उमा भारती को मैं साध्वी नहीं मानती: स्तुति
बाल कथाकार स्तुति देवी का मानना है कि भारतीय जनशक्ति पार्टी की अध्यक्ष और साध्वी उमा भारती को मैं कभी साध्वी नहीं मानती। स्तुति का कहना है कि सुश्री भारती को तो मैंने कभी प्रवचन करते देखा ही नहीं है। मैंने जब से होश संभाला है तब से उनको राजनीति में देख रही हूं। वास्तव में जो साधु-संत हैं उनको राजनीति में कभी नहीं आना चाहिए। मैं तो कभी राजनीति में जाने के बारे में सोच ही नहीं सकती।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं भला उमा भारती जैसी साध्वी से कैसे प्रभावित हो सकती हूं जबकि मैं उनको साध्वी मानती ही नहीं हूं। उन्होंने कहा कि साधु-संतों को तो वास्तव में राजनीति से काफी दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने तो आज तक सुश्री भारती को न कभी कोई कथा करते सुना है और न ही प्रवचन करते देखा है। उन्होंने कहा कि सच्चा साधु तो वही होता है वास्तव मैं वैराग्य का पालन करता है, लेकिन आज जो साधु-संत हैं उनमें ज्यादातर ऐसे हैं जो वास्तव में अपने घर-परिवार की जिम्मेदारी से भागना चाहते हैं। राजनीति के बारे में उनका कहना है कि इसमें भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं है।
स्तुति के साथ आए उनके पिता पं. गोविंद माधव तिवारी ने छत्तीसगढ़ के बारे में कहा कि यह राम और कौशल्याकी जन्मभूमि है। यहां के लोगों को राम के आदर्श को मानना चाहिए। उन्होंने प्रदेश की तारीफ करते हुए कहा कि कम से कम अपना छत्तीसगढ़ दूसरे राज्यों की तुलना में काफी कम खराब है। एक तरह से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ बहुत शांत है।
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