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शनिवार, अगस्त 27, 2011

संघ ने खिलाड़ियों को खेलने से रोक, निलंबित किया

राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में प्रदेश संघ की मनमर्जी के कारण खेलने से वंचित रहने वाले खिलाड़ियों और प्रशिक्षक की गुहार पर खेल संचालक जीपी सिंह ने संघ को कड़ा पत्र लिखकर 16 बिंदुओं में जवाब मांगा है। संघ के सचिव पर खिलाड़ियों ने मनमर्जी करते हुए बिनावजह निलंबित करने का आरोप लगाया है।
राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने से वंचित किए गए खिलाड़ियों हरीश कुमार, रोहणी, रितु कुमार के साथ इनके कोच हरीनाथ ने  बताया कि इनके साथ प्रदेश संघ ने अन्याय किया है जिसके कारण वे खेल नहीं सके। रोहणी ने बताया कि संघ के सचिव के कहने से ही मैं राज्य स्पर्धा में 52 किलो वर्ग की खिलाड़ी होने के बाद 57 किलो ग्राम वर्ग में खेली थी। मुझे कहा गया था कि राष्ट्रीय स्पर्धा में 52 किलो ग्राम वर्ग में खेलना है, मैंने इसी वर्ग की तैयारी की थी, लेकिन मुझे 57 किलो वर्ग में खेलने कहा गया जो कि संभव नहीं था। उन्होंने बताया कि एक और खिलाड़ी शशिकला को 52 किलो ग्राम वर्ग में खिलाया गया जबकि वह राज्य स्पर्धा में 57 किलो ग्राम वर्ग में खेली थी और तीसरे स्थान पर रही थी।
हरीश कुमार ने बताया कि राज्य स्पर्धा में 66 किलो ग्राम वजन वर्ग में स्वर्ण विजेता होने के बाद भी उनको राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने नहीं दिया गया। इन खिलाड़ियों ने एक स्वर में कहा कि सभी से तीन-तीन सौ रुपए प्रवेश शुल्क लेने के बाद खेलने नहीं दिया गया है। इन खिलाड़ियों के साथ कोच हरीनाथ ने बताया कि हम लोगों ने जब अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई तो पांच खिलाड़ियों के साथ मुझे झूठा आरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया है। इन खिलाड़ियों ने इस बात से इंकार किया कि इनको डोपिंग टेस्ट का कोई फार्म भरने दिया गया था। खिलाड़ियों ने इस मामले की लिखित में खेल संचालक को शिकायत की है।
16 बिंदुओं में मांगा जवाब
खिलाड़ियों की शिकायत को खेल संचालक जीपी सिंह ने गंभीरता से लेते हुए संघ के सचिव को एक पत्र लिखकर 16 बिंदुओं में 24 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा है। इन बिंदुओं में प्रमुख रूप से यह जवाब मांगा गया है कि क्या डोप टेस्ट के लिए नाडा से संपर्क किया गया था और उसके अधिकारी राष्ट्रीय स्पर्धा में आए थे तो उनके नाम बताए जाएं। राज्य स्पर्धा  के आयोजन, इसमें खिलाड़ियों की स्थिति, राज्य की टीम के खिलाड़ियों की सूची, प्रशिक्षण शिविर की जानकारी के साथ संघ को किस नियम के तहत खिलाड़ियों और प्रशिक्षक को निलंबित करने का अधिकार है इसकी पुख्ता दस्तावेजों के साथ जानकारी मांगी है।
इधर प्रदेश संघ के सचिव कृष्णा साहू का कहना है कि संघ ने खिलाड़ियों और कोच के साथ कोई पक्षपात नहीं किया है। खिलाड़ियों ने डोपिंग टेस्ट के फार्म भरने से इंकार किया जिसके कारण इनको निलंबित किया गया है।

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