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रविवार, अप्रैल 18, 2010

गर्मी में ठंडक का अहसास कराती चित्रकूट की धारा- बस्तर यात्रा-5

बस्तर यानी जगदलपुर गए और वहां जाने के बाद आप चित्रकूट नहीं गए तो कोई मतलब नहीं है। भरी गर्मी में वहां जाने के बाद जो सकून मिलता है उसकी कल्पना आप कर ही नहीं सकते हैं। इतनी गर्मी के बाद भी वहां की कल-कल करती जलधारा को देखकर जो ठंडक मिलती है उसका अहसास करना है तो वहां जरूर जाएँ। आप चित्र देखकर ही समझ सकते हैं कि चित्रकूट जाने के बाद आप क्या महसूस करेंगे। चित्रकूट की जगदलपुर से महज 40 किलो मीटर की दूरी है। लेकिन हम यहां पर बारसूर के जिस रास्ते से गए थे, वह रास्ता पूरी तरह से नक्सल प्रभावित है और पूरा जंगल वाला है। इस जंगल वाले नक्सल प्रभावित करीब 46 किलो मीटर की यात्रा की बातें हम बाद में बताएँगे फिलहाल आप लें चित्रकूट के चित्रों का मजा।

9 टिप्पणियाँ:

Smart Indian रवि अप्रैल 18, 06:18:00 am 2010  

वाह! घर बैठे चित्रकूट का मजा आ गया। धन्यवाद!

बेनामी,  रवि अप्रैल 18, 07:45:00 am 2010  

बढ़िया

धारा प्रवाह कुछ कम हो गया लगता है वरना पहले तो ...

Udan Tashtari रवि अप्रैल 18, 07:45:00 am 2010  

बहुत बचपन में चित्रकूट गये थे..तब भिलाई ३ में सरकारी स्कूल में ५वीं में थे..आज यद ताजा हुई.

mamta रवि अप्रैल 18, 10:04:00 am 2010  

सुन्दर चित्र ।

राजकुमार सोनी रवि अप्रैल 18, 10:54:00 am 2010  

प्रिय भाई राजकुमार,
धमाकों के बीच तुम बस्तर घूम आएं यह कम बड़ा साहस नहीं है। वैसे यह तय है कि बस्तर है बहुत ही खूबसूरत। पता नहीं लोग इसकी खूबसूरती को क्यों खराब करना चाहते हैं। फोटो अच्छी है।

Sanjeet Tripathi रवि अप्रैल 18, 01:14:00 pm 2010  

सुंदर तस्वीरें।

गर्मी का असर धारा प्रवाह पर हुआ लग रहा है।

समयचक्र रवि अप्रैल 18, 06:18:00 pm 2010  

बहुत बढिया जानकारी दी है राजकुमार जी .... चित्र देखकर तबियत खुश हो गई ..कभी देखूंगा .

नरेश सोनी रवि अप्रैल 18, 07:13:00 pm 2010  

दो साल पहले प्रेस टूर पर बस्तर जाना हुआ था। प्रताप और आपके फोटो देखकर सारी यादें ताजा हो आई। बहुत अच्छी तस्वीरें हैं।

अजित वडनेरकर शनि अप्रैल 24, 07:55:00 am 2010  

चल रहे हैं सफर में साथ...

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