कनाडा जैसा लगा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ आकर हम लोगों को लग ही नहीं रहा है कि हम लोग कनाडा से बाहर आए हैं। यहां पर हमारी टीम को जैसा प्यार और सम्मान मिला है, उससे हमारी पूरी टीम उत्साहित है और हमारा ऐसा सोचना है कि हम यहां बार-बार आए और यहां की टीम को भी अपने देश में खेलने के लिए बुलाए।
ये बातें अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में चर्चा करते हुए कनाडा क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष र्रणजीत सिंह सैनी ने कहीं। उन्होंने कहा कि उनको कल्पना नहीं थी कि उनकी टीम का यहां पर इस तरह से स्वागत सत्कार होगा। उन्होंने कहा कि उनको यह जानकार भी आश्चर्य लगा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खुद कनाडा और छत्तीसगढ़ टीमों के बीच होने वाले मैच के लिए रूचि दिखाई और मैच में सुरक्षा के इंतजाम के साथ खिलाडिय़ों के रहने और खाने के बारे में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की।
दर्शकों पर फिदा
श्री सैनी ने पूछने पर कहा कि यहां का सिर्फ स्टेडियम ही खुबसूरत नहीं है, बल्कि यहां के दर्शक भी खेल प्रेमी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी टीम के खिलाडिय़ों के अच्छे प्रदर्शन पर दर्शकों ने उनको दाद देने में कोई कमी नहीं की। पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके देश में छत्तीसगढ़ जैसा स्टेडियम तो नहीं है, लेकिन वहां पर दो अंतरराष्ट्रीय और ६ राष्ट्रीय स्तर के मैदान हैं।
भारत की मदद चाहते हैं
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी टीम के भारत दौरे का मकसद यह है कि हम अपने देश के क्रिकेट को बढ़ाने के लिए भारत की मदद चाहते हैं। मदद इस तरह से की हमारे देश में साल में सात माह मौसम ऐसा रहता है कि वहां पर खेल नहीं हो सकता है। ऐसे समय में हम चाहेंगे कि हमारी टीमें भारत के विभिन्न राज्यों में आकर मैच खेलें ताकि हमारे खिलाडिय़ों को सीखने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि हम यहां पर संबंध मधुर करने आए हैं। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ की टीम को भी कनाडा आमंत्रित करेंगे।
सुविधाओं का जायजा ले रहे हैं
श्री सैनी ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की तारीफ करते हुए कहा कि वास्तव में इसकी डिजाइन कमाल की है। यहां पर इमारत को बड़ा करने की बजाए मैदान पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम भारत में सुविधाओं का भी जायजा ले रहे हैं ताकि अपने देश में इस तरह की सुविधाएं अपने खिलाडिय़ों को दिला सके।
चार साल में आस्ट्रेलिया जैसे होंगे
श्री सैनी ने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हमारी टीम तीन बार विश्व कप में खेलने की पात्रता प्राप्त कर चुकी है। हम लोग चार साल की योजना बनाकर काम कर रहे हैं। हमने इसके लिए प्रायोजकों की मदद ली है। हमारे खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिलाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी टीम चार साल में आस्ट्रेलिया जैसी हो जाएगी।
छत्तीसगढ़ की टीम लाजवाब
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मैंने छत्तीसगढ़ टीम का खेल देखा है यह टीम वास्तव में लाजवाब है। इस टीम के खिलाडिय़ों का प्रदर्शन देखने लायक है। उन्होंने हरप्रीत सिंह के खेल की तारीफ करते हुए कहा कि हरप्रीत बहुत अच्छा खिलाड़ी है। उन्होंने बताया कि हरप्रीत उनके पुत्र का मित्र है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी टीम को छत्तीसगढ़ में आकर बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि हमारा बोर्ड छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ का आभारी है जिन्होंने हमारी टीम के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था छत्तीसगढ़ में की है। उन्होंने कहा कि हम तो छत्तीसगढ़ को अपना दूसरा घर मान रहे हैं। हम यहां आएं हैं तो हम लग ही नहीं रहा है कि हम अपने देश के बाहर हैं।
सरकार से कम मदद मिलती है
श्री सैनी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कनाडा की सरकार से क्रिकेट को उतनी मदद नहीं मिलती है जितनी ओलंपिक के खेलों को मिलती है। उन्होंने बताया कि एक समय क्रिकेट कनाडा का राष्ट्रीय खेल था, लेकिन अब नहीं है। कनाडा में पहले नंबर का खेल फुटबॉल है इसके बाद क्रिकेट का नंबर आता है। उन्होंने बताया कि क्रिकेट का इतिहास उठाकर देखा जाए तो मालूम होगा कि क्रिकेट का पहला मैच कनाडा और अमरीका के बीच खेला गया था।
अब नजरें विश्व कप पर
श्री सैनी ने पूछने पर बताया कि उनकी टीम की नजरें अब विश्व कप हैं। उन्होंने बताया कि हमारी टीम के पांच राष्ट्रीय खिलाड़ी यहां नहीं आ सके हैं जिसके कारण टीम का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि टीम के लिए यह बी दुखद रहा कि टीम के कप्तान यहां आने के बाद घायल हो गए। उन्होंने कहा कि उनको उम्मीद है कि उनकी टीम विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करेगी। अंत में श्री सैनी को बलदेव सिंह भाटिया ने स्मृति चिंह दिया।
छत्तीसगढ़ के लिए खेलना अच्छा लगा
छत्तीसगढ़ की पारी में शतक बनाने वाले दल्लीराजहरा के खिलाड़ी हरप्रीत सिंह का कहना है कि अपने राज्य के लिए खेलना अच्छा लगा। उन्होंने बताया कि वे इस समय जहां मप्र की रणजी टीम में खेल रहे हैं, वहीं आईपीएल के लिए उनको फिर से कोलकाता राइटर्स की टीम के साथ बेंगलुरु और पुणे की टीम से अभी ऑफर है, पर वे पैसों के पीछे न भागते हुए कोलकाता टीम को महत्व देना चाहते हैं। उनका कहना है कि इस टीम के साथ वे पिछली बार भी थे। इस टीम से उनको बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि एक प्रशिक्षण शिविर में उनकी मुलाकात सचिन से हुई थी, सचिन के बताए टिप्स उनके बहुत काम आ रहे हैं। हरप्रीत ने बताया कि वे अंडर १९ के विश्व कप में खेल चुके हैं।
कनाडा में प्रतिभाओं की कमी नहीं है
ये बातें अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में चर्चा करते हुए कनाडा क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष र्रणजीत सिंह सैनी ने कहीं। उन्होंने कहा कि उनको कल्पना नहीं थी कि उनकी टीम का यहां पर इस तरह से स्वागत सत्कार होगा। उन्होंने कहा कि उनको यह जानकार भी आश्चर्य लगा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खुद कनाडा और छत्तीसगढ़ टीमों के बीच होने वाले मैच के लिए रूचि दिखाई और मैच में सुरक्षा के इंतजाम के साथ खिलाडिय़ों के रहने और खाने के बारे में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की।
दर्शकों पर फिदा
श्री सैनी ने पूछने पर कहा कि यहां का सिर्फ स्टेडियम ही खुबसूरत नहीं है, बल्कि यहां के दर्शक भी खेल प्रेमी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी टीम के खिलाडिय़ों के अच्छे प्रदर्शन पर दर्शकों ने उनको दाद देने में कोई कमी नहीं की। पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके देश में छत्तीसगढ़ जैसा स्टेडियम तो नहीं है, लेकिन वहां पर दो अंतरराष्ट्रीय और ६ राष्ट्रीय स्तर के मैदान हैं।
भारत की मदद चाहते हैं
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी टीम के भारत दौरे का मकसद यह है कि हम अपने देश के क्रिकेट को बढ़ाने के लिए भारत की मदद चाहते हैं। मदद इस तरह से की हमारे देश में साल में सात माह मौसम ऐसा रहता है कि वहां पर खेल नहीं हो सकता है। ऐसे समय में हम चाहेंगे कि हमारी टीमें भारत के विभिन्न राज्यों में आकर मैच खेलें ताकि हमारे खिलाडिय़ों को सीखने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि हम यहां पर संबंध मधुर करने आए हैं। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ की टीम को भी कनाडा आमंत्रित करेंगे।
सुविधाओं का जायजा ले रहे हैं
श्री सैनी ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की तारीफ करते हुए कहा कि वास्तव में इसकी डिजाइन कमाल की है। यहां पर इमारत को बड़ा करने की बजाए मैदान पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम भारत में सुविधाओं का भी जायजा ले रहे हैं ताकि अपने देश में इस तरह की सुविधाएं अपने खिलाडिय़ों को दिला सके।
चार साल में आस्ट्रेलिया जैसे होंगे
श्री सैनी ने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हमारी टीम तीन बार विश्व कप में खेलने की पात्रता प्राप्त कर चुकी है। हम लोग चार साल की योजना बनाकर काम कर रहे हैं। हमने इसके लिए प्रायोजकों की मदद ली है। हमारे खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिलाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी टीम चार साल में आस्ट्रेलिया जैसी हो जाएगी।
छत्तीसगढ़ की टीम लाजवाब
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मैंने छत्तीसगढ़ टीम का खेल देखा है यह टीम वास्तव में लाजवाब है। इस टीम के खिलाडिय़ों का प्रदर्शन देखने लायक है। उन्होंने हरप्रीत सिंह के खेल की तारीफ करते हुए कहा कि हरप्रीत बहुत अच्छा खिलाड़ी है। उन्होंने बताया कि हरप्रीत उनके पुत्र का मित्र है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी टीम को छत्तीसगढ़ में आकर बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि हमारा बोर्ड छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ का आभारी है जिन्होंने हमारी टीम के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था छत्तीसगढ़ में की है। उन्होंने कहा कि हम तो छत्तीसगढ़ को अपना दूसरा घर मान रहे हैं। हम यहां आएं हैं तो हम लग ही नहीं रहा है कि हम अपने देश के बाहर हैं।
सरकार से कम मदद मिलती है
श्री सैनी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कनाडा की सरकार से क्रिकेट को उतनी मदद नहीं मिलती है जितनी ओलंपिक के खेलों को मिलती है। उन्होंने बताया कि एक समय क्रिकेट कनाडा का राष्ट्रीय खेल था, लेकिन अब नहीं है। कनाडा में पहले नंबर का खेल फुटबॉल है इसके बाद क्रिकेट का नंबर आता है। उन्होंने बताया कि क्रिकेट का इतिहास उठाकर देखा जाए तो मालूम होगा कि क्रिकेट का पहला मैच कनाडा और अमरीका के बीच खेला गया था।
अब नजरें विश्व कप पर
श्री सैनी ने पूछने पर बताया कि उनकी टीम की नजरें अब विश्व कप हैं। उन्होंने बताया कि हमारी टीम के पांच राष्ट्रीय खिलाड़ी यहां नहीं आ सके हैं जिसके कारण टीम का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि टीम के लिए यह बी दुखद रहा कि टीम के कप्तान यहां आने के बाद घायल हो गए। उन्होंने कहा कि उनको उम्मीद है कि उनकी टीम विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करेगी। अंत में श्री सैनी को बलदेव सिंह भाटिया ने स्मृति चिंह दिया।
छत्तीसगढ़ के लिए खेलना अच्छा लगा
छत्तीसगढ़ की पारी में शतक बनाने वाले दल्लीराजहरा के खिलाड़ी हरप्रीत सिंह का कहना है कि अपने राज्य के लिए खेलना अच्छा लगा। उन्होंने बताया कि वे इस समय जहां मप्र की रणजी टीम में खेल रहे हैं, वहीं आईपीएल के लिए उनको फिर से कोलकाता राइटर्स की टीम के साथ बेंगलुरु और पुणे की टीम से अभी ऑफर है, पर वे पैसों के पीछे न भागते हुए कोलकाता टीम को महत्व देना चाहते हैं। उनका कहना है कि इस टीम के साथ वे पिछली बार भी थे। इस टीम से उनको बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि एक प्रशिक्षण शिविर में उनकी मुलाकात सचिन से हुई थी, सचिन के बताए टिप्स उनके बहुत काम आ रहे हैं। हरप्रीत ने बताया कि वे अंडर १९ के विश्व कप में खेल चुके हैं।
कनाडा में प्रतिभाओं की कमी नहीं है
कनाडा के लिए दूसरे मैच में शकतीय पारी खेलने वाले हिरल पटेल का कहना है कि उनके देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। कनाडा में क्रिकेट में उनता पैसा नहीं है। पैसे होने पर वहां पर भी क्रिकेट बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो जाएगा। मूलत: अहमदाबाद के निवासी इस खिलाड़ी का कहना है कि उनका परिवार छह साल पहले ही कनाडा गया है। उन्होंने पूछने पर बताया कि पहले कनाडा के क्रिकेटरों को पांच सौ डॉलर एक वनडे के मिलते थे। लेकिन अब सात राष्ट्रीय खिलाडिय़ों को ही पैसे मिलते हैं। हिरल के आदर्श वीरेन्द्र सहवाग है। उन्होंने बताया कि उनका सपना भी विश्व कप में खेलने का है। वे संभावित टीम में है। उनको उम्मीद है कि उनको जरूर विश्व कप में खेलने का मौका मिलेगा। वे पारी की शुरुआत करते हैं।
5 टिप्पणियाँ:
अच्छा लगा जानकर...
chattishgarh hai hi aisa ki har kisi ko apna lagta hai!
छत्तीसगढ़ आकर हम लोगों को लग ही नहीं रहा है कि हम लोग कनाडा से बाहर आए हैं
अरे भाई समीर लाल जी हमने समझा आपसे पहले इन्हें भेजा गया है :)
कभी रामजी सुन लेंगे....... हम भी आयेंगे छत्तीसगढ़ घूमने......
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