tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post3323290915471929066..comments2023-11-02T17:32:44.955+05:30Comments on राजतन्त्र: चाहे लगाओ नापंसद के कितने भी चटके- हम ऐसे नहीं हैं जो इनसे भटकेराजकुमार ग्वालानीhttp://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-26797296663760667222010-06-14T19:21:01.301+05:302010-06-14T19:21:01.301+05:30भटकने की जरुरत हीं नहीं..अपना काम करते चलें.भटकने की जरुरत हीं नहीं..अपना काम करते चलें.girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-19960950720492203642010-06-14T16:51:51.091+05:302010-06-14T16:51:51.091+05:30भटकने की जरुरत भी नहीं..बस, अपना काम करते चलें.भटकने की जरुरत भी नहीं..बस, अपना काम करते चलें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-1834690858512107452010-06-14T12:52:37.558+05:302010-06-14T12:52:37.558+05:30भईया नापसंद चटका क्या होता है मुझे भी बताओ हम भी ल...भईया नापसंद चटका क्या होता है मुझे भी बताओ हम भी लगाऊंगा बोत चट चट आवाज निकलेगी फ़टाका फ़िट फ़ुट ।1st choicehttps://www.blogger.com/profile/15194232997495535693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-82496209943679591332010-06-14T11:39:50.987+05:302010-06-14T11:39:50.987+05:30ठीक कहा! बच्चों को बचपना करने दीजिये और आप अपना का...ठीक कहा! बच्चों को बचपना करने दीजिये और आप अपना काम करते रहिये!डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-1365251395492398942010-06-14T11:30:01.500+05:302010-06-14T11:30:01.500+05:30हम तो इतना जानते हैं कि आप नापसंद के चटके लगाकर हम...हम तो इतना जानते हैं कि आप नापसंद के चटके लगाकर हमें कुछ देकर ही जा रहे हैं हमारा कुछ लेकर नहीं जा रहे हैं। अगर कोई कुछ देता है तो उसे लेने में क्या बुराई है। ...<br /><br />Sahi kaha aapne.<br /><br />Nice post .ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-3944559652192202882010-06-14T08:18:07.124+05:302010-06-14T08:18:07.124+05:30ये प्रसाद तो आजकल मुझे भी मिलता रहता है...
इसे देन...ये प्रसाद तो आजकल मुझे भी मिलता रहता है...<br />इसे देने वालों के लिए बस इतना ही कहूँगा...<br />"नहीं डर मुझे कोई तुम्हारे नापसंद के चटकों का मेरा काम ही मेरी हैसियत बयाँ कर देगा"राजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-65597038752430167082010-06-14T07:45:47.099+05:302010-06-14T07:45:47.099+05:30ठीक कहा! बच्चों को बचपना करने दीजिये और आप अपना का...ठीक कहा! बच्चों को बचपना करने दीजिये और आप अपना काम करते रहिये!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-2981662362409162212010-06-14T07:23:51.959+05:302010-06-14T07:23:51.959+05:30इन नापसंद के चटकों से घबराना कैसा
कुछ तो हैं जो यह...इन नापसंद के चटकों से घबराना कैसा<br />कुछ तो हैं जो यहां पर बेसाख्ता चले आते हैं<br />अपना प्यार चाहे दुश्मनी में ही<br />नियमित तौर पर निभाते तो हैं<br />उन्हें इंतजार रहता है आने का<br />कौन कहेगा उन्हें दुश्मन इस खजाने का<br />वे सब मेरे यहां भी सादर आमंत्रित हैं<br />अपने माउस रूपी चूहे को नियमित रूप से लाएंगे<br />हम तो इसी नियमितता से धन्य हो जाएंगे।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.com