राजनीति के साथ हर विषय पर लेख पढने को मिलेंगे....

शुक्रवार, सितंबर 02, 2011

फिर भी तंहा हैं हम

कहने को हमसफर साथ है
फिर भी तंहा हैं हम
हमें सताते हैं दुनिया के गम
हो जाती हैं अक्सर आंखें नम
सोचते हैं क्यों है दुनिया
में इतने ज्यादा गम
दूसरों के गमों से
हमें तो है सरोकार
वैसे आज के जमाने में
प्यार हो गया है व्यापार
इसलिए कहते हैं हम
मत करो किसी से प्यार
वरना हो जाएगी जिंदगी बेकार

0 टिप्पणियाँ:

Related Posts with Thumbnails

ब्लाग चर्चा

Blog Archive

मेरी ब्लॉग सूची

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP