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शनिवार, नवंबर 27, 2010

न भूलेंगे हार, न भूलेंगे प्यार

विश्व कप क्रिकेट में खेलने वाली कनाडा क्रिकेट टीम छत्तीसगढ़ से खट्टी-मीठी यादें लेकर शुक्रवार को लौट गई। टीम यहां से मुंबई गई है जहां उसे कुछ अभ्यास मैच खेलने हैं। टीम के कप्तान जुबीन सबकरी के साथ कनाडा क्रिकेट बोर्ड के रणजीत सिंह सैनी और अन्य खिलाडिय़ों ने एक स्वर में माना कि वे छत्तीसगढ़ से मिली और हार और प्यार दोनों को कभी नहीं भूल पाएंगे। इन्होंने कहा कि जब भी मौका मिलेगा उनकी टीम छत्तीसगढ़ आने को तैयार रहेगी।
छत्तीसगढ़ के साथ तीन अभ्यास मैचों की शृंखला में तीनों मैच गंवाने वाली कनाडा टीम के कप्तान जुबीन सबकरी के साथ टीम के सलामी बल्लेबाज हिरल पटेल ने कहा कि उनकी टीम ने सोचा नहीं था कि छत्तीसगढ़ की टीम इतनी अच्छी हो सकती है। इन्होंने कहा कि हमारी टीम के कुछ राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के न रहने की वजह से हमारी टीम उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई जितना करना चाहिए था। हमारी टीम को छत्तीसगढ़ ने न सिर्फ कड़ी टक्कर दी, बल्कि तीनों मैच भी जीते। इन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का विकेट बहुत अच्छा था। हमें पहले मैच के बाद दूसरे मैच में भी अपने गेंदबाजों की कमी खली। वैसे दूसरे मैच में हमारा एक और गेंदबाज हेनरी उसेंडी आ गया था, पर उस मैच में छत्तीसगढ़ की टीम में अंडर १९ के विश्व कप में खेल चुके अनुभवी बल्लेबाज हरप्रीत सिंह आ गए थे। हरप्रीत ने शतक बनाया। इसी के साथ मप्र की रणजी टीम से खेलने वाले अनुभवी गेंदबाज टी. सुधीन्द्रा ने हमारे बल्लेबाजों को परेशान किया। इन खिलाडिय़ों के साथ टीम के कप्तान आशीष बगई जो कि घायल होने की वजह ने नहीं खेल पाए। इन सबने माना कि छत्तीसगढ़ का स्टेडियम वास्तव में अंतरराष्ट्रीय मैचों के लायक है। ऐसा स्टेडियम उनके देश में भी हो ऐसा इनका मानना है। इन खिलाडिय़ों के साथ टीम के ज्यादातर खिलाडिय़ों ने यह माना कि उनका छत्तीसगढ़ दौर कई मायनों में यादगार रहा। इन्होंने कहा कि जब वे कनाडा से भारत आए थे, और इसके बाद छत्तीसगढ़ आए तो सोचा नहीं था कि यहां का एसोसिशन उनके लिए इतनी अच्छी व्यवस्था करेगा। हमारे लिए यह सुखद है कि किसी राज्य की सरकार भी एक अभ्यास मैचों की शृंखला के लिए इतनी गंभीर हो सकती है।
कनाडा बोर्ड के अध्यक्ष रणजीत सिंह सैनी ने एक बार फिर से कहा कि उनको और उनकी टीम को जैसा सम्मान छत्तीसगढ़ में मिला है, उनके लिए वे हमेशा छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के आभारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुङो जब यह मालूम हुआ कि हमारे खिलाडिय़ों के लिए यहां पर इतनी अच्छी व्यवस्था है तो मुङो जानकार खुशी हुई। उन्होंने कहा कि हमें जैसे ही मौका मिलेगा हम भी चाहेंगे कि हमारा देश छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों की मेजबानी करे। उन्होंने बताया कि उनको भारत में आकर बहुत कुछ सीखने और देखने का मौका मिला है। श्री सैनी ने कहा कि हम अपने देश में जाकर क्रिकेट का विकास करने में छत्तीसगढट के साथ भारत के अन्य राज्यों की योजनाओं पर अमल करने का प्रयास करेंगे। श्री सैनी ने पूछने पर कहा कि इसमें में भी कोई दो मत नहीं है कि हम छत्तीसगढ़ से मिली हार को भी नहीं भूल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाडिय़ों को दिल्ली, छत्तीसगढ़ और मुंबई में जो खेल का अनुभव मिलेगा, वह निश्चित ही विश्व कप के मैचों में काम आएगा। उन्होंने कहा कि उनकी टीम का मकसद अभ्यास करना है, अब अभ्यास करने के लिए कोई टीम छोटी-बड़ी नहीं होती है। श्री सैनी ने छत्तीसगढ़ टीम की तारीफ करते हुए कहा कि इस टीम के बारे में क्या कहा जाए, टीम के प्रदर्शन ने ही बता दिया है कि टीम कितनी अच्छी है। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी प्रतिभावान हंै। ये जरूर अपने राज्य का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करेंगे।
छत्तीसगढ़ तो मेजबान नंबर वन है
कनाडा क्रिकेट टीम के खुश होकर लौटने पर छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया कहते हैं कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि अपना राज्य मेजबान नंबर वन है। हमारे राज्य में जब भी कोई टीम आई है तो वह हमेशा यहां से खुश होकर लौटी है। उन्होंने बताया कि हमारे संघ ने पिछले साल अंडर १९ की एसोसिएट ट्रॉफी की जिस तरह से मेजबानी की थी उसी का परिणाम है कि हमें इस बार अंडर १६ और अंडर २२ की मेजबानी भी बीसीसीआई ने दी है। उन्होंने कहा कि यह हमारे राज्य के लिए सौभाग्य की बात है कि विश्व कप में खेलने जा रही कनाडा की टीम के पांव अपने राज्य में पड़े। उन्होंने कहा कि अब हमारे प्रयास एसोसिएट ट्रॉफी की अंडर १६ और अंडर २२ की स्पर्धा को भी यादगार बनाना है। अंडर २२ की स्पर्धा एक दिसबंर से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में होगी। 

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