tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post4312060385786627569..comments2023-11-02T17:32:44.955+05:30Comments on राजतन्त्र: बच्चें होंगे दूर- तो हो जाएंगे मगरूरराजकुमार ग्वालानीhttp://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-66878281334404594082010-08-09T09:00:28.798+05:302010-08-09T09:00:28.798+05:30आप एक उदाहरण के आधार पर अपने पैमाने बनाकर दुनियाजह...आप एक उदाहरण के आधार पर अपने पैमाने बनाकर दुनियाजहान के मानक कैसे तय कर सकते हैं ग्वालानी साहब। जो बच्चे हॉस्टल में रहकर पढ़ते हैं क्या वो सब एक जैसे होते हैं। क्या जो बच्चे मां-बाप के पास रहकर पढ़ते हैं वो नहीं बिगड़ते हैं। पांचवी क्लास के बाद मेरे साथ पढ़ने वाले 7-8 बच्चे सैनिक स्कूल, रीवा चले गये। बिगड़ते तो छोले भटूरे का ठेला लगा रहे होते, छोटी-मोटी नौकरी कर रहे होते, लेकिन आज सारे के सारे देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं। इंटर के बाद जो इंजीनियरिंग में जाते हैं या बाद में आईआईएम वगैरह करते हैं हॉस्टल में रहकर, क्या वो सारे के बिगड़ जाते हैं। <br />तमाम इंटरनेशनल स्कूल हैं जहां NRIs के बच्चे रहकर पढ रहे हैं क्या वो सारे बिगड़ैल हैं। हॉस्टल में रहकर बच्चा जो अनुशासन, स्वनिर्णय,मेहनत आदि सीखता है उतना घर पर माता-पिता या दादा-दादी के साथ लाढ़-प्यार में रहकर नहीं सीख पाता।पट्ठा प्रिंसhttps://www.blogger.com/profile/08732404543038493315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-60635813136016542482010-08-09T08:45:24.162+05:302010-08-09T08:45:24.162+05:30सटीक मुद्दा!सटीक मुद्दा!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com