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बुधवार, जून 16, 2010

११ अगस्त को छत्तीसगढ़ आएगी कामनवेल्थ की बैटन

कामनवेल्थ की बैटन का अब छत्तीसगढ़ में ११ अगस्त को आगमन होगा। पहले यह यहां पर ८ अगस्त को आने वाली थी। कामनवेल्थ आयोजन समिति ने आज खेल विभाग को इस बात की जानकारी भेजी है कि बैटन रायपुर में ११ अगस्त की शाम को आएगी और १४ अगस्त की सुबह वापस लौट जाएगी। अब बैटन के नए कार्यक्रम के मुताबिक यहां का कार्यक्रम तय किया जाएगा। राजधानी रायपुर के कार्यक्रम में फेरबदल किया जाएगा।
राजधानी में शहीद भगत सिंह चौक से लेकर स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स तक करीब सात किलो मीटर का सफर बैटन १२ अगस्त को तय करेगी।
दिल्ली में इस साल होने वाले कामनवेल्थ खेलों की मशाल यानी बैटन का छत्तीसगढ़ आने का कार्यक्रम बदल गया है। इस बदले हुए कार्यक्रम के मुताबिक अब बैटन कोलकाता से ११ अगस्त की शाम ७.२० बजे किंगफिशर के विमान से रायपुर आएगी। रायपुर में रात को विश्राम के बाद १२ अगस्त को बैटन रिले का आयोजन राजधानी में किया जाएगा। इस दिन राजधानी में करीब सात किलो मीटर की रिले का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में प्रदेश के राज्यपाल शेखर दत्त के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सभी मंत्रियों, महापौर और कुछ विधायकों को शामिल किया गया है। वीआईपी द्वारा जहां रिले का प्रारंभ किया जाएगा, वहीं समापन भी वीआईपी के हाथों होगा। अभी यह पूरी तरह से तय नहीं है कि इसकी वास्तविक रूपरेखा क्या होगी। रिले का प्रारंभ जहां शहीद भगत सिंह चौक से होगा, वहीं समापन स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के  आउटडोर या इंडोर स्टेडियम में होगा। रिले के प्रारंभ में वीआईपी के बाद बैटन को तय किए गए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी जिनको राज्य के खेल पुरस्कार मिले हैं उनके हाथों में दिया जाएगा। करीब १५ खेल संघों को चिंहित किया गया है। हर खेल संघ के लिए करीब २५० मीटर की दूरी तय की गई है। करीब पांच किलो मीटर का फासला खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ खिलाड़ी तय करेंगे। रास्ते में १५ स्थानों पर खेल संघों के लिए पाइंट बनाए जाएंगे जहां पर वे अपने खिलाडिय़ों के साथ रहेेंगे। अंतिम ५०० मीटर में राज्य के दूसरे जिलों से आए खिलाड़ी बैटन लेकर दौड़ेंगे। सबसे अंत में बैटन मुख्यमंत्री के बाद राज्यपाल के हाथों में जाएगी। वैसे इस तय कार्यक्रम में भी कुछ फेरबदल संभव है। अंतिम कार्यक्रम तो अगस्त के पहले सप्ताह मे ंही तय होगा।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बैटन का आगमन दिल्ली से विमान द्वारा ११ अगस्त को शाम ७.२० बजे होगा। विमानतल से जोरदार स्वागत के बाद उसको यहां लाया जाएगा। चूंकि बैटन का आगमन शाम को हो रहा है ऐसे में उस दिन के लिए पहले से तय कार्यक्रम को रद्द करना पड़ेगा। पहले बैटन ८ अगस्त को सुबह ११ बजे आने वाली थीष ऐसे में उस दिन भी कई कार्यक्रम रखे थे,लेकिन अब उस दिन कोई भी कार्यक्रम संभव नहीं होगा। राजधानी में रिले का आयोजन अब १२ अगस्त को संभवत: सुबह किया जाएगा। पूर्व में यह आयोजन दोपहर को एक से दो बजे के बीच होना था। रिले में करीब चार घंटे का समय लगेगा और फिर समापन कार्यक्रम होगा। रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
दूसरे दिन १३ अगस्त को बैटन अपने दल के साथ राजनांदगांव के लिए रवाना होगी। सुबह ८ बजे यहां से रवाना होकर १० बजे राजनांदगांव पहुंचने के बाद वहां पर ११ बजे से १ बजे के बीच रिले का आयोजन होगा। राजनांदगांव में रिले का आयोजन करीब पांच किलो मीटर होगा। वहां से लंच के बाद दल दुर्ग के लिए दो बजे रवाना होकर तीन बजे पहुंचेगा और फिर वहां पर ३.३० बजे रिले का प्रारंभ होगा। रिले का समापन ५.३० बजे होगा। इसके बाद रात में बैटन को भिलाई में ही रखा जाएगा। १४ अगस्त को भिलाई से बैटन को सुबह रवाना किया जाएगा। बैटन दल माना विमान तल जाएगा जहां से सुबह को ८.०५ के विमान से बैटन को दिल्ली रवाना किया जाएगा। बैटन दिल्ली होते हुए हैदराबाद जाएगी।

1 टिप्पणियाँ:

आचार्य उदय बुध जून 16, 12:20:00 pm 2010  

आईये जानें ..... मैं कौन हूं !

आचार्य जी

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