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रविवार, नवंबर 21, 2010

अलविदा, राज्य खेल महोत्सव में मिलेगें

स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के खेल मैदान में जैसे की मुख्यअतिथि के कदम पड़े खिलाडिय़ों का काफिल मार्च पास्ट करने लगा। हर खेल के खिलाड़ी हाथ हिलाते हुए मंच के पास से गुजरते हुए मानो एक ही संदेश दे रहे थे कि अलविदा ... अब राज्य खेल महोत्सव में मिलेंगे। रायपुर जिले के ऐतिहासिक आयोजन के बाद अब राजधानी रायपुर में ही ११ दिसंबर से राज्य खेल महोत्सव का आयोजन होगा। इस महोत्सव में राज्य के हर जिले के खिलाड़ी शामिल होंगे।
स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के मैदान में जिस तरह से खिलाडिय़ों का मार्च पास्ट हुआ उसके बाद मुख्यअतिथि बृजमोहन अग्रवाल को यह कहना पड़ा कि जब हम लोग मार्च पास्ट की सलामी ले रहे थे तो हमें ऐसा लगा ही नहीं कि यह रायपुर जिले का आयोजन है। हमें बिलकुल ऐसा लग रहा था कि यह कोई ओलंपिक या राष्ट्रीय खेलों जैसा बड़ा आयोजन है। उन्होंने कहा कि वास्तव में इसमें कोई दो मत नहीं है कि रायपुर जिले का यह आयोजन अपने आप में ऐतिहासिक है। यहां पर जिस तरह से ३४ खेलों में जिले के ग्रामीण और शहरी खिलाडिय़ों ने अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया है, वह एक मिसाल है अपने राज्य के लिए। श्री अग्रवाल ने कहा कि मैंने मार्च पास्ट में कई खिलाडिय़ों को चप्पल पहनकर मार्च पास्ट करते देखा है, मैंने खेल विभाग से कहा कि ऐसे खिलाडिय़ों को कम से कम कपड़े वाले जुते दिलवाएं जाए जो जिला स्तर से आगे राज्य स्तर पर खेलने जाते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि मैं ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता हूं कि क्योंक हर खिलाड़ी अपना पुरस्कार पाने के लिए बेताब है।
अब होने लगी है पदकों की बारिश
खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि आज से दस साल पहले जब छत्तीसगढ़ बना था तो अपने राज्य के खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय स्तर पर पहले साल में बहुत कम सफलता मिली थी, लेकिन इसके बाद खिलाड़ी अब लगातार पदकों की बारिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सात साल की भाजपा सरकार खिलाडिय़ों को हर तरह की सुविधाएं दिलाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जीतने वाले खिलाडिय़ों के साथ हारने वाले खिलाडिय़ों को भी बधाई और शुभकामानाएं देते हुए कहा कि अगर हारने वाले खिलाड़ी नहीं होते तो जीतने वाले खिलाडिय़ों को जीत कैसे मिलती। खेलमंत्री ने माना कि आयोजन में कुछ कमियां थीं, इन कमियों को आगे राज्य स्तर के आयोजन में दूर कर लिया जाएगा।
खिलाडिय़ों के बीच खेलमंत्री
कार्यक्रम में खेलमंत्री लता उसेंडी पहले पहुंच गई थीं। अब मुख्यअतिथि बृजमोहन अग्रवाल का हमेशा की तरह इंतजार हो रहा था। ऐसे में समय का उपयोग करते हुए खेलमंत्री मंच के इस तरफ से उस तरफ जाकर मार्च पास्ट के लिए खड़े खिलाडिय़ों से मिलने चलीं गर्इं। उन्होंने सभी खिलाडिय़ों से बात की और उनसे पूछा कि आयोजन में कोई परेशानी तो नहीं हुई। खेलमंत्री से मिलकर खिलाड़ी उत्साहित हो गए। कोई खिलाड़ी खेलमंत्री से हाथ मिल रहा था तो कोई उनके पैर छू रहा था। खेलमंत्री ने खिलाडिय़ों से करीब आधे तक मेल-मुलाकात की और उनसे बात की। जिस टीम के पास खेल मंत्री जा रही थी, उनसे उनके विकासखंड का नाम और खेल के बारे में जरूर पूछ रही थी।
दो घंटे चला पुरस्कार वितरण
अतिथियों के उद्बोधन के बाद पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास का सबसे लंबा कार्यक्रम रहा। अतिथियों ने किसी भी खेल के खिलाडिय़ों को निराश न करके हुए सभी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। एथलेटिक्स के खिलाडिय़ों से पुरस्कार देने का आगाज करने के बाद अतिथियों ने अंत में खेल के निर्णायकों और खेलों के संयोजकों के साथ हर विकासखंड के नोडल अधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम करीब दो घंटे चला। इस अवसर पर खेल सचिव सुब्रत साहू, खेल संचालक जीपी सिंह, प्रभारी जिलाधीश ओपी चौधरी, एडीएम डोमन सिंह, उपसंचालक ओपी शर्मा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे के साथ सभी खेल संघों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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