राजनीति के साथ हर विषय पर लेख पढने को मिलेंगे....

शुक्रवार, सितंबर 23, 2011

सात जिले, 250 कॉलेज और खिलाड़ी पांच

रविशंकर विश्व विद्यालय के अंतर्गत सात जिलों के 250 कॉलेजों से महज पांच खिलाड़ी ही अंतर कॉलेज लॉन टेनिस में खेलने पहुंचे। इनमें से चार महिला खिलाड़ी राजधानी के कॉलेजों की थी, पुरुष वर्ग के मुकाबलों के लिए एक मात्र खिलाड़ी के आने के कारण टीम ही नहीं बन सकी।
छत्तीसगढ़ कॉलेज की मेजबानी में अंतर कॉलेज लॉन टेनिस का आयोजन यूनियन क्लब में गुरुवार को किया गया। स्पर्धा में सात जिलों रायपुर, धमतरी, कवर्धा, राजनांदगांव, महासमुन्द, दुर्ग और कांकेर कॉलेजों के खिलाड़ियों को शामिल होना था। इन सात जिलों में रविवि से मान्यता प्राप्त करीब 250 कॉलेज हैं। जब स्पर्धा प्रारंभ हुई तो स्पर्धा में शामिल होने के लिए प्रिंसेस कॉलेज की प्रीति सैनी, महंत कॉलेज की ज्योति सिंह और छत्तीसगढ़ कॉलेज की भी ज्योति सिंह के साथ देवेन्द्र नगर कन्या महाविद्यालय की अंकित उपवेजा ही आर्इं। इनके मध्य मुकाबलों के बाद वरीयता तय करके रविवि की टीम बनाई गई। पहले स्थान पर छत्तीसगढ़ की ज्योति सिंह, दूसरे स्थान पर महंत की ज्योति सिंह, तीसरे स्थान पर देवेन्द्र नगर की कॉलेज की अंकित उपवेजा और चौथे स्थान पर प्रिंसेस कॉलेज की प्रीति सैनी रहीं। इन खिलाड़ियों ने पूछने पर बताया कि इनके कॉलेजों में भी टेनिस का कोर्ट नहीं है, लेकिन टेनिस में रुचि होने के कारण खेलती हैं। इधर पुरुष वर्ग में एक मात्र खिलाड़ी महंत कॉलेज के विवेक वर्मा आए। और कोई खिलाड़ी न होने के कारण विवेक को निराश होकर लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि लॉन टेनिस में कॉलेज के खिलाड़ियों को रुचि नहीं है। महिला वर्ग में चुनी गई खिलाड़ी भुवनेश्वर में 4 अक्टूबर से होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय अंतर विवि स्पर्धा में खेलने जाएंगी।
मैदानों की कमी बड़ा कारण
लॉन टेनिस से जुड़े छत्तीसगढ़ कॉलेज के क्रीड़ा अधिकारी और प्रशिक्षक रूपेन्द्र सिंह चौहान के साथ एसए रिजवी का कहना है कि कॉलेजों में मैदानों की कमी एक बड़ा कारण है जिसके कारण खिलाड़ी नहीं निकल रहे हैं। वैसे जिन कॉलेजों के क्रीड़ा अधिकारी औैर खिलाड़ी रुचि लेते हैं वहां से खिलाड़ी निकल जाते हैं। इसी के साथ इन्होंने कहा कि खेल का महंगा होना भी एक कारण है। वैसे पहले की तुलना में लॉन टेनिस का खेल कुछ सस्ता हो गया है, पहले जो रैकेट 20 से25 हजार के आते थे, आज चाइना के कारण ये रैकेट 10 से 12 हजार में मिल जाते हैं।

0 टिप्पणियाँ:

Related Posts with Thumbnails

ब्लाग चर्चा

Blog Archive

मेरी ब्लॉग सूची

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP