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बुधवार, मई 05, 2010

ये है कूबेरपति बनने का फार्मूला

आम जनता को खाकपति बनाकर कूबेरपति बनने का फार्मूला कई लोग टीवी चैनल और मोबाइल के जरिए अपना रहे हैं। ये लोग आस्था के नाम पर लोगों को प्रभावित कर तरह-तरह के ख्याब दिखाकर लूटने का काम कर रहे हैं और अपने देश के पढ़े-लिखे गंवार लोग आसानी से इनके झांसे में आ रहे हैं। हमारे मोबाइल पर जहां एक मैसेज यह आया कि आप एकमूखी रूद्राक्ष महज 15 सौ रुपए में खरीद सकते हैं, वहीं हमने इंटरटेन टीवी चैनल पर कल ही कूबेर कुंजी का एक विज्ञापन देखा जिसमें लोगों को बेवकूफ बनाकर ये कुंजी बेचने का पूरा सामान किया गया था।
कल दोपहर को हम खाना खाने के लिए घर गए तो इंटरटेन टीवी चैनल पर एक विज्ञापन चल रहा था। इस विज्ञापन में एक सरदार जी बता रहे थे कि कैसे उनको कूबेर कुंजी धारण करने के बाद फायदा हुआ और वे आज अपना पांचवां ट्रक खरीदने जा रहे हैं। इसी तरह से और कई लोगों को दिखाया गया कि कैसे वे कूबेर कुंजी धारण करने के बाद सफल हुए हैं और उन पर कूबेर महाराज प्रसन्न हो गए हैं। इस कूबेर कुंजी को धारण करने की सलाह टीवी पर आए हर आदमी ने दी। इनकी सलाह पर अमल करने वाले न जाने अपने देश में कितने होंगे। लेकिन यह सोचने वाली बात है कि क्या किसी भी तरह की कोई कुंजी धारण करने से ही आदमी कूबेरपति या लखपति बन सकता है। हम तो इतना जानते हैं कि ऐसी कुंजी धारण करने वाले लखपति बने या न बने लेकिन यह तय है कि इस कुंजी को बेचने वाले जरूर अब तक लखपति नहीं बल्कि कुबेरपति बन चुके हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो टीवी पर इतने लंबे समय तक विज्ञापन दिखाने का खर्च भला वो लोग कैसे उठाते। कुंजी बेचने वाले इसकी कीमत 3850 रुपए बताते हैं। अब यह बात भी तय है कि इतनी कीमत वाली कुंजी कोई आम आदमी तो खरीद नहीं सकता है। इसको खरीदने वाले वैसे भी पैसे वाले होंगे। यहां एक बात यह भी है कि वैसे भी पैसे की भूख उनको ही ज्यादा रहती है जिनके पास पैसा ज्यादा रहता है। ऐसे लोगों के लिए महज 3850 रुपए खर्च करना कोई बड़ी बात नहीं है और यह बात संभवत: ऐसी कुंजी बनाने वाले भी जानते हैं तभी तो वे लगातार ऐसे लोगों को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं। इस कुंजी को बेचने के लिए ऐसे लोग आस्था का भी सहारा रे रहे हैं और लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए कहते हैं कि शास्त्रों में भी लिखा है कि कूबेर को ही शिव से ऐसी चाबी दी थी। यानी की कूबेर बनने के लिए कूबेर की कुंजी की एक मात्र रास्ता है। अपने देश में एक बात तो तय है कि यहां पर आपको किसी को लुटना है तो धर्म और आस्था से ज्यादा आसान रास्ता और कोई नहीं हो सकता है।
एक तरफ जहां हमने कल टीवी पर कूबेर कुंजी का विज्ञापन देखा, वहीं हमारे मोबाइल पर एक एसएमएस आया कि एक मूखी रूद्राक्ष महज 15 सौ रुपए में खरीदे। इसके फायदे भी गिनाए गए। अब यह बात अलग है कि हम ऐसे किसी एसएमएस और विज्ञापन के पीछे नहीं भीगते हैं, लेकिन बहुत से लोग हैं जो ऐसे विज्ञापन और एसएमएस के पीछे भागते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। 

5 टिप्पणियाँ:

M VERMA बुध मई 05, 06:32:00 am 2010  

अनास्था का शिकंजा आस्था के नाम पर

Udan Tashtari बुध मई 05, 08:04:00 am 2010  

जब तक बेवकूफ बनने वाले लोग हैं, बनाने वाले तो उपजते ही रहेंगे.

SANJEEV RANA बुध मई 05, 09:21:00 am 2010  

log apne lalach me bewkuf bante h
isliye aisa hota h
ytharth ko samjho

ब्लॉ.ललित शर्मा बुध मई 05, 09:46:00 am 2010  

करोड़पति से ही रोड़पति बनाते हैं लोग

बहुत बढिया
धन्यवाद्

नरेश सोनी बुध मई 05, 10:39:00 am 2010  

काश कि ऐसी कोई कुबेर कुंजी हमे भी मिल जाए।

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