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सोमवार, अप्रैल 12, 2010

बस्तर के सौदर्य को करीब से देखकर आज ही लौटे हैं

काफी समय से घुमने जाने की इच्छा थी। सोचा कि चलो बस्तर की ही सैर कर ली जाए। बस्तर में ऐसा सौदर्य है जिसकी कल्पना करना सहज नहीं है। हमने जिस दिन वहां जाने का कार्यक्रम बनाया उसके ठीक एक दिन पहले नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे। हमारे कुछ मित्रों ने मना किया कि बस्तर न जाए। पर हमने अपना इरादा नहीं बदला और अपने मित्रों के साथ गए और पांच दिनों तक बस्तर के सौदर्य को करीब से देखा। वहां हमने क्या-क्या देखा इसके बारे में विस्तार से जरूर बताएँगे। हम तो उस रास्ते पर भी गए जिस रास्ते को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। अपनी बस्तर यात्रा में हमने इतनी तस्वीर खींचीं हैं कि हर तस्वीर देखने योग्य है। अब हमें यह तय करना है कि अपने ब्लागर मित्रों और पाठकों के लिए क्या-क्या पेश किया जाए। हमने वहां पर करीब 400 तस्वीरें लीं हैं और हर तस्वीर कुछ न कुछ बोलती है। हमने सोचा कि चलो पहले अपने मित्रों को बता दें कि हम बस्तर से वापस आ गए हैं। वैसे हमने वहां जाने की बात ब्लागर मित्रों को बताई नहीं थी। हमने अपने ब्लाग राजतंत्र में वहां जाने से पहले चार पोस्ट शेड्यूल कर दी थी ताकि कोई भी दिन खाली न रहे। बस आज का ही दिन खाली जा रहा था सो आते ही हमने सोचा कि चलो कुछ लिख दिया जाए। बाकी बातें कल करेंगे। फिलहाल लेते हैं विदा।

9 टिप्पणियाँ:

Jandunia सोम अप्रैल 12, 07:36:00 pm 2010  

बहुत अच्छी पोस्ट। हम यूं ही भय की वजह से आदिवासी इलाकों के सौंदर्य को नजरअंदाज करते हैं। आपने बस्तर की तारीफ की, अच्छा लगा।

Unknown सोम अप्रैल 12, 07:37:00 pm 2010  

तस्वीरें देखने की उत्सुकता है राजकुमार जी… जल्दी से 4 ठो पोस्ट और ठेली जायें…

M VERMA सोम अप्रैल 12, 08:10:00 pm 2010  

बस्तर का आदिवासी स्वरूप ही अब तक रखा गया है. उत्सुकता है आपकी यात्रा वृत्तांत और वहाँ के चित्र देखने के लिये.

गगन शर्मा, कुछ अलग सा सोम अप्रैल 12, 09:25:00 pm 2010  

प्रकृति ने दिल खोल कर यहां अपनी नेमत बरसाई है। आतंक और दहशतगर्दी के धूएं से प्रदूषित ना हो जाए यही कामना है।
आपकी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी।

प्रकाश गोविंद सोम अप्रैल 12, 10:29:00 pm 2010  

meri ek lambe arse se tamanna hai ki BASTAR ke area men ghoomne jaaya jaaye...... lekin aisa sambhav nahin ho paaya.

pictures dekhne ko utsuk hun

aabhaar

घटोत्कच मंगल अप्रैल 13, 01:10:00 am 2010  

अरे!ये तो बहुत बड़ा काम कर दिया।
सच में ये बस्तर की फ़ोटु है या और कहीं की।
मै इसलिए पुछ रहा हुँ कि यहां पर केवल
एक आदमी जैसा ही दिख रहा है।

Udan Tashtari मंगल अप्रैल 13, 02:49:00 am 2010  

सारी तस्वीरें पिकासा पर चढ़ाकर लिंक दे दिजिये. वहीं देख लेंगे. यहाँ चुनिंदा छाटकर वृतांत सुनाया जाये पग दर पग.

विवेक रस्तोगी मंगल अप्रैल 13, 06:17:00 am 2010  

पिकासा पर ठेलिये तस्वीरें अब रुकते नहीं बन रहा है सौन्दर्य देखने के लिये ।

वैसे भी हम प्रकृति के दीवाने हैं, जल्दी से कुछ खास खास लिख दीजिये।

Sanjeet Tripathi मंगल अप्रैल 13, 01:04:00 pm 2010  

vivran padhne ke sath tasveerein dekhna chahenge apan bhi

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