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शुक्रवार, सितंबर 17, 2010

मॉडरेशन का एक फायदा यह भी

हमने अपने ब्लाग राजतंत्र में जब से मॉडरेशन लगाया है, तब से हम कई तरह के फायदों में हैं। इनमें से एक फायदे के बारे में हमें अचानक मालूम हुआ जिससे हम अब तक अंजान थे। हमने जब मॉडरेशन नहीं लगाया था तो हमें यह कभी मालूम ही नहीं हो पाया कि हमारी पुरानी पोस्ट भी देखी जाती है और उस पर टिप्पणी आती है। लेकिन मॉडरेशन लगाने के बाद हमें यह सब मालूम हुआ।
कुछ दिन पहले हमने जब मॉडरेशन के इंतजार वाली टिप्पणियों को देखा तो हमें यह देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि कुछ टिप्पणियां ऐसी हैं जो हमारी काफी पुरानी पोस्ट के लिए आई थीं। इसके पहले हमें कभी यह मालूम ही नहीं हो सका कि हमारी पुरानी पोस्ट भी पढ़ी जाती है और लोग उस पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। हम तो यही समझते थे कि संभवत: 24 घंटे के बाद कोई पोस्ट पर नजरें डालता ही नहीं है। लेकिन मॉडरेशन की वजह से हमारा यह भ्रम दूर हो गया है। इसी के साथ अब हमें इस बात की बहुत खुशी है कि अवांछित लोग अब कम से कम टिप्पणी करने नहीं आ रहे हैं। वरना हमें भी काफी परेशान करके रखा गया था। हमें अपनी पुरानी पोस्टों पर भी अब लगातार टिप्पणियां नजर आ रही हैं। तो है न यह एक फायदे का सौदा, तो देर किस बात की है अगर आप भी अवांछित टिप्पणियों  से परेशान हैं अैरै जानना चाहते हैं कि आपकी पुरानी पोस्ट कब पढ़ी गई है और उसके बारे में लोगों के क्या विचार है तो तत्काल अपने ब्लाग में मॉडरेशन लगाने का काम करें।

4 टिप्पणियाँ:

36solutions शुक्र सित॰ 17, 11:27:00 am 2010  

इस ब्‍लॉग के पिछले पोस्‍टों में आपकी पत्रकारिता के अनुभव को महसूस कर रहा हूं भाई साहब, आपके पिछले पोस्‍टों में भी जहां पाठकों को ऐसी बात नजर आ रही होगी निश्चित ही वहां से कमेंट आ रहे होंगें. इसे आप ब्‍लाफगर की नई सुविधा स्‍टेट्स में भी देख सकते हैं जहां पिछले पोस्‍टों के क्लिक होने की जानकारी मिल सकती है।
माडरेशन में ब्‍लॉगर नें एक और सुविधा दी है जिसके अनुसार आप दिनों की संख्‍या देनें के बाद पिछले पोस्‍टों में माडरेशन चालू कर सकते हैं जबकि नये पोस्‍ट बिना माडरेशन के होंगें इसी प्रकार आप टिप्‍पणियों को मेल से प्राप्‍त करने का विकल्‍प यदि डालते हैं तो आपके सभी पोस्‍टों की टिप्‍पणियां आपको मेल बाक्‍स में दिखेंगीं और आपको ज्ञात हो जायेगा कि किस पोस्‍ट में टिप्‍पणी आई इसके लिये कमेंट पब्लिश का विकल्‍प उपयोग नहीं करना होगा जबकि आपको कम्‍पलीट माडरेशन में टिप्‍पणियों को पब्लिश करना होता है। शेष फिर कभी ......
बीईग ए तकनीकि अल्‍पज्ञानी, मैं सोंचता हूं कि, अवाछित टिप्‍पणियों से पीछा छ़डाने का यह विकल्‍प इतना दमदार नहीं है.

अन्तर सोहिल शुक्र सित॰ 17, 01:04:00 pm 2010  

नई-पुरानी पोस्ट पर कोई टिप्पणी आते ही मेल में भी तो आ जाती हैं जी, शायद आपने कमेंट्स नोटिफिकेशन ईमेल में अपना ईमेल आईडी नहीं डाला हुआ है। Setting>Comments>comments Notification Email में अपना ईमेल आईडी डाल दें।

प्रणाम

उम्मतें शुक्र सित॰ 17, 05:08:00 pm 2010  

संजीव भाई की बातों पर गौर कीजियेगा !

गगन शर्मा, कुछ अलग सा शुक्र सित॰ 17, 07:26:00 pm 2010  

24 घंटे तो क्या मेरा भ्रम तो तीन-चार घंटे का ही था। :-)

पर यह "परिमितता" का प्रयोग लगता है कि दूसरों के संयम की परीक्षा है। ऐसा मेरा सोचना है। बहुत बार उल्टा-सीधा लिखा आता है पर ......

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