राष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार करेंगे
अपने राज्य की मेजबानी में होने वाले राष्ट्रीय खेलों को लेकर हम लोग भी उत्साहित हैं। हमारा ऐसा मानना है कि हम सभी क्रीड़ाश्री को इन खेलों के लिए खिलाड़ी तैयार करने का काम करना चाहिए ताकि अपने राज्य को ज्यादा से ज्यादा पदक मिल सके। हम सब यह वादा करते हैं कि हम लोग राष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार करने का काम करेंगे।
ये बातें यहां पर विशेष चर्चा करते हुए प्रदेश के छह जिलों के क्रीड़ाश्री ने कहीं। इन्होंने एक स्वर में कहा कि यह अपने राज्य के लिए सौभाग्य की बात है कि हम 37वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। जब इन खेलों का आयोजन अपने राज्य में संभवत: 2015-16 में होगा तो हम लोग चाहेंगे कि किसी न किसी खेल में हमारे गांव के भी खिलाड़ी अपने राज्य के लिए खेलें और राज्य को पदक दिलाने का काम करें। इन्होंने कहा कि हम लोगों को यह जानकर निराशा हुई है कि झारखंड के राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ को सिर्फ सात पदक मिले हैं। हमारा ऐसा मानना है कि पायका से जरूर अब गांव-गांव के खिलाड़ी निकलकर सामने आएंगे और राज्य के लिए पदक जीतने का काम करेंगे। सभी क्रीड़ाश्री ने एक स्वर में यह भी कहा कि प्रशिक्षण शिविर सात दिनों के स्थान पर ज्यादा दिनों का होना चाहिए। सात दिनों में पांच खेलों के बारे में जानना संभव नहीं है।
रायपुर जिले के क्रीड़ाश्री महेश राम सिन्हा, तिजऊ राम तारक, राकेश निषाद, मनोज कुमार वर्मा, छबिराम कैवर्त्य, पीलूराम निषाद, चित्रसेन निर्मलकर, रोहित कुमार जगत, महेन्द्र कुमार मसरा, देवनारायण साहू, योगेन्द्र साहू, संतराम साहू, सुशील कुमार साहू, नरेन्द्र कुमार साहू, सतीश कुमार साहू, संतराम यादव, विजय विश्वकर्मा, सुनील ध्रुव, पुष्पलता नेताम, प्रहलाद साहू, पूरनलाल साहू, राजकुमार धृतलहरे, रामनाथ यादव, अमरनाथ यादव, धन्नालाल साहू, रामकुमार विश्वकर्मा और संतराम कैवर्त्य कहते हैं कि हमारा रायपुर जिला ही ऐसा है जिसमें पायका में युद्ध स्तर पर काम हो रहे हैं। हमारे जिले के वरिष्ठ जिला खेल अधिकरी राजेन्द्र डेकाटे के मार्गदर्शन में हम लोग अपने गांवों से खिलाड़ियों को निकालकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में सफल होंगे ऐसा हमें भरोसा है। हम अपने राज्य के लिए ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी तैयार करने का काम करेंगे।
बिलासपुर के जोहन प्रसाद निषाद, सुरेन्द्र द्विवेदी, सूरज कुमार यादव, कृष्ण कुमार चन्द्राकर, प्रेम सिंह, सुरेन्द्र कुमार डहरिया, हरनारायण सिंह, रोहित, अमलेश, राजू सिंह पात्रे, ,शैलेष कुमार, विनोद कुमार, ब्रम्हदेव विश्वकर्मा, फूलेश्वर पटेल, जगदीश पटेल और विश्राम कौशिक कहते हैं कि हम पायका के पांचों खेलों के लिए अपने गांवों से खिलाड़ी तैयार करके राष्ट्रीय खेलों के लिए देंगे।
दुर्ग जिले के विनोद कुमार क्षत्री, माखन लाल वर्मा, राजू लाल, लेखनारायण जायके, पूणेन्द्र कुमार साहू, ओमप्रकाश सिन्हा, हरीशचन्द्र वर्मा, योगेश्वर वर्मा, शैलेष कुमार साहू का कहना है कि हमारे गांवों के खिलाड़ी राज्य खेल महोत्सव में अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। अब हम लोग अपने गांवों के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार करने का काम करेंगे। इन्होंने कहा कि गांवों में मैदान बनाने के लिए भी हम एकजुट हैं। मैदान को समतल करके खिलाड़ियों को मैदान में लाने का काम करेंगे।
जशपुर के अशोक कुमार भगत, बेनानासियुस खलखो, अल्फोस तिग्गा, बाबूलाल राम, रेशमलाल चौहान, अम्बेश्वर सिंह, अशोक कुमार सिंह, मनोज खुंटिया,मदन कुमार चौहान, मेघनाथ साय, वासुदेव नायक, मंजिता तिर्की, मनोज कुमार प्रधान कहते हैं कि हमारे क्षेत्र में प्रतिभाएं बहुत है हम चाहते हैं कि हमारे गांव के खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों में राज्य के लिए पदक जीते। हमारे क्षेत्र के गांवों में तीरंदाजी और हॉकी के कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। हम इनको तलाश कर तलाशेंगे और राज्य के लिए खेलने सामने लाएंगे। इन्होंने कहा कि हम लोगों को अफसोस होता है कि हमारे समय में ऐसी कोई योजना क्यों नहीं थी, अगर ऐसी योजना उस समय रहती तो हम लोगों में से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत सकते थे। हम क्रीड़श्री में ज्यादातर किसी ने किसी खेल से जुड़े हुए हैं।
कोरबा के गोपाल प्रसाद कंवर, संतोष कुमार, निर्मणी प्रसाद पटेल, पंचदेवी, भरत लाल यादव, पवन कुमार, भागवत प्रसाद कंवर, गिरधारी बाजपेयी, संगीता दुबे, मानसाय कैवर्त और राजेन्द्र ठाकुर का कहना है कि पायका के पांचों खेलों के लिए गांवों के बच्चों को जागरुक करके मैदान में लाएंगे और उनको तैयार करेंगे। हम भी चाहते हैं कि हमारे गांव के खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों में खेलकर अपने राज्य और गांवों का नाम रौशन करें।
राजनांदगांव के लक्ष्मीकांत हरिहारतो, अवधराम, जानकीशरण कुशवाहा, ललित कुमार ठाकुर, मुकेश कुमार वर्मा,अश्वनी यादव, अमेन्द्र वर्मा, कृष्णकुमार कौशिक और राकेश कुमार सोनी कहते हैं कि हमारे गांवों में भी बहुत प्रतिभाएं हैं लेकिन इनको सही मौका नहीं मिल पाता है। लेकिन अब हम लोग ऐसी प्रतिभाओं को सामने लाने का काम करेंगे और अपने राज्य को राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी देंगे।
ये बातें यहां पर विशेष चर्चा करते हुए प्रदेश के छह जिलों के क्रीड़ाश्री ने कहीं। इन्होंने एक स्वर में कहा कि यह अपने राज्य के लिए सौभाग्य की बात है कि हम 37वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। जब इन खेलों का आयोजन अपने राज्य में संभवत: 2015-16 में होगा तो हम लोग चाहेंगे कि किसी न किसी खेल में हमारे गांव के भी खिलाड़ी अपने राज्य के लिए खेलें और राज्य को पदक दिलाने का काम करें। इन्होंने कहा कि हम लोगों को यह जानकर निराशा हुई है कि झारखंड के राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ को सिर्फ सात पदक मिले हैं। हमारा ऐसा मानना है कि पायका से जरूर अब गांव-गांव के खिलाड़ी निकलकर सामने आएंगे और राज्य के लिए पदक जीतने का काम करेंगे। सभी क्रीड़ाश्री ने एक स्वर में यह भी कहा कि प्रशिक्षण शिविर सात दिनों के स्थान पर ज्यादा दिनों का होना चाहिए। सात दिनों में पांच खेलों के बारे में जानना संभव नहीं है।
रायपुर जिले के क्रीड़ाश्री महेश राम सिन्हा, तिजऊ राम तारक, राकेश निषाद, मनोज कुमार वर्मा, छबिराम कैवर्त्य, पीलूराम निषाद, चित्रसेन निर्मलकर, रोहित कुमार जगत, महेन्द्र कुमार मसरा, देवनारायण साहू, योगेन्द्र साहू, संतराम साहू, सुशील कुमार साहू, नरेन्द्र कुमार साहू, सतीश कुमार साहू, संतराम यादव, विजय विश्वकर्मा, सुनील ध्रुव, पुष्पलता नेताम, प्रहलाद साहू, पूरनलाल साहू, राजकुमार धृतलहरे, रामनाथ यादव, अमरनाथ यादव, धन्नालाल साहू, रामकुमार विश्वकर्मा और संतराम कैवर्त्य कहते हैं कि हमारा रायपुर जिला ही ऐसा है जिसमें पायका में युद्ध स्तर पर काम हो रहे हैं। हमारे जिले के वरिष्ठ जिला खेल अधिकरी राजेन्द्र डेकाटे के मार्गदर्शन में हम लोग अपने गांवों से खिलाड़ियों को निकालकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में सफल होंगे ऐसा हमें भरोसा है। हम अपने राज्य के लिए ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी तैयार करने का काम करेंगे।
बिलासपुर के जोहन प्रसाद निषाद, सुरेन्द्र द्विवेदी, सूरज कुमार यादव, कृष्ण कुमार चन्द्राकर, प्रेम सिंह, सुरेन्द्र कुमार डहरिया, हरनारायण सिंह, रोहित, अमलेश, राजू सिंह पात्रे, ,शैलेष कुमार, विनोद कुमार, ब्रम्हदेव विश्वकर्मा, फूलेश्वर पटेल, जगदीश पटेल और विश्राम कौशिक कहते हैं कि हम पायका के पांचों खेलों के लिए अपने गांवों से खिलाड़ी तैयार करके राष्ट्रीय खेलों के लिए देंगे।
दुर्ग जिले के विनोद कुमार क्षत्री, माखन लाल वर्मा, राजू लाल, लेखनारायण जायके, पूणेन्द्र कुमार साहू, ओमप्रकाश सिन्हा, हरीशचन्द्र वर्मा, योगेश्वर वर्मा, शैलेष कुमार साहू का कहना है कि हमारे गांवों के खिलाड़ी राज्य खेल महोत्सव में अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। अब हम लोग अपने गांवों के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार करने का काम करेंगे। इन्होंने कहा कि गांवों में मैदान बनाने के लिए भी हम एकजुट हैं। मैदान को समतल करके खिलाड़ियों को मैदान में लाने का काम करेंगे।
जशपुर के अशोक कुमार भगत, बेनानासियुस खलखो, अल्फोस तिग्गा, बाबूलाल राम, रेशमलाल चौहान, अम्बेश्वर सिंह, अशोक कुमार सिंह, मनोज खुंटिया,मदन कुमार चौहान, मेघनाथ साय, वासुदेव नायक, मंजिता तिर्की, मनोज कुमार प्रधान कहते हैं कि हमारे क्षेत्र में प्रतिभाएं बहुत है हम चाहते हैं कि हमारे गांव के खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों में राज्य के लिए पदक जीते। हमारे क्षेत्र के गांवों में तीरंदाजी और हॉकी के कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। हम इनको तलाश कर तलाशेंगे और राज्य के लिए खेलने सामने लाएंगे। इन्होंने कहा कि हम लोगों को अफसोस होता है कि हमारे समय में ऐसी कोई योजना क्यों नहीं थी, अगर ऐसी योजना उस समय रहती तो हम लोगों में से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत सकते थे। हम क्रीड़श्री में ज्यादातर किसी ने किसी खेल से जुड़े हुए हैं।
कोरबा के गोपाल प्रसाद कंवर, संतोष कुमार, निर्मणी प्रसाद पटेल, पंचदेवी, भरत लाल यादव, पवन कुमार, भागवत प्रसाद कंवर, गिरधारी बाजपेयी, संगीता दुबे, मानसाय कैवर्त और राजेन्द्र ठाकुर का कहना है कि पायका के पांचों खेलों के लिए गांवों के बच्चों को जागरुक करके मैदान में लाएंगे और उनको तैयार करेंगे। हम भी चाहते हैं कि हमारे गांव के खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों में खेलकर अपने राज्य और गांवों का नाम रौशन करें।
राजनांदगांव के लक्ष्मीकांत हरिहारतो, अवधराम, जानकीशरण कुशवाहा, ललित कुमार ठाकुर, मुकेश कुमार वर्मा,अश्वनी यादव, अमेन्द्र वर्मा, कृष्णकुमार कौशिक और राकेश कुमार सोनी कहते हैं कि हमारे गांवों में भी बहुत प्रतिभाएं हैं लेकिन इनको सही मौका नहीं मिल पाता है। लेकिन अब हम लोग ऐसी प्रतिभाओं को सामने लाने का काम करेंगे और अपने राज्य को राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी देंगे।
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