tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post8410433991949357240..comments2023-11-02T17:32:44.955+05:30Comments on राजतन्त्र: तुम्हारे ब्लाग की औकात ही क्या है?राजकुमार ग्वालानीhttp://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-86273475847711674702010-01-29T00:36:46.851+05:302010-01-29T00:36:46.851+05:30उनसे बस इतना ही पूछ लेते की आपके अखबार के दो दिन प...उनसे बस इतना ही पूछ लेते की आपके अखबार के दो दिन पुराने इशु को कितने लोग पलटते हैं?PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-30461427511566962642010-01-29T00:30:11.640+05:302010-01-29T00:30:11.640+05:30इतना सब कुछ लिखा दमदारी से तो राजकुमार उस साथी का ...इतना सब कुछ लिखा दमदारी से तो राजकुमार उस साथी का नाम भी लिख देते जो औकात पूछ रहा था?Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-67410500044292730762010-01-29T00:16:19.229+05:302010-01-29T00:16:19.229+05:30इसीलिए कहा जाता है कि मन की बात अपनों को बता देने ...इसीलिए कहा जाता है कि मन की बात अपनों को बता देने से शकुन मिलता है व यह बात हम सभी ब्लॉगर्स के मन में कहीं न कहीं चल रही थी, जिसे आपने बखूबी शब्द व अंजाम दिया है।<br />ब्लॉग आने वाले समय में जिस ऊँचाई पर पहुँचने वाला है, उसका अनुमान ही तथाकथित लोगों को अब विरोध करने पर मजबूर कर रहा है।<br />पोस्ट बहुत अच्छी लगी। कृपया साधुवाद स्वीकार करें।हर्ष वर्द्धन हर्षhttps://www.blogger.com/profile/00556152345461024597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-14550137902136169692010-01-28T23:49:49.457+05:302010-01-28T23:49:49.457+05:30बजा फ़रमाया ग्वालानी जी आपने। ब्लॉग की औकात सबको एक...बजा फ़रमाया ग्वालानी जी आपने। ब्लॉग की औकात सबको एक ना एक दिन पता चल ही जाएगी। हा हा। और हम सब मिलकर ब्लॉग का रुतबा सिद्ध करके ही छोड़ेंगे।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-20839979762096716272010-01-28T17:36:56.097+05:302010-01-28T17:36:56.097+05:30taaliyannnnnnnnnnnn अरे कहने दीजिये जो .जो भी कहत...taaliyannnnnnnnnnnn अरे कहने दीजिये जो .जो भी कहता है ...डर गए होंगे ब्लॉग्गिंग कि ताक़त से..खुद ही समझ जायेंगे आने वाले समय में....shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-37859464754082811762010-01-28T16:11:15.534+05:302010-01-28T16:11:15.534+05:30लोग परिवर्तन को आसानी से पचा नहीं पाते हैं। यही वज...लोग परिवर्तन को आसानी से पचा नहीं पाते हैं। यही वजह है कि ब्लॉग्स को लेकर भी इस तरह की बातें हो रही हैं। ये सभी बेवजह है, जिसे आगे बढ़ना है वो तो बढ़ेगा ही।Diptihttps://www.blogger.com/profile/18360887128584911771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-66800130037888417222010-01-28T15:05:56.844+05:302010-01-28T15:05:56.844+05:30are blog ki aukat hai tabhi to logon ko mirchi lag...are blog ki aukat hai tabhi to logon ko mirchi lag rahi hai......aage adhte rahi .......blogging ka bhavishya ujjwal hai.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-77079519876224555882010-01-28T13:55:23.165+05:302010-01-28T13:55:23.165+05:30वैसे कोई नयी बात नहीं है हर नयी विधा का विरोध होता...वैसे कोई नयी बात नहीं है हर नयी विधा का विरोध होता है .<br /> थोड़ा सा अन्तर बस यह है कि हमारे यहाँ अभी स्थानीय भाषाओं में शैशवकाल है, विश्व में तो इसने अपना स्थान बना लिया हैडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-62467721613550027442010-01-28T13:50:42.761+05:302010-01-28T13:50:42.761+05:30सीधे शब्दों में कहूं तो हैरत होती है ऐसा कहने वाले...सीधे शब्दों में कहूं तो हैरत होती है ऐसा कहने वाले पत्रकार साथी की सोच पर।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-90575548562150073692010-01-28T11:39:04.623+05:302010-01-28T11:39:04.623+05:30अधूरा ज्ञान हमेशा खतरनाक होता है . उन्हे बतायें अ...अधूरा ज्ञान हमेशा खतरनाक होता है . उन्हे बतायें अपने शहर के विभाष ने इस पर कार्य करके क्या निष्कर्ष निकाला है .<br />ये शायद <a href="http://taanabaana.blogspot.com/2010/01/blog-post_27.html" rel="nofollow"> मृणाल पांडे </a> से प्रभावित लगते हैं.<br />असल में आज बाकी चार स्तंभों में यह डर व्याप्त हो रहा है की पाँचवा खम्बा कहीं इन्हे उखाड़ न फेके .<br />पिछले अमेरिकी चुनाव में ब्लॉग जगत ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई हैडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-32488653303308752712010-01-28T11:25:33.468+05:302010-01-28T11:25:33.468+05:30पहले तो लोग अपने मन की बात पत्रों के माध्यम से लि...पहले तो लोग अपने मन की बात पत्रों के माध्यम से लिखते थे, जिसे केवल एक परिवार या एक व्यक्ति ही पढ़ता था। आज आम व्यक्ति को ब्लाग की सुविधा मिली है। कभी अपनी बात पोस्ट करता है और कभी टिप्पणी करता है। भारत के कितने लोग अखबारों में लिख सकते हैं? यह प्रश्न भी उनसे पूछ लेना। आम आदमी का लेखन के प्रति रुझान ब्लाग के माध्यम से बढ़ेगा और वह अपनी अभिव्यक्ति से सशक्त बनेगा। अभिव्यक्ति मे सशक्त बनते ही भारत का बौद्धिक स्तर सुधरेगा।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-54223682772162205422010-01-28T11:25:22.288+05:302010-01-28T11:25:22.288+05:30अपने मित्र को पूछ लीजिये कि मीडिया के चहेते माने ज...अपने मित्र को पूछ लीजिये कि मीडिया के चहेते माने जाने वाले अमर सिंह जैसी राजनीतिक शख्सियत द्वारा अपना इस्तीफा ब्लॉग पर जारी किया जाना किसकी औकात बता रहा है!?ज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-30287823158359046732010-01-28T10:53:11.526+05:302010-01-28T10:53:11.526+05:30राजकुमार भाई, ब्लॉग की औकात न होती तो बेचारे रवीश,...राजकुमार भाई, ब्लॉग की औकात न होती तो बेचारे रवीश, पुण्यप्रसून जैसे कथित स्टार लोग ब्लाग लिखने के लिये क्यों मरे जा रहे हैं यह उस पत्रकार मित्र से पूछिये…। ब्लॉग की कीमत वही जान सकता है जो "विचारधारा" आधारित ब्लॉग लिखता है, खासकर उस स्थिति में जब किसी नेता के हाथों अपना ईमान गिरवी रख चुका कोई सम्पादक अपनी मर्जी की खबर नहीं छाप सकता और वह जानबूझकर ब्लॉग लेखक को अपनी खबर लीक कर देता है…। :) जल्दी ही वे पत्रकार महोदय (यदि पत्रकार हैं और ईमान बाकी है) तो खुद भी ब्लॉग लिखने लगेंगे…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-51637931773838743892010-01-28T10:51:36.241+05:302010-01-28T10:51:36.241+05:30शायद आपके मित्र ब्लॉग की औकात से परिचित नहीं हैं ....शायद आपके मित्र ब्लॉग की औकात से परिचित नहीं हैं . अखबार पढ़कर फाड़ दिया जाता हैं अथवा फेंक दिया जाता है और एक या दो शहरों तक सीमित रहते हैं जबकि ब्लॉग सारी दुनिया के द्वारा पढ़े जाते है .महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-21318123482487931562010-01-28T10:43:39.986+05:302010-01-28T10:43:39.986+05:30भाई ब्लाग ब्लाग है और अखबार अखबार है. ब्लाग की औका...भाई ब्लाग ब्लाग है और अखबार अखबार है. ब्लाग की औकात देखना है तो थोडा सा इंतजार किजिये.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-1501314042225631352010-01-28T09:49:09.188+05:302010-01-28T09:49:09.188+05:30ब्लोगींग और अखबार की क्या तुलना. ब्लॉग्गिंग तो दोस...ब्लोगींग और अखबार की क्या तुलना. ब्लॉग्गिंग तो दोस्तों में बैठकर चर्चा करने जैसा माध्यम है. आपने लिखा, हमने पढ़ा, टिप्पणी भी की, आपने या दुसरे पाठकों ने उसके उत्तर में टिप्पणी की या आपने एक और पोस्ट लिखी. यह आत्मीयता और इंटरएक्शन ही इसकी बड़ी खूबी है अखबार की कीमत कितनी भी रख लें यह बात उसमें आ नहीं सकती है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-4951008598789245392010-01-28T09:46:03.411+05:302010-01-28T09:46:03.411+05:30शायद इन अखबार वालों को अपनी औकात नहीं पता। अखबार ब...शायद इन अखबार वालों को अपनी औकात नहीं पता। अखबार बिकती होगी एक लाख मगर जरूरी नहीं सभी उसके हर लेखक को पढें । कई बार पढ कर गालियाँ निकालने का मन भी होता है। फिर स्वतन्त्र अभिव्यक्ति कहां होती है उन मे आकाओं की बोली बोली जाती है दास्ता का जीवन लोगों को अधिक पसंद है शायद । आप अपना जज़्बा बनाये रखें शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-78549164719225096382010-01-28T09:45:18.857+05:302010-01-28T09:45:18.857+05:30Instant response from global readers hi blog ki kh...Instant response from global readers hi blog ki khaaseeyat hai.Alpana Verma अल्पना वर्मा https://www.blogger.com/profile/16073156034630471484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-53617714057738180812010-01-28T09:39:22.152+05:302010-01-28T09:39:22.152+05:30"अखबार की प्रसार संख्या करीब एक लाख है"
..."अखबार की प्रसार संख्या करीब एक लाख है"<br /><br />प्रसार संख्या एक लाख है इसका मतलब यह तो नहीं है कि आपके अखबार के पूरे एक लाख पाठक सिर्फ आपको ही पढ़ते हैं। यह भी तो हो सकता है कि आपको एक भी आदमी न पढ़ता हो।<br /><br />ब्लॉग तो अन्तर्राष्ट्रीय प्रकाशन है जिसे पढ़ने वालों की संख्या करोड़ों से अरबों तक जा सकती है। यदि पोस्ट में सामग्री (content) अच्छी हो तो आपके लेख को करोड़ों पाठक मिल सकते हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-88985710337897018842010-01-28T09:13:58.986+05:302010-01-28T09:13:58.986+05:30उन मित्र को बताएँ, कि माना कि अखबार की खबर को एक ल...उन मित्र को बताएँ, कि माना कि अखबार की खबर को एक लाख लोग पढ़ते हैं, मगर उसमें या तो बाई-लाइन (माने क्रेडिट)नहीं होती, या होती भी है तो उसे कौन पढ़ता है?<br /><br />और, कम से कम हमारे ब्लॉगों की औकात हिन्दी के उन प्रकाशित पुस्तकों से तो ज्यादा है जो स्वयं के खर्चे पर छपवाए जाते हैं वो भी महज 500 प्रतियों में और पाठकों का मुँह जोहते रहते हैं और कहीं किसी बुकशेल्फ में उपलब्ध भी नहीं होते.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-81518712278653722362010-01-28T09:01:00.681+05:302010-01-28T09:01:00.681+05:30ललित जी,
मेहनत का फल हमेशा मिलता है, अपने ब्लाग क...ललित जी, <br />मेहनत का फल हमेशा मिलता है, अपने ब्लाग को कौन टॉप 40 में देखना नहीं चाहता है। वैसे तुम्हारे ब्लाग की औकात क्या है? ये हम नहीं पूछ रहे हैं, अपने एक मित्र का कथन हमने सामने रखा है। हमारे ही नहीं हम सारे ब्लागों के बारे में जानते हैं सभी एक-एक अखबार से कम नहीं है।राजकुमार ग्वालानीhttps://www.blogger.com/profile/08102718491295871717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-30048176212053134492010-01-28T08:54:40.083+05:302010-01-28T08:54:40.083+05:30कितनी औकात है, ये तो भविष्य ही बतायेगा, परंतु ब्लॉ...कितनी औकात है, ये तो भविष्य ही बतायेगा, परंतु ब्लॉगर को फ़ायदा ही होगा, नुक्सान होने की संभावना तो नजर नहीं आती है।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-79842979666335001322010-01-28T08:24:34.735+05:302010-01-28T08:24:34.735+05:30.... ब्लागिंग एक अंतर्राष्ट्रिय मंच है...छुटभईये इ....... ब्लागिंग एक अंतर्राष्ट्रिय मंच है...छुटभईये इसके महत्व को अभी समझ नही पा रहे हैं जब समझेंगे खुद-व-खुद "सलाम" ठोकने लगेंगे.... लगे रहो मेरे भाई .... आप कमाल का लिख रहे हो..... बधाई व शुभकामनाएं !!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-58315684356999572802010-01-28T07:54:43.976+05:302010-01-28T07:54:43.976+05:30बधाई हो राजकुमार भाई,आज आपका ब्लाग अंडर फ़ोर्टी मे ...बधाई हो राजकुमार भाई,आज आपका ब्लाग अंडर फ़ोर्टी मे 39वें नम्बर पर पहुँच गया है। फ़िर पुछते हो तुम्हारे ब्लाग की औकात क्या है?ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-906208060476674822.post-7499400186910187682010-01-28T07:53:39.727+05:302010-01-28T07:53:39.727+05:30अब तो अखबारों को भी ब्लॉग्स के लिए जगह बनानी पड़ र...अब तो अखबारों को भी ब्लॉग्स के लिए जगह बनानी पड़ रही है। चाहे वह प्रिंट में हो या फिर ऑनलाईन संस्करण में हो। <br /><br />इससे किसकी औकात पता चल रही, यह बखूबी दिख रहा।<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.com