tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post5450268209053787183..comments2023-11-02T17:32:44.955+05:30Comments on राजतन्त्र: आस्था के नाम की मची है लूटराजकुमार ग्वालानीhttp://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-77039284179926859122010-03-22T13:52:49.117+05:302010-03-22T13:52:49.117+05:30बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! इस ...बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! इस उम्दा पोस्ट के लिए बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-70587258065650287932010-03-22T11:07:58.176+05:302010-03-22T11:07:58.176+05:30यह कोई छोटी बात नहीं है, आस्था का व्यापार करोड़ों क...यह कोई छोटी बात नहीं है, आस्था का व्यापार करोड़ों का होता है.समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है.विजयप्रकाशhttps://www.blogger.com/profile/09741753370021948904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-31532931483406607302010-03-22T07:39:10.788+05:302010-03-22T07:39:10.788+05:30भगवान में आस्था अपनी जगह सही है लेकिन अन्धविश्वास ...भगवान में आस्था अपनी जगह सही है लेकिन अन्धविश्वास के चक्कर में लोग ये भूल जाते है कि वो जो बोयेंगे वैसा ही काटेंगे. जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा. <b> कर्म प्रधान विश्व करि राखा, जो जस करही सो तस फल चाखा </b> ये धर्म के नाम पर दुकान चलाने वाले लोग इन अंधविश्वासी लोगो के भरोसे ही फल फूल रहे है.Bhavesh (भावेश )https://www.blogger.com/profile/14963074448634873997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-24076702277698368612010-03-22T07:33:28.122+05:302010-03-22T07:33:28.122+05:30आपने शायद ये एक ही विज्ञापन देखा है,टी वी पर इनकी ...आपने शायद ये एक ही विज्ञापन देखा है,टी वी पर इनकी बाढ़ सी आई हुई है.!जब तक लोग कर्म ही पूजा है का मूल मंत्र नहीं सीखेंगे तब तक ये प्रोडक्ट बिकते ही रहेंगे!आज हर कोई शोर्ट कट चाहता है..!शुभकामनाएँ!!!RAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-10243051448712114412010-03-22T06:41:48.909+05:302010-03-22T06:41:48.909+05:30हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है....हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!<br />लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.<br />अनेक शुभकामनाएँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com