राजनीति के साथ हर विषय पर लेख पढने को मिलेंगे....

गुरुवार, सितंबर 09, 2010

फिर वो भी हर पल होंगे उदास


उनको तो मिल गया किसी का सहारा
हम अब तक हैं बेसहारा
कैसे चलेगा जिदंगी का गुजारा
सोचता है दिल हमारा बेचारा
दिल सच में है बेचारा
जो उनके इशारे पे गया मारा
जब दिल गया उनके इशारे पे मारा
तो अब कैसे हो उनके बिना गुजारा
उनको गुरूर है अपने आप पर
अपने हुश्न पर, अपने शबाब पर
लेकिन हम उनका गुरूर तोड़ेंगे
उनको भी एक दिन तन्हा छोड़ेंगे
तन्हाई जब उनको रूलाएगी
जरूर उनको हमारी याद आएगी
लेकिन तब हम नहीं होंगे पास 
फिर वो भी हर पल होंगे उदास

2 टिप्पणियाँ:

उम्मतें गुरु सित॰ 09, 10:45:00 am 2010  

तो क्या उनके सहारे को निपटाने की सोच रहे हैं :)

Related Posts with Thumbnails

ब्लाग चर्चा

Blog Archive

मेरी ब्लॉग सूची

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP