को पाकिस्तान और कोलकाता को बंगाल की खाड़ी में दिखाया गया है। इस विज्ञापन के छपने के बाद काफी हंगामा हुआ है।

इतना सब होने के बाद भी रेलवे का कोई अधिकारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। इस मामले के लिए विज्ञापन एजेंसी को बलि का बकरा बना दिया गया है। सारा दोष विज्ञापन एजेंसी पर डाल दिया गया है और रेलवे के अधिकारी ने इस तरह से क्षमा मांगने का काम किया है, मानो वह कोई अहसान कर रहे हैं। सोचने वाली बात है कि जब विज्ञापन रेलवे का है तो सबसे पहली गलती किसकी है। रेलवे ने इतने गंभीर विज्ञापन को प्रकाशित होने से पहले चेक कैसे नहीं किया। यह कैसे संभव है कि चेक करने के बाद विज्ञापन एजेंसी दिल्ली को पाकिस्तान में कर देगी। जैसे की रेलवे के जन संपर्क अधिकारी कह रहे हैं। कुल मिलाकर रेलवे के अधिकारियों का यह बचने का नाटक है। एक तो इस सारे मामले में खुद रेल मंत्री को सार्वजनिक रूप से पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए, फिर इस मामले में दोषी अधिकारियों को बर्खास्त कर देना चाहिए। यह तो सरासर देश की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ है। इससे बड़ा अपमान अपने देश का हो ही नहीं सकता है। जिस पाकिस्तान के मंसूबों को कभी भी हमारे जवानों से पूरा होने नहीं दिया उनके मंसूबों को एक बार भले ही कागजों में पूरा तो कर दिया गया। इस बात को लेकर पाकिस्तान में तो जरूर जश्न का माहौल होगा कि चलो यार कागजों में ही सही हमारा कब्जा दिल्ली पर तो हो ही गया।

2 टिप्पणियाँ:

अजय कुमार झा रवि मार्च 21, 08:50:00 am 2010  

राज भाई ये तो ममता दी ..की अपरम्पार ममता है ...दिल्ली कोलकाता , मुंबई चेन्नई ,....वो सब बांट सकती हैं ..हम भी सोच रहे हैं कि एक ठो ...कालीबगान मांग लें ..बस नक्शा ही तो बनाना है ..अपना हुआ ...अभी प्रोफ़ाईल सुधार के दिल्ली को पाकिस्तान करता हूं
अजय कुमार झा

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