tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post1412123656631575839..comments2023-11-02T17:32:44.955+05:30Comments on राजतन्त्र: क्या ब्लाग जगत में भी मठाधीशों का राज हैराजकुमार ग्वालानीhttp://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-58433474318002140552010-03-17T07:20:10.460+05:302010-03-17T07:20:10.460+05:30shreeman Benaami yahan se aaye hain :
http://shas...shreeman Benaami yahan se aaye hain :<br /><br />http://shashibhushantamare-tantram.blogspot.com/<br /><br />inke likhne ka tareeka (/) bhi dekh sakte hain app.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/06587620497676437010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-61257452346802416292010-03-15T13:42:37.081+05:302010-03-15T13:42:37.081+05:30नमस्कार ग्वालिनी जी,
मेरे नाम से एक टिपण्णी आपके ...नमस्कार ग्वालिनी जी,<br /><br />मेरे नाम से एक टिपण्णी आपके ब्लॉग पर मौजूद है.. ना तो वे मेरे विचार है ना ही वो टिपण्णी मैंने की है.. मेरा आपसे आग्रह है कि वो टिपण्णी और उससे सम्बंधित टिपण्णी हटा दी जाए..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-12480246085563643702010-03-15T11:18:43.701+05:302010-03-15T11:18:43.701+05:30आपने सही कहा. ढेर सारे मठाधीश इस ब्लॉग वर्ल्ड में...आपने सही कहा. ढेर सारे मठाधीश इस ब्लॉग वर्ल्ड में हैं. सब अपने-अपने मठ चला रहे हैं. सबसे बड़ी और सही बात यह है कि आपके ब्लॉग और आपसे सब जलते हैं. इन मठाधीशों ने चिट्ठाजगत पर पूरी पकड़ बना ली है और आपके जैसे नए ब्लॉगर जो कि बहुत प्रतिभाशाली हैं, उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं. आज जिस रफ़्तार से आपका चिट्ठा बढ़ा है, जिस कम समय में इसने लोकप्रियता के नए आयाम स्थापित किये हैं, उससे ये मठाधीश डरे हुए हैं. ये प्रतिभाशाली लोगों को रोकना चाहते हैं. उन्हें आगे आना नहीं देना चाहते. परन्तु एक बात इन्हें ध्यान में रखनी होगी. जब प्रतिभा की आंधी चलती है तो उस आंधी के सामने आनेवाला सबकुछ बिखर जाता है. मेरा सुझाव है कि आप चिट्ठाजगत पर एक केस कर दीजिये. ये चिट्ठाजगत वाले आपको कई महीनों से सता रहे हैं. जब तक इनके ऊपर कोई ठोस कार्यवाई नहीं होगी तब तक ये नहीं समझेंगे. <br /><br />राजकुमार जी आप केस करें. हम आपके साथ हैं.<br /><br />जय हिंद<br />जय छतीसगढ़Birendrahttps://www.blogger.com/profile/14623618845891040472noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-5065225939150379612010-03-15T10:03:59.460+05:302010-03-15T10:03:59.460+05:30तुम लोगों को इन बातों के अलावा कुछ और भी लिखना आता...तुम लोगों को इन बातों के अलावा कुछ और भी लिखना आता है?<br />''.........?'' पोस्टें लिखते हो और चाहते हो कि चर्चा हो जाये और टॉप ब्लौगर बन जाएँ!<br />टॉप ब्लौगर बन भी जाओगे तो क्या उखाड़ लोगे?<br />jee haan abhadr mitr aapaka podcast lenaa hai kidhar milogeबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-5285882852287443622010-03-15T07:16:15.950+05:302010-03-15T07:16:15.950+05:30nice ;)nice ;)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-19867916499224936952010-03-15T06:06:23.259+05:302010-03-15T06:06:23.259+05:30अब ये लो दूसरे के नाम से भी फर्जी टिप्पणियाँ ? त्र...अब ये लो दूसरे के नाम से भी फर्जी टिप्पणियाँ ? त्राहिमाम त्राहिमाम !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-22074915839366482432010-03-14T22:23:34.918+05:302010-03-14T22:23:34.918+05:30अब मैं यहा सबके नामो से ऐसे ही कमेंट करूँगा क्योंक...अब मैं यहा सबके नामो से ऐसे ही कमेंट करूँगा क्योंकि मेरे पिछवाड़े में अब आग लग गयी हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-87046760585651013142010-03-14T21:02:28.380+05:302010-03-14T21:02:28.380+05:30आप तो पोस्ट सही लिखे हैं कुछु ग़लत तो नाहीं लिखे फ...आप तो पोस्ट सही लिखे हैं कुछु ग़लत तो नाहीं लिखे फिर हल्ला काहे मचा है इतना?<br />बेनामी ओपसन खुला रख के इ तमाशा काहे देख रहे हैं बाबू !<br />नए नए आये लोग वो भी डीरामा ही करेंगे तो ही तो जमेंगे ..नाहीं किया?है भय्या जी,क्या कहो?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-65102718148416016932010-03-14T21:02:14.768+05:302010-03-14T21:02:14.768+05:30आप तो पोस्ट सही लिखे हैं कुछु ग़लत तो नाहीं लिखे फ...आप तो पोस्ट सही लिखे हैं कुछु ग़लत तो नाहीं लिखे फिर हल्ला काहे मचा है इतना?<br />बेनामी ओपसन खुला रख के इ तमाशा काहे देख रहे हैं बाबू !<br />नए नए आये लोग वो भी डीरामा ही करेंगे तो ही तो जमेंगे ..नाहीं किया?है भय्या जी,क्या कहो?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-10014961426168462002010-03-14T20:16:54.828+05:302010-03-14T20:16:54.828+05:30ये क्या लगा रखा है तुम लोगों ने भाई?
हर दस दिन मे...ये क्या लगा रखा है तुम लोगों ने भाई?<br /><br />हर दस दिन में कोई टिप्पणियों का रोना रोने लगता है.<br />हर दस दिन में कोई गुटबाजी की बातें करने लगता है.<br />हर दस दिन में कोई चर्चा का रोना रोने लगता है.<br />हर दस दिन में कोई ब्लौगिंग के नियम कायदे बताने लगता है.<br />हर दस दिन में कोई दूसरों की छीछालेदर करने लगता है.<br /><br />सच तो ये है की तुम लोग ब्लौगिंग को भी पर्चेबाजी से ज्यादा नहीं समझते.<br /><br />इन सब टुच्ची बातों से ऊपर उठकर अपना ध्यान अच्छा पढने और अच्छा लिखने में लगाओ श्रीमानजी.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-64895218264009868422010-03-14T20:10:50.517+05:302010-03-14T20:10:50.517+05:30कुश जी
हम एक बात और बता दें कि हमने कभी अन्याय और ...कुश जी<br />हम एक बात और बता दें कि हमने कभी अन्याय और गलत बात के आगे झुकना नहीं सीखा है, हम अपने हक के लिए लडऩा जानते हैं, ब्लाग से हमारी कोई रोजी-रोटी नहीं चलती हैं जो हम किसी से यहां डरेंगे। कोई अगर अपने हक के लिए लडऩा नहीं जानता है तो उससे बड़ा मुर्ख और कमजोर इस दुनिया में हो ही नहीं सकता है। हमें जो भी गलत लगा है उसको एक सबूत के साथ पेश किया है, न की हमने हवा में बात की, क्योंकि हम हवा में बात करना नहीं सबूत के साथ सामने आना पसंद करते हैं। पत्रकारिता में कम से कम हमने तो यही सीखा है।राजकुमार ग्वालानीhttps://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-13997487594092401152010-03-14T20:10:11.512+05:302010-03-14T20:10:11.512+05:30ऐसा लगता है जैसे कुश की दुम के नीचे किसी ने पेट्रो...ऐसा लगता है जैसे कुश की दुम के नीचे किसी ने पेट्रोल लगा दिया ... तबहीं ई कदर उछल रहे हैंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-3494105496764505382010-03-14T20:06:57.094+05:302010-03-14T20:06:57.094+05:30कुश जी,
हम तो ठहरे मुर्खानंद, आप तो अक्लमंद हैं त...कुश जी, <br />हम तो ठहरे मुर्खानंद, आप तो अक्लमंद हैं तो आप ये कैसे नहीं समझ सके कि हमने ब्लाग जगत में मठाधीश होने का दावा नहीं किया है, बल्कि एक संभावना जताई है। संभावना और दावे में अगर कोई फर्क करना नहीं जानता है तो हम क्या कर सकते हैं। और आप फिर ये क्यों भूल रहे हैं कि इस दुनिया में सब कुछ संभव है, खासकर अपने देश में ये तो परंपरा रही है कि कोई आगे बढ़ रहा है तो उसकी टांग खींच कर पीछे कर दो, ये बात आपको हर क्षेत्र में मिल जाएगी, अब हम क्या करें हमारे पास जितनी अक्ल है उतना ही लिख सकते हैं, आपके जैसे ज्ञानी नहीं हैं, हम। और जिन लोगों ने टिप्पणी की हैं, वे भी हमारी तरह अज्ञानी हैं, अब क्या किया जाए कि हम लोगों का पाला आप जैसे ज्ञानी पुरुष से नहीं पड़ा वरना हमें भी कुछ ज्ञान अर्जित हो जाता। आप इतने ज्ञानी हैं तो जरा जवाब दे दें कि आखिर चिट्ठा जगत में ऐसे कैसे होता है। क्या किसी स्वचलित ब्लाग या फिर किसी भी सिस्टम में यह संभव है कि वह अलग-अलग काम करें। हमारा जहां तक मानना है कि बिना इंसान के छेड़े ऐसा संभव नहीं है, हम भी कम्प्यूटर पर 20 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे हैं, इतना तो हम भी जानते हैं। लेकिन क्या करें इसके बाद भी हम मुर्ख और अज्ञानी हैं।राजकुमार ग्वालानीhttps://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-80970100719539739632010-03-14T14:23:36.922+05:302010-03-14T14:23:36.922+05:30बेनामी की टिप्पणी पर हंसी क्या छूटी कि बंद नहीं ह...बेनामी की टिप्पणी पर हंसी क्या छूटी कि बंद नहीं हो रही है -लेकिन वो बात मार्के की कर रहा है मैं देखता हूँ तस्लीम पर तमाशा कुछ काम किया जाय! मैं भी हूँ उसमे तो जिम्मेदारी मुझ पर भी बनती है -शुक्रिया बेनामी! मगर यार इतना खौरिआये क्यूं हो आओ प्यार मुहब्बत से बोले बतियाएँ न? आखिर कौन सी मेड डांड की लड़ाईहै ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-67447087575541488452010-03-14T13:40:28.183+05:302010-03-14T13:40:28.183+05:30ख़ुशी है कि यहाँ की असलियत आपको जल्दी समझ आ गयी. य...ख़ुशी है कि यहाँ की असलियत आपको जल्दी समझ आ गयी. यहाँ गुटबाजी ही चलती है. इस समय यहाँ कई गुट बने हुए हैं. कमाल तो ये है कि वही गुटबाजी का विरोध भी करते हैं. <br /><br />अदा एंड खुशदीप ड्रामा कंपनी <br />ताऊ एंड समीर मदारी पार्टी <br />फुरसतिया खड़ूस मंच <br />तस्लीम तमाशा कंपनी <br /> <br />कुछ ब्लॉगर तो ऐसे है जो कुछ भी आलतू-फालतू लिखें ... उनकी चर्चा बराबर होगी.<br />यहाँ अधिकतर सठियाये हुए बीमार लोग हैं. <br />चिटठा चर्चा पढना ही बंद करो इन ससुरन का.<br />वहां जाता ही कौन है ? वही न जिनकी चर्चा होती है ... वही खुट्टा साधने जाते हैं. ब्लागरी न हुयी भांडगिरी हो गयीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-39849839556088112632010-03-14T12:10:54.573+05:302010-03-14T12:10:54.573+05:30अनिल पुसदकर जी की बात पर गौर करें, बस!अनिल पुसदकर जी की बात पर गौर करें, बस!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-17241921598081953352010-03-14T11:33:29.069+05:302010-03-14T11:33:29.069+05:30राजकुमार मैं फ़िर तुमसे कह रहा हूं इन सब बातों पर ध...राजकुमार मैं फ़िर तुमसे कह रहा हूं इन सब बातों पर ध्यान मत दो,तुम अच्छा लिखते हो,लिखते रहो,लोग पढेंगे ही।और हां श्याम और अजय की बातों पर ध्यान दो मेरी उनसे सहमति है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-30361464495968337402010-03-14T11:29:32.797+05:302010-03-14T11:29:32.797+05:30भाई राजकुमार जी अपनी बात आपने कह दी. सही है अन्याय...भाई राजकुमार जी अपनी बात आपने कह दी. सही है अन्याय होते देखने के बजाय पुरजोर विरोध करना चाहिए. पर भाई ये ब्लॉग्गिंग तो अपने अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता प्रदान कर्ता है तो करने दें. हाँ यह जरूर है की एकदम दूरभाष के माध्यम से फटकारना गलत है. इन्ही सब बातों की वजह से लिखा एक पोस्ट हमने वैसे पढ़ा भी होगा आपने हम जैसे नवसिखिये के लिए. नहीं पढ़ा गया तो हाज़िर है नीचे वह पोस्ट; <br /><br />इस ब्लॉग जगत के सौर मंडल में अनगिनत सितारे हैं <br /><br />कहीं भानु प्रकाश कहीं शशि प्रकाश <br /><br />कहीं रवि प्रभा कहीं शशि प्रभा <br /><br />(यह उपमा इस ब्लॉग जगत के मूर्धन्य रचनाकारों के लिए है)<br /><br />अपनी आभा से ब्लॉग जगत की शोभा निखारे हैं <br /><br /> इनकी आभा से झिलमिलाते हुए, टिमटिमाते हुए <br /><br />कभी दीखते कभी छिपते,<br /><br />उल्का पिंड की भांति कहीं बड़े बड़े सितारों से <br /><br />टकराकर टूट न जाएँ, इस सोच के हम मारे हैं <br /><br />आसरा है इस कहावत का <br /><br />"मन के जीते जीत है मन के हारे हार"<br /><br />हमारा ब्लॉग लेखन तो इसी के सहारे है.सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-89739205944015943242010-03-14T11:26:10.616+05:302010-03-14T11:26:10.616+05:30राज भाई , पता नहीं इन बातों का खुलासा तो तकनीकी ...<i> <b> राज भाई , पता नहीं इन बातों का खुलासा तो तकनीकी लोग ही कर पाएंगे , मगर हम तो सिर्फ़ इतना जानते हैं कि आप मस्त होकर ब्लोग्गिंग करते रहें ...ब्लोग्गिंग ही सर्वोपरि है बांकी सब को मारिये गोली .... </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-11259910140960969062010-03-14T10:52:53.052+05:302010-03-14T10:52:53.052+05:30आपने जो कुछ कहा वह एकदम सच्च है मगर खुलासा नहीं कह...आपने जो कुछ कहा वह एकदम सच्च है मगर खुलासा नहीं कहा / सच्च क्या है वह मै बताता हूँ कि ब्लॉग जगत में भारी गुटबाजी चलती है , कुछ बड़े बड़े नाम है जो छदम नाम से भीब्लोगिंग करवाते है और अपने अपने गुट बना रखे है जैसे महफूज मिया का एक गुट है , ऐसे दूसरे भी गुट है जो खुलकर गुटबाजी करते है , इन गुटों में एक सरदार बना होता है बांकी के ब्लोगेर उसकी जय हो करते है यानी चमचागिरी करते है , तलवे चाटते है ताकि गुट में बने रहे , जो भी कोइ ब्लोगर इसके विरूद्ध जाता है उसके चमचे उस ब्लोगर के ब्लॉग पर जाकर उलटी सिधी बहसबाजी करके उसकी बैंड बजा देते है /<br />गुट्बाज सभी चोर उच्चके है केवल टिपण्णी के चक्कर में मुहदेखि करते है , चोरो का सरदार कुछ भी लिखे चाहे बकवास लिखे जय हो जय हो करते चमचे दंडवत प्रणाम करने के लिए तैयार रहते लाइन लगा कर / आज आपने बहुत गलत विषय पर लिख दिया है अब आगे आप ब्लोगिंग नहीं कर पाये गे / क्यों की कोइ आपके ब्लॉग पर टिपण्णी करने नहीं आयेगा /<br />मेरा सुझाव है उन गुट विहीन ब्लोगिंग करने वालो से की वो ऐसे गुटवाज ग्रुपों को पहचान करे और उन बेवकूफों से दूर रहे उनको अपनी टिपण्णी ना दे और ऐसे ब्लोगरो के ब्लॉग पर जाए जहां कोइ गुट नहीं जातो हो और जिस ब्लोगर को कोइ नहीं पूछता उसे टिपण्णी दे धीरे धीरे नया क्षेत्र पैदा होगा तो ये गुट्बाज कुछ नहीं कर पायेंगे /<br />बांकी आपकी मर्जी वैसे निशाने पर तो आप आही चुके है / जय श्री राम !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-33601252073662864832010-03-14T10:22:48.653+05:302010-03-14T10:22:48.653+05:30लेकिन इनके मठ कहां हैंलेकिन इनके मठ कहां हैंKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-19477796466044515862010-03-14T10:14:28.518+05:302010-03-14T10:14:28.518+05:30आपसे सहमत हूँ...पर चिंता ना करें आपका ब्लॉग अच्छा ...आपसे सहमत हूँ...पर चिंता ना करें आपका ब्लॉग अच्छा है तो वो पढ़ा जायेगा ही!!!बाकि कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है...RAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-69019440029415616802010-03-14T10:12:02.847+05:302010-03-14T10:12:02.847+05:30dil to bachchaa he ji..dil to bachchaa he ji..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-90352166591359453252010-03-14T10:07:09.723+05:302010-03-14T10:07:09.723+05:30ह्फ्ह्जघ्ल्ज;;कक;kdsrerttuooijklklह्फ्ह्जघ्ल्ज;;कक;kdsrerttuooijklklAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-10042208019188909392010-03-14T09:26:05.245+05:302010-03-14T09:26:05.245+05:30...जब आंधियां आती हैं तो अच्छे-अच्छों को उडा कर ले......जब आंधियां आती हैं तो अच्छे-अच्छों को उडा कर ले जाती हैं फ़िर ये मठ और मठाधीष क्या चीज हैं!!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.com