जब याद आती है वो होली
जब भी आती है रंग-बिरंगी होली
हमें याद आती है एक सूरत भोली।।
थी जो कभी हमारी हमजोली
एक गांव की वो प्यारी गोरी।।
दिल कर गई थी जो हमारा चोरी
चहकते हुए थी वो हमसे बोली।।
याद रखना ये पहली होली
जो तुमने हम संग है खेली।।
भूल न जाना गुलाल की हथेली
प्यारी-प्यारी ये हमारी अठखेली।।
याद कर लेना जब भी आए होली
मेरे प्यारे प्रियतम मेरे हमजोली।।
नोट: यह कविता भी हमारी 20 साल पुरानी डायरी की है।
5 टिप्पणियाँ:
20 साल पहले की यादें आज भी आपको कचौती है ऐसा लगता है
बहुत अच्छी रचना है
२० साल से हर बरस चिकोटी काटती होगी यह रचना ऐन होली के समय. :)
अच्छी रचना है
बड़ी ही रंगीली कविता है, बधाई
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