क्यों बदले तुम्हारे खयालात
छुट गया उनका साथ
अब नहीं है हाथों में हाथ
नहीं करते वो हमसे बात
कटती नहीं अब तो रात
काश एक बार हो जाए मुलाकात
पूछे उनसे क्यों बदले तुम्हारे खयालात
अब नहीं है हाथों में हाथ
नहीं करते वो हमसे बात
कटती नहीं अब तो रात
काश एक बार हो जाए मुलाकात
पूछे उनसे क्यों बदले तुम्हारे खयालात
1 टिप्पणियाँ:
जय हो कविवर
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं
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