भटक जाते हैं कदम-जब साथ न दे हमदम
भटक जाते हैं कदम
जब साथ न दे हमदम
फिर तो रहते हैं
जिंदगी में गम ही गम
गम मिटाने लोग पीते हैं रम
लेकिन गम को मिटाने कहां होता है
रम में भी इतना दम
इसलिए कहते हैं हम
कभी भी प्यार न करो
अपने हमदम से कम
ऐसा न हो कि प्यार कम होने से
निकल जाएं आपके हमदम का दम
जब वादा कि है तो
साथ निभाओ उम्र भर सनम
जन्म-जन्म न सही
ठीक कर लो अपना यही जनम
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें