क्या अभिनेता और खिलाडिय़ों का देश के विकास में हाथ नहीं होता?
हमारे एक मित्र ने फोन किया और नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या यार ये कैसी-कैसी खबरें छपती हैं आपके अखबार में।
हमने पूछा कि क्या हो गया नाराज क्यों हैं? कौन सी खबर की बात कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हम रामदेव बाबा की उस खबर की बात कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि देश के विकास में खिलाड़ी और अभिनेताओं का कोई योगदान नहीं होता है।
अब हमें उनकी नाराजगी का कारण समझ आया, क्योंकि हमारे ये मित्र अंतरराष्ट्रीय खेल जगत से जुड़े हैं। उन्होंने हमसे कहा कि यह बात तो गलत है कि खिलाड़ी के बारे कहा जाए कि उनका देश के विकास में कोई योगदान नहीं होता। जबकि हकीकत यही है जिस देश में जितने अच्छे खिलाड़ी होते हैं उस देश को उतना ही विकसित माना जाता है।
यह बात बिलकुल सत्य है कि जिस देश के खिलाड़ी जितने अच्छे होते हैं उस देश को उतना विकसित समझा जाता है, इसी के साथ खिलाडिय़ों को ही हर देश का राजदूत माना जाता है। फिर यह बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि खिलाड़ी ही किसी भी देश का ऐसा व्यक्ति होता है जिसके कारण तब दूसरे देश में उस देश का राष्ट्रगान होता है और झंडा फहराया जाता जब वह किसी ओलंपिक, एशियाड या किसी और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीतता है।
ऐसे में खिलाडिय़ों के बारे में यह सोचना कि उनका देश के विकास में कोई योगदान नहीं होता है, उचित नहीं है। रामदेव बाबा का अपना मत हो सकता है, लेकिन इस मत से सभी सहमत हो यह जरूरी नहीं है।
यही बात अभिनेताओं के बारे में भी कही जा सकती है। फिल्में समाज का हिस्सा है और अभिनेता भी। ऐसे में उनको देश के विकास से कैसे अलग किया जा सकता है।
हमें रामदेव बाबा के बयान के बाद कई खिलाड़ी मित्रों के फोन आए जो रामदेव बाबा के बयान से आहत हुए हैं।
अब हम ब्लाग बिरादरी के मित्रों से जानना चाहते हैं कि क्या आप रामदेव बाबा की इस बात से सहमत हैं कि देश के विकास में खिलाडिय़ों और अभिनेताओं का कोई योगदान नहीं होता है। अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं।
9 टिप्पणियाँ:
रामदेव बाबा जैसे संतों की बातों पर ध्यान देना ही नहीं चाहिए। ये वही कहते है जिससे उनकी वाह-वाही हो।
खिलाडिय़ों के योगदान के आगे पूरा देश नतमस्तक होता है, खिलाडिय़ों को देश के विकास से भला कैसे अलग किया जा सकता है। रामदेव बाबा को विवाद पैदा करने की आदत है।
योग गुरु कभी कोई बात गलत नहीं कहते हैं। इस अज्ञानी संसार को उनकी बातों को मतलब समझ नहीं आता है तो कोई क्या कर सकता है। खिलाडिय़ों और अभिनेताओं के कारण देश बर्बाद हो रहा है।
ये ठीक है की विकसित देशों के खिलाड़ी अच्छे होते हैं.. ज्यादा पदक जीतते हैं.. लेकिन आप भूल रहे हैं की उन खिलाडियों या अभिनेताओं की वजह से देश विकसित नहीं होता... बल्कि देश के संपन्न होने की वजह से अच्छे खिलाडी निकलते हैं...
यहाँ तो 'घर में नहीं हैं दाने, अम्मा चलीं भुनाने' वाली बात है... जो खिलाडी मित्र इस बात से आहत हो रहे हैं उन्हें याद दिलाएं की देश उनसे नहीं चल रहा.. वो देश से चल रहे हैं..
निश्चय ही वे देश का गौरव हैं और सम्मान उनसे मिलता है... लेकिन सिर्फ उन्ही से मिल्ताहो ऐसा भी नहीं है... इस तरह तो विज्ञान, तकनीक और साहित्य वाले कुछ नहीं कर रहे देश के लिए...
सब का बराबर योगदान है कोई देश के लिए धन अर्जित कर रहा है तो कोई मान..
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...
रामदेव बाबा को विवाद पैदा करने की आदत है।
ye bat bilkul sahi hai
santo ki baton ka bura nahi manana chahiye
kahe ramdev baba ke piche pade hai, unke kuch bhi kahne se kaya hoata hai
इतना बड़ा देश,इतनी बड़ी जनसंख्या और पदक?इस बारे मे कोई कहे तो बुरा नही लगता भाई लोगों को।राष्ट्रीय खेल हाकी जिसके जादुगर हमारे देश के ही थे,क्रिकेट मे स्पिन के जादुगर हमारे ही देश के थे,अब न हाकी का जादू दिखता है और न स्पिन के्।बाकी दुसरे खेलों के बारे मे तो बात करना ही बेकार है।हाकी मे ओलंपिक मे गोल्ड कब मिला था अब तो सोचना पड़ता है।क्या इस बारे मे कभी सोचते हैं भाई लोग?रामदेव बाबा की बातों से मैं भी सहमत नही हूं मगर इसका मतलब ये भी तो नही है कि खेल का स्तर सुधारने की बजाये बाबा को सुधारने मे लग जाये।उनका काम वो करें और अपना काम अपन करें।
अभिनेताओं का तो बिलकुल ही नहीं होता.....
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