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सोमवार, मई 24, 2010

सात किलो मीटर का होगा कारवां

राजधानी के शहीद भगत सिंह चौक से लेकर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स  तक करीब सात किलो मीटर के रास्ते में 9 अगस्त को एक ऐतिहासिक  नजारा होगा जब यहां पर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ सारे मंत्रियों और अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ खेल संघों से जुड़े पदाधिकारी कामनवेल्थ की बैटन को लेकर दौड़ेंगे। इस दिन होने वाले आयोजन के लिए प्रदेश के खेल विभाग ने जो तैयारी की है उस तैयारी से कामनवेल्थ बैटन रिले समिति के सदस्य संतुष्ट हैं। समिति के दो सदस्यों ने आज राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से आयोजन के बारे में दो घंटे तक चर्चा करके पूरी जानकारी ली। इसके पहले सदस्य सोमवार को राजनांदगांव और दुर्ग-भिलाई की तैयारियों को देखकर आए हैं।
दिल्ली में इस साल होने वाले कामनवेल्थ खेलों की मशाल यानी बैटन के छत्तीसगढ़ आगमन पर यहां राजधानी के साथ राजनांदगांव और दुर्ग-भिलाई में होने वाले आयोजन का जायजा लेने के लिए कामनवेल्थ समिति से आए दो सदस्यों योगेन्द्र दोहन और शिवांस भट्टनागर ने राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से चर्चा करके राजधानी में होना वाली बैटन रिले की पूरी जानकारी ली। समिति के सदस्यों को बताया गया कि राजधानी में करीब सात किलो मीटर की रिले का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में प्रदेश के राज्यपाल शेखर दत्त के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सभी मंत्रियों, महापौर और कुछ विधायकों को शामिल किया गया है। वीआईपी द्वारा जहां रिले का प्रारंभ किया जाएगा, वहीं समापन भी वीआईपी के हाथों होगा। अभी यह पूरी तरह से तय नहीं है कि इसकी वास्तविक रूपरेखा क्या होगी। लेकिन प्रारंभिक तौर पर जो तैयारी की गई है, उसको देखा जाए तो रिले का प्रारंभ खेलमंत्री लता उसेंडी के साथ शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से करवाने की योजना है। अब जहां तक समापन का सवाल है तो समापन में राज्यपाल शेखर दत्त के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को मुख्य रूप से रखा गया है। रिले का प्रारंभ जहां शहीद भगत सिंह चौक से होगा, वहीं समापन स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के  आउटडोर या इंडोर स्टेडियम में होगा। रिले के प्रारंभ में वीआईपी के बाद बैटन को तय किए गए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी जिनको राज्य के खेल पुरस्कार मिले हैं उनके हाथों में दिया जाएगा। करीब 15 खेल संघों को चिंहित किया गया है। हर खेल संघ के लिए करीब 250 मीटर की दूरी तय की गई है। करीब पांच किलो मीटर का फासला खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ खिलाड़ी तय करेंगे। रास्ते में 15 स्थानों पर खेल संघों के लिए पाइंट बनाए जाएंगे जहां पर वे अपने खिलाड़ियों के साथ रहेगे। अंतिम 500 मीटर में राज्य के दूसरे जिलों से आए खिलाड़ी बैटन लेकर दौड़ेंगे। सबसे अंत में बैटन मुख्यमंत्री के बाद राज्यपाल के हाथों में जाएगी।
निर्धारित ड्रेस ही आएगी दिल्ली से
खेल अधिकारी से चर्चा में समिति के सदस्यों ने एक बात साफ तौर पर कही कि राजधानी रायपुर के लिए तय की गई 60 धावकों की संख्या के मुताबिक ही वहां से कामनवेल्थ की ड्रेस आएगी। इससे ज्यादा ड्रेस भेजना संभव नहीं होगा। इन्होंने कहा कि अगर धावक ज्यादा होते हैं तो उनको किस तरह से समायोजित करना है, वह यहां का खेल विभाग देखेगा। इन्होंने कहा कि विभाग चाहे तो खिलाड़ियों की ड्रेस बदल कर दौैड़ा सकता है, या फिर यहां पर उसी तरह की ड्रेस बनाव ली जाए। इन्होंने कहा कि प्रदेश का खेल विभाग संख्या बढ़ाने के लिए आयोजन समिति के पास अपना प्रस्ताव भेज सकता है।
बैटन की आगमन 8 अगस्त को होगा
छत्तीसगढ़ में बैटन का आगमन दिल्ली से विमान द्वारा 8 अगस्त को करीब 11 बजे होगा। विमानतल से जोरदार स्वागत के बाद उसको यहां लाया जाएगा। राजधानी में रिले का आयोजन दोपहर को एक से दो बजे के बीच होगा। रिले में करीब चार घंटे का समय लगेगा और फिर समापन कार्यक्रम होगा। रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। दूसरे दिन 10 अगस्त को बैटन अपने दल के साथ राजनांदगांव के लिए रवाना होगी। सुबह 8 बजे यहां से रवाना होकर 10 बजे राजनांदगांव पहुंचने के बाद वहां पर 11 बजे से 1 बजे के बीच रिले का आयोजन होगा। राजनांदगांव में रिले का आयोजन करीब पांच किलो मीटर होगा। वहां से लंच के बाद दल दुर्ग के लिए दो बजे रवाना होकर तीन बजे पहुंचेगा और फिर वहां पर 3.30 बजे रिले का प्रारंभ होगा। रिले का समापन 5.30 बजे होगा। इसके बाद रात में बैटन को भिलाई में ही रखा जाएगा। 11 अगस्त को भिलाई से बैटन को सुबह विमान की उपलब्धतता के हिसाब से माना लाया जाएगा। इस बीच में विमानतल और रायपुर के बीच में वृक्षारोपण का भी कार्यक्रम होगा। दिल्ली से बैटन दल में 14 सदस्य आएंगे।
सुरक्षा धावक भी साथ होंगे
रिले के दौरान बैटन लेकर दौड़ने वाले घावकों के साथ दो से चार सुरक्षा धावक भी दौड़ेंगे। रिले के मार्ग में सबसे पहले मीडिया के एक या दो वाहन होंगे। इसके बाद बैटन धावक और फिर इसके पीछे वाहनों का एक बड़ा काफिल होगा। इस काफिले में सुरक्षा अधिकारियों के साथ एम्बुलेंस की भी व्यवस्था होगी। दिल्ली से आए सदस्यों ने करीब एक दर्जन वाहनों की मांग रखी है।
तैयारी ठीक है
दिल्ली से आए योगेन्द्र और शिवांस ने पूछने पर बताया कि वे यहां की तैयारी से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि उनको रायपुर के साथ भिलाई-दुर्ग के रास्ते में कोई परेशानी नजर नहीं आई है, राजनांदगांव में एक स्थान पर उनको ऐसा लग रहा है कि वहां पर वाहनों के काफिले को परेशानी हो सकती है। इसके बारे में वहां के अधिकारियों को बता दिया गया है। इसी के साथ राजधानी के खेल अधिकारी श्री डेकाटे से भी इस बात पर ध्यान देने के लिए कहा गया है। इन्होंने पूछने पर बताया कि बैटन धावकों के लिए पहली प्राथमिकता अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य, खेल रत्न के साथ ओलंपियन, एशियाड, विश्व कप में खेलने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। इसके अलावा राज्य जिन खिलाड़ियों को तय करें। इन्होने बताया कि खिलाड़ियों के अलावा दूसरे क्षेत्रों में विशेष पहचान रखने वालों को भी शामिल किया जा सकता है। किनको शामिल करना है, वह राज्य सरकार तय करेगी।

3 टिप्पणियाँ:

सूर्यकान्त गुप्ता सोम मई 24, 07:38:00 am 2010  

जानकारी के लिये शुक्रिया। भगवान से प्रार्थना करें नक्सली दैत्यों की भेंट न चढे यह आयोजन। सुरक्षा व्यव्स्था पुख्ता हो। सुरक्षा व्यवस्था से ज्यादा खुफिया तन्त्र मजबूत होना चाहिये ताकि किसी भी प्रकार की खतरे की आशंका की सुराक समय पर सुरक्षा विभाग को मिल सके।

Udan Tashtari सोम मई 24, 07:54:00 am 2010  

आभार जानकारी का!

ताऊ रामपुरिया सोम मई 24, 10:11:00 pm 2010  

बढिया जानकारी दी आपने. आभार.

रामराम.

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