tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post4869726922429260798..comments2023-11-02T17:32:44.955+05:30Comments on राजतन्त्र: 26 से 43 फिर 43 से 23राजकुमार ग्वालानीhttp://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-83670196504266135932010-10-07T23:50:55.144+05:302010-10-07T23:50:55.144+05:30@ संजीव तिवारी जी
मैं हां आसमान के भरोसा नई करंव,...@ संजीव तिवारी जी<br /><br />मैं हां आसमान के भरोसा नई करंव,<br />काबर के आसमान हां साथ छोड़ देथे त धरतीच मा आए ला लागथे। तेखरे सेती मैं भूंईया ला नई छोड़े हंव।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-29937446466654586092010-10-07T15:00:58.926+05:302010-10-07T15:00:58.926+05:30sir jee apni chaheti BLOGVANI ka ilaz kaun se hosp...sir jee apni chaheti BLOGVANI ka ilaz kaun se hospital me chal raha hay...<br /><br />aakhir uski bimari kab tak thik hogi.<br />agar aapko jankari ho to mujhe bhi batlaiyega..Arshad Alihttps://www.blogger.com/profile/00741578153298460528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-88802840575204549262010-10-07T10:55:27.358+05:302010-10-07T10:55:27.358+05:30सुबह का इधर-उधर चक्कर काटता, भटकता, सड़कें नाप-नूप ...सुबह का इधर-उधर चक्कर काटता, भटकता, सड़कें नाप-नूप कर अंतत: घर लौट आया। कल शुक्र है। :-)गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-9709551871745916082010-10-07T09:45:55.845+05:302010-10-07T09:45:55.845+05:30.... बहरहाल ललित शर्मा जी आज सातवे आसमान पर चमक रह....... बहरहाल ललित शर्मा जी आज सातवे आसमान पर चमक रहे हैं :)36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-51453899420265062032010-10-07T09:44:28.238+05:302010-10-07T09:44:28.238+05:30सही लिखा भईया, चिट्ठा जगत के प्रबंधन को धन्यवाद दे...सही लिखा भईया, चिट्ठा जगत के प्रबंधन को धन्यवाद देना ही चाहिए इन्होंनें मेरे ब्लॉग को भी 29 वें नम्बर पर टांग दिया है।<br /> हवाले की महिमा अपार है, हवाले बढ़ाओ, ब्लॉग चढ़ाओ। <br /><br />'रंग बिरंगी ज्ञात-अज्ञात जुगाडू' व चर्चा हवालों के सहारे कई ब्लॉग उपर नम्बर की ओर बढ़ रहे हैं, कतिपय लोगों के अस्थाई जुगाड को सारा हिन्दी ब्लॉग जगत देख रहा है किन्तु चुप है कानाफूसी चालू है। मेरे अनुसार से इस रेटिंग को बंद कर देनी चाहिए और छद्म के जगह स्वस्थ परंपरा को अपनाना चाहिए। चिट्ठाजगत के चालीसा में शामिल रहने से या टाप पोजीशन पाने से क्या 'भारत रत्न' मिल जावेगा।36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.com