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मंगलवार, सितंबर 21, 2010

ये तो अन्नु मलिक की दादागिरी है

सोनी टीवी में कल रात को इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा नामक एक कार्यक्रम में एक कलाकार अपनी कला पेश कर रहे थे, कि निर्णायकों की कुर्सी पर बैठे अन्नु मलिक ने उन्हें रोक दिया। इन कलाकार की कला वास्तव में लाजबाब थी, पर इसका क्या किया जाए कि अपने मलिक साहब को वह पसंद नहीं आई या फिर यह कहा जाए कि उनके समझ में ही नहीं आया। जब उनके समझ में ही नहीं आया तो उन कलाकार की कला पर ही ब्रेक लगा दिया। इस कार्यक्रम में ऐसा तीन बार हुआ।
इन दिनों सोनी टीवी पर इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा चल रहा है। इस कार्यक्रम में हमेशा से अन्नु मलिक और फरहा खान आते हैं। इनकी लगातार इस कार्यक्रम में दादागिरी चल रही है कहा जाए तो गलत नहीं होगा। कल फरहा खान के स्थान पर अपने पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू बैठे थे। कार्यक्रम में एक कलाकार आए और अपनी कला का प्रदर्शन करने लगे साथ में उनकी साथी कलाकार जो कि उनकी पत्नी थी, बताते जा रही थी कि वे क्या कर रहे हैं। इन कलाकार की कला कुछ इस तरह से थी कि उनका एक हाथ कुछ अलग अंदाज में चल रहा था दो दूसरा कुछ अलग अंदाज में यही काम उनके पैर भी कर रहे थे यानी की उनके दोनों हाथ अलग तरह से मूवमेंट में थे, दोनों पैरे भी अलग-अलग मूवमेंट में थे। लेकिन यह बात अपने अन्नु मलिक साहब को समझ ही नहीं आई और उन्होंने उनको एक मिनट के समय में रोक दिया। यह इस कार्यक्रम का नियम बनाया गया है कि निर्णायकों या दर्शकों को कुछ पसंद नहीं आता है तो एक मिनट में उसे रोक दिया जाता है। नियम तो ठीक है, पर कई बार इस नियम के कारण ऐसा लगता है कि निर्णायक अपनी दादागिरी चला रहे हैं।
इन कलाकार की पत्नी के दावा किया कि जैसा उनके पति कर रहे हैं कोई नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया भी कि यह सब दिमाग को अपने बस में करके लंबी साधना के बाद करना संभव होता है। जिस काम को सीखने के लिए किसी कलाकार ने इतना लंबा समय गंवाया उनकी मेहनत पर अन्नु मलिक जैसे निर्णायक एक मिनट में पानी फेर देते हैं। किसी भी कलाकार को मंच पर बुलाया जा रहा है तो उनको अपनी कला दिखाने का तो पूरा मौका देना चाहिए
ऐसा ही एक और कलाकार ग्वालियर के एक युवक के साथ किया गया। वह युवक अपनी आंखों की पलकों से सुईयां उठाने का काम कर रहे थे। ्अब ऐसा करने में उन कलाकार को कोई डर नहीं लग रहा था, लेकिन अपने अन्नु मलिक साहब को यह लगा कि आंखों को नुकसान पहुंचाने वाला यह कार्यक्रम ठीक नहीं है। इसी कार्यक्रम में लोगों ने अपने जान का जोखिम उठाकर कार्यक्रम पेश किए हैं, तो फिर वे कार्यक्रम उनको कैसे पसंद आ जाते हैं।
कल रात के ही कार्यक्रम में एक फिल्मी कलाकार संभावना सेठ ने जब डांस  करना शुरू किया तो उन्हें भी अन्नु मलिक ने बीच में रोक दिया। संभावना को इससे गुस्सा आया और उन्होंने अन्नु मलिक की चुनौती स्वीकार एक मार्शल आर्ट के कलाकार के साथ मिलकर अपने शरीर में सब्जियों रखकर कटवाने की हिम्मत दिखाई और अन्नु मलिक को बताया कि कलाकार अगर कुछ करने पे आए तो कुछ भी कर सकता है। हमारा ऐसा मानना है कि अन्नु मलिक जैसे निर्णायकों को अपनी दादागिरी से बाज आते हुए कलाकारों को अपनी कला पेश करने का पूरा मौका देना चाहिए।


6 टिप्पणियाँ:

उम्मतें मंगल सित॰ 21, 10:18:00 am 2010  

ये प्रोग्राम हमने देखा नहीं तो क्या कह सकते हैं !

P.N. Subramanian मंगल सित॰ 21, 11:31:00 am 2010  

अन्नु मलिक की दादागिरी हमने अनेकों बार देखी है. मजे की बात यह है की उनके खुद के संगीत में कोई मौलिकता नहीं है. एक प्रतिभागी ने तो उनके मुह पर ही कह दिया था.

दीपक बाबा मंगल सित॰ 21, 12:10:00 pm 2010  

भैया, ऐसे कार्यकर्म मत देखा करो......

हम भी नहीं देखते.

Rahul Singh मंगल सित॰ 21, 03:07:00 pm 2010  

कितना रियल और कितनी रियलिटी, पता नहीं.

गगन शर्मा, कुछ अलग सा मंगल सित॰ 21, 07:16:00 pm 2010  

क्या कहा जाए, ये दोनो जिनको जज बनाया गया है किस्मत के धनी हैं। आजकल बहुतेरे गधे पहलवान बने हुए हैं खुदा की मेहरबानी से।
एक है जो कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा ले "तोड़ा" बना अपने को संगीतकार मानने लग गया है तो दूसरी ने बैसाखियों का सहारा ले, दो-तीन फिल्मों के टुकड़े मिला "मिक्स वेजिटेबल" की सब्जी बना ड़ाली। लोगों ने भी चटकारे लिए और अगली भी अपने लिए "गलत फैमिली" पाल बैठी। यहां चढते सुरज को सलाम है।
अब वह बिग बास जैसा कुछ आने वाला है। देख लीजिए उसमें भाग लेने वालों को, एक से एक "हिस्ट्री शीटर" हैं।

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