पर्चा तो लीक होगा ही
अब आधुनिक तरीके अपनाएगा रैकेट
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने बीडीएस के सभी पर्चे रद्द तो कर दिए हैं और नए सिरे से परीक्षा लेने की तैयारी भी प्रारंभ हो गई है। इधर पर्चा लीक कराने वाले रैकेट ने भी फिर से कमर कल ली है पर्चा लीक करने की। रैकेट इस बार आधुनिक तरीकों का प्रयोग करने वाला है ताकि कोई भी पर्चा मीडिया तक न पहुंच सके। रविवि ने भी पर्चा लीक न हो पाए इसकी तैयारी की है, पर कुलपति डॉ. एस के पांडेय कहते हैं कि पर्चा लीक नहीं होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकते हैं।
बीडीएस के लगातार लीक हो रहे पर्चो को लेकर रविवि के कुलपित डॉ. एसके पांडेय ने साहस दिखाते हुए सभी पर्चों को रद्द कर दिया है। उनके इस कदम से परीक्षा विभाग के साथ पर्चा लीक करने वाले निजी कॉलेजों का रैकेट सकते में है। रैकेट ने जिन विद्यार्थियों को पर्चे बेचे थे, वे अपनी नाराजगी जता रहे हैं। रैकेट चलाने वालों ने अब दूबारा होने वाली परीक्षा में भी पर्चे लीक करने के लिए कमर कस ली है। इस बार किसी भी कीमत पर किसी भी विद्यार्थी को पर्चे की फोटो काफी नहीं दी जाएगी। जिनको पर्चे बेचे जाएंगे, उनको ई-मेल और एसएमएस के जरिए ही सवाल बताएं जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पिछली बार की तरह मीडिया के हाथ कोई पर्चा न लगे।
परीक्षा विभाग कुलपति से खफा
पर्चे रद्द होने से रविवि का परीक्षा विभाग और इसके कर्ताधर्ता बहुत ज्यादा खफा हैं। वे गुरुवार को दिन भर विभाग में अपनी नाराजगी जताते रहे। विभाग के प्रमुख सबसे ज्यादा खफा लगे, वे सभी ये यही कहते रहे कि कुलपति का क्या है, उन्होंने तो उठाकर पर्चे रद्द कर दिए, पर भुगतना तो हम लोगों को है। एक तो विभाग में स्टॉफ कम है, ऊपर से फिर से परीक्षा लेने के आदेश हो गए हैं। ऐसे में क्या किया जा सकता है। जानकारों की मानें तो परीक्षा विभाग प्रमुख की खींज इस बात की नहीं है कि पर्चे रद्द हो गए हैं, बल्कि इस बात की है, कि वे सीधे तौर पर पर्चा लीक करने वालों से साथ मिले हुए हैं। विवि का परीक्षा विभाग प्रारंभ से ही संदेह के घेरे में हैं। बीडीएस के सभी पर्चे निजी कॉलेजों के प्रोफेसरों से सेट कराए जाते हैं और कमीशन के खेल में ये पर्चे आसानी से लीक हो जाते हैं। पर्चे लीक करने के एवज में परीक्षा विभाग को भी खुश किया जाता है।
पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी परेशानी में
पर्चे रद्द होने से सबसे ज्यादा परेशानी में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी हैं। उन्होंने पर्चों के लिए खूब तैयारी की थी, अब उनको नए सिरे से तैयारी करनी पड़ेगी। बहुत से विद्यार्थियों ने पर्चे रद्द करने से परेशान होने की बात धरसीवां के विधायक देवजी भाई पटेल से भी कही। श्री पटेल ने कुलपति डॉ. एसके पांडे से चर्चा करके स्थिति जानी कि मामला क्या है। कुलपति ने उनको बताया कि जांच समिति से पाया कि जो पर्चे लीक हुए थे, वे बहुत ज्यादा मुख्य पर्चा से मिलते-जुलते थे इसलिए सारे पर्चे रद्द करने पड़े।
कम कीमत में देंगे पर्चा
पर्चा लीक करने वाले रैकेट ने खफा विद्यार्थियों को मनाने के लिए अब फिर से होने वाली परीक्षा के पर्चे उनको कम कीमत पर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। विद्यार्थी तो बिना कीमत के पर्चे चाहते हैं, लेकिन ऐसा संभव न होने के बात कहकर रैकेट के लोगों ने हाथ खड़े कर लिए हैं। रैकेट के लोगों ने विद्यार्थियों से कहा है कि हमें तो दूसरी बार भी पर्चों की कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसे में मुफ्त में पर्चे दे पाना संभव नहीं है।
इसलिए विवि प्रशासन गंभीर नहीं
डेंटल कॉलेजों को बहुत जल्द रविवि से अलग हो जाना है, यही वजह है कि रविवि प्रशासन बीडीएस के पर्चो को लेकर गंभीर नहीं है। रविवि प्रशासन तो चाहता है कि जितनी जल्द यह बला डेंटल विश्वविद्यालय के मथे चली जाए अच्छा है।
पर्चा लीक न होने की गारंटी नहीं:कुलपति
कुलपति एसके पांडे कहते हैं कि विवि प्रशासन पर्चा लीक न हो इसके लिए पूरी सावधानी बरतेगा, लेकिन हम गारंटी नहीं दे सकते कि पर्चा लीग नहीं होगा।
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने बीडीएस के सभी पर्चे रद्द तो कर दिए हैं और नए सिरे से परीक्षा लेने की तैयारी भी प्रारंभ हो गई है। इधर पर्चा लीक कराने वाले रैकेट ने भी फिर से कमर कल ली है पर्चा लीक करने की। रैकेट इस बार आधुनिक तरीकों का प्रयोग करने वाला है ताकि कोई भी पर्चा मीडिया तक न पहुंच सके। रविवि ने भी पर्चा लीक न हो पाए इसकी तैयारी की है, पर कुलपति डॉ. एस के पांडेय कहते हैं कि पर्चा लीक नहीं होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकते हैं।
बीडीएस के लगातार लीक हो रहे पर्चो को लेकर रविवि के कुलपित डॉ. एसके पांडेय ने साहस दिखाते हुए सभी पर्चों को रद्द कर दिया है। उनके इस कदम से परीक्षा विभाग के साथ पर्चा लीक करने वाले निजी कॉलेजों का रैकेट सकते में है। रैकेट ने जिन विद्यार्थियों को पर्चे बेचे थे, वे अपनी नाराजगी जता रहे हैं। रैकेट चलाने वालों ने अब दूबारा होने वाली परीक्षा में भी पर्चे लीक करने के लिए कमर कस ली है। इस बार किसी भी कीमत पर किसी भी विद्यार्थी को पर्चे की फोटो काफी नहीं दी जाएगी। जिनको पर्चे बेचे जाएंगे, उनको ई-मेल और एसएमएस के जरिए ही सवाल बताएं जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पिछली बार की तरह मीडिया के हाथ कोई पर्चा न लगे।
परीक्षा विभाग कुलपति से खफा
पर्चे रद्द होने से रविवि का परीक्षा विभाग और इसके कर्ताधर्ता बहुत ज्यादा खफा हैं। वे गुरुवार को दिन भर विभाग में अपनी नाराजगी जताते रहे। विभाग के प्रमुख सबसे ज्यादा खफा लगे, वे सभी ये यही कहते रहे कि कुलपति का क्या है, उन्होंने तो उठाकर पर्चे रद्द कर दिए, पर भुगतना तो हम लोगों को है। एक तो विभाग में स्टॉफ कम है, ऊपर से फिर से परीक्षा लेने के आदेश हो गए हैं। ऐसे में क्या किया जा सकता है। जानकारों की मानें तो परीक्षा विभाग प्रमुख की खींज इस बात की नहीं है कि पर्चे रद्द हो गए हैं, बल्कि इस बात की है, कि वे सीधे तौर पर पर्चा लीक करने वालों से साथ मिले हुए हैं। विवि का परीक्षा विभाग प्रारंभ से ही संदेह के घेरे में हैं। बीडीएस के सभी पर्चे निजी कॉलेजों के प्रोफेसरों से सेट कराए जाते हैं और कमीशन के खेल में ये पर्चे आसानी से लीक हो जाते हैं। पर्चे लीक करने के एवज में परीक्षा विभाग को भी खुश किया जाता है।
पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी परेशानी में
पर्चे रद्द होने से सबसे ज्यादा परेशानी में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी हैं। उन्होंने पर्चों के लिए खूब तैयारी की थी, अब उनको नए सिरे से तैयारी करनी पड़ेगी। बहुत से विद्यार्थियों ने पर्चे रद्द करने से परेशान होने की बात धरसीवां के विधायक देवजी भाई पटेल से भी कही। श्री पटेल ने कुलपति डॉ. एसके पांडे से चर्चा करके स्थिति जानी कि मामला क्या है। कुलपति ने उनको बताया कि जांच समिति से पाया कि जो पर्चे लीक हुए थे, वे बहुत ज्यादा मुख्य पर्चा से मिलते-जुलते थे इसलिए सारे पर्चे रद्द करने पड़े।
कम कीमत में देंगे पर्चा
पर्चा लीक करने वाले रैकेट ने खफा विद्यार्थियों को मनाने के लिए अब फिर से होने वाली परीक्षा के पर्चे उनको कम कीमत पर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। विद्यार्थी तो बिना कीमत के पर्चे चाहते हैं, लेकिन ऐसा संभव न होने के बात कहकर रैकेट के लोगों ने हाथ खड़े कर लिए हैं। रैकेट के लोगों ने विद्यार्थियों से कहा है कि हमें तो दूसरी बार भी पर्चों की कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसे में मुफ्त में पर्चे दे पाना संभव नहीं है।
इसलिए विवि प्रशासन गंभीर नहीं
डेंटल कॉलेजों को बहुत जल्द रविवि से अलग हो जाना है, यही वजह है कि रविवि प्रशासन बीडीएस के पर्चो को लेकर गंभीर नहीं है। रविवि प्रशासन तो चाहता है कि जितनी जल्द यह बला डेंटल विश्वविद्यालय के मथे चली जाए अच्छा है।
पर्चा लीक न होने की गारंटी नहीं:कुलपति
कुलपति एसके पांडे कहते हैं कि विवि प्रशासन पर्चा लीक न हो इसके लिए पूरी सावधानी बरतेगा, लेकिन हम गारंटी नहीं दे सकते कि पर्चा लीग नहीं होगा।
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