स्टेडियम बनाने शुरू कर दें
भारतीय ओलंपिक संघ से सहसचिव एसएम बाली का कहना है कि छत्तीसगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए बिना विलंब किए स्टेडियम निर्माण के साथ खेलगांव को तैयार करने का काम प्रारंभ कर देना चाहिए। हम यह मानकर चल रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के 37वें राष्ट्रीय खेल 2015-16 में ही हो पाएंगे। ऐसे में प्रदेश सरकार के पास ज्यादा समय नहीं है। अभी से अगर तैयारी शुरू नहीं की गई तो यह मानकर चलिए कि भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा दिए जाने वाले समय पर राष्ट्रीय खेलों का होना संभव नहीं होगा।
प्रदेश के राष्ट्रीय खेल सचिवालय की पहली बैठक में भारतीय ओलंपिक संघ के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होने आए श्री बाली ने ये बातें यहां पर विशेष चर्चा करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि झारखंड के 34वें राष्ट्रीय खेलों के बाद केरल में होने वाले 35वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 12 दिसंबर 2012 की तिथि तय हो गई है। केरल के बाद गोवा में 36वें राष्ट्रीय खेल होने हैं। हम ऐसा मानकर चल रहे हैं कि वहां के खेल 2013-14 तक हो जाएंगे। इसके बाद छत्तीसगढ़ का नंबर आएगा। छत्तीसगढ़ को 2015-16 का समय मिलेगा। ऐसे में छत्तीसगढ़ के पास पांच साल का समय है। इन सालों में से हम कम से कम एक साल बारिश और छत्तीसगढ़ में 2013 में होने वाले विधानसभा चुनाव का निकाल दें तो छत्तीसगढ़ के पास सिर्फ चार साल का समय है। इन चार सालों में राष्ट्रीय खेलों के लिए स्टेडियमों के निर्माण के साथ खेलगांव का निर्माण तभी संभव होगा जब प्रदेश सरकार समय गंवाए बिना अभी से इसकी तैयारी प्रारंभ कर दें। अगर 2011 में स्टेडियमों का निर्माण प्रारंभ होगा तभी हम मान सकते हैं कि समय पर खेल होंगे। श्री बाली ने पूछने पर कहा कि वे इस बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को खेल सचिवालय की बैठक के समय जरूर अवगत करवाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अगर राष्ट्रीय खेल समय पर नहीं होते हैं कि आईओए मेजबान राज्य पर जुर्माना करता है। उन्होंने बताया कि यह जुर्माना करीब एक करोड़ रहता है।
बाहरी नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
श्री बाली ने पूछने पर बताया कि झारखंड में आईओए की सामान्य सभा की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं। इन फैसलों में यह भी तय किया गया है कि अब किसी भी राज्य ओलंपिक संघ में उसी राज्य के ही खेल संघों के पदाधिकारी चुनाव लड़ पाएंगे। बाहर का कोई व्यक्ति अगर किसी खेल संघ में है भी तो वह चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं होगा।
दो खेल संघों में नहीं रह पाएंगे
आईओए के साथ भारतीय हैंडबॉल संघ के महासचिव श्री बाली ने बताया कि आईओए ने अपने संविधान में जो संशोधन किया है उसके मुताबिक अब एक आदमी एक ही राज्य संघ का पदधिकारी रह सकता है। दो संघों में रहने पर उस संघ को आईओए मान्यता नहीं देगा। पूछने पर उन्होंने बताया कि अभी भारतीय ओलंपिक संघ ने नए संविधान के मुताबिक राज्य ओलंपिक संघों को एक ही मत का अधिकार होगा। इसी तरह से राष्ट्रीय खेल संघों को अब दो मतों का अधिकार होगा। आईओए के पदाधिकारियों में अध्यक्ष, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, एक सचिव, चार सहसचिव, कोषाध्यक्ष और 14 सदस्यों को मताधिकार का अधिकार दिया गया है।
केन्द्र सरकार से हम सहमत नहीं
श्री बाली ने एक सवाल के जवाब में कहा कि केन्द्र सरकार ने जिस तरह से खेल संघों के साथ ओलंपिक संघ पर लगाम कसने का काम किया है, उससे कोई सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां जब कोई सांसद कितनी भी बार चुनाव जीतकर लोकसभा जा सकता है तो फिर खेल संघों के लिए बाध्यता क्यों? उन्होंने कहा कि सरकार ने खेल संघों के पदाधिकारियों के लिए जो उम्र सीमा तय की है उसका भी हम विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी मर्जी से एकतरफा फैसला किया है। जब तक सरकार और आईओए के बीच चर्चा नहीं होती है हम सरकार के नियमों को नहीं मानेंगे। श्री बाली ने कहा कि सरकार के नियमों से खेलों का भला नहीं होगा बल्कि खेल बर्बाद हो जाएंगे। ऐसे में जबकि एशियाड, कामनवेल्थ और ओलंपिक में हमारे खिलाड़ी अच्छे करने लगे हैं तो सरकार को खेल संघों का साथ देना चाहिए, न कि उनके खिलाफ माहौल बनाकर खेलों को बर्बाद करना चाहिए।
संघों के विवाद अब निपट जाएंगे
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के दिशानिर्देशों के मुताबिक अब भारतीय ओलंपिक संघ में भी स्पोर्ट्स लॉ बना दिया गया है। इस लॉ की कमेटी में एक चेयरमैन और दो सदस्य होंगे। अब किसी भी खेल संघ में जो विवाद होगा उसका निपटारा जल्द हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी खेल संघ के चाहे दो संघ हो, या तीन संघ इनका निपटारा आईओए की स्पोर्ट्स लॉ कमेटी करेगी और देश में किसी भी खेल संघ में कोई विवाद नहीं रह जाएगा। सबको अब मिलकर काम करना होगा।
खेल बजट बढ़ाना होगा
श्री बाली ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि आज देश में केन्द्र सरकार के खेल बजट का भी पता नहीं चल पाता है। यह अपने देश का दुर्भाग्य है कि खेलों को आज भी चौथी श्रेणी में रखा गया है। जब तक खेलों को पहली श्रेणी में नहीं रखा जाएगा और जब तक खेलों को उद्योगों को गोद दिलाने की पहल नहीं होगा, देश में खेलों का विकास संभव नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में दूसरे राज्यों से खेलने के लिए किसी भी राज्य के खिलाड़ियों को छह माह पहले एनओसी लेनी पड़ती है, ऐसा न करने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ शिकायत होने पर आईओए कार्रवाई कर सकता है।
कांटिनेंटल कप हैंडबॉल छत्तीसगढ़ में संभव
भारतीय हैंडबॉल संघ के सचिव एसएम बाली ने बताया कि पहली बार भारतीय हैंडबॉल टीम को कांटिनेंटल कप हैंडबॉल में खेलने की पात्रता मिली है। इस कप को करवाने का जिम्मा भारत को मिला है। अंडर 21 बालक वर्ग की इस चैंपियनशिप की मेजबानी भारतीय हैंडबॉल संघ छत्तीसगढ़ को दे सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खेलों में बहुत रुचि रखते हैं। मैं उनके सामने यह प्रस्ताव रखना चाहता हूं कि रायपुर के इंडोर स्टेडियम में इस चैंपियनशिप का आयोजन करवा दिया जाए। उन्होंने पूछने पर बताया कि चैंपियनशिप में भारत सहित पांच देशों के खिलाड़ी शामिल होंगे। इसके आयोजन में अनुमाति 40 लाख का खर्च आएगा। श्री बाली ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर जब छत्तीसगढ़ में फेडरेशन कप बास्केटबॉल हो सकता है तो कांटिनेंटल कप क्यों नहीं हो सकता है।
प्रदेश के राष्ट्रीय खेल सचिवालय की पहली बैठक में भारतीय ओलंपिक संघ के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होने आए श्री बाली ने ये बातें यहां पर विशेष चर्चा करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि झारखंड के 34वें राष्ट्रीय खेलों के बाद केरल में होने वाले 35वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 12 दिसंबर 2012 की तिथि तय हो गई है। केरल के बाद गोवा में 36वें राष्ट्रीय खेल होने हैं। हम ऐसा मानकर चल रहे हैं कि वहां के खेल 2013-14 तक हो जाएंगे। इसके बाद छत्तीसगढ़ का नंबर आएगा। छत्तीसगढ़ को 2015-16 का समय मिलेगा। ऐसे में छत्तीसगढ़ के पास पांच साल का समय है। इन सालों में से हम कम से कम एक साल बारिश और छत्तीसगढ़ में 2013 में होने वाले विधानसभा चुनाव का निकाल दें तो छत्तीसगढ़ के पास सिर्फ चार साल का समय है। इन चार सालों में राष्ट्रीय खेलों के लिए स्टेडियमों के निर्माण के साथ खेलगांव का निर्माण तभी संभव होगा जब प्रदेश सरकार समय गंवाए बिना अभी से इसकी तैयारी प्रारंभ कर दें। अगर 2011 में स्टेडियमों का निर्माण प्रारंभ होगा तभी हम मान सकते हैं कि समय पर खेल होंगे। श्री बाली ने पूछने पर कहा कि वे इस बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को खेल सचिवालय की बैठक के समय जरूर अवगत करवाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अगर राष्ट्रीय खेल समय पर नहीं होते हैं कि आईओए मेजबान राज्य पर जुर्माना करता है। उन्होंने बताया कि यह जुर्माना करीब एक करोड़ रहता है।
बाहरी नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
श्री बाली ने पूछने पर बताया कि झारखंड में आईओए की सामान्य सभा की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं। इन फैसलों में यह भी तय किया गया है कि अब किसी भी राज्य ओलंपिक संघ में उसी राज्य के ही खेल संघों के पदाधिकारी चुनाव लड़ पाएंगे। बाहर का कोई व्यक्ति अगर किसी खेल संघ में है भी तो वह चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं होगा।
दो खेल संघों में नहीं रह पाएंगे
आईओए के साथ भारतीय हैंडबॉल संघ के महासचिव श्री बाली ने बताया कि आईओए ने अपने संविधान में जो संशोधन किया है उसके मुताबिक अब एक आदमी एक ही राज्य संघ का पदधिकारी रह सकता है। दो संघों में रहने पर उस संघ को आईओए मान्यता नहीं देगा। पूछने पर उन्होंने बताया कि अभी भारतीय ओलंपिक संघ ने नए संविधान के मुताबिक राज्य ओलंपिक संघों को एक ही मत का अधिकार होगा। इसी तरह से राष्ट्रीय खेल संघों को अब दो मतों का अधिकार होगा। आईओए के पदाधिकारियों में अध्यक्ष, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, एक सचिव, चार सहसचिव, कोषाध्यक्ष और 14 सदस्यों को मताधिकार का अधिकार दिया गया है।
केन्द्र सरकार से हम सहमत नहीं
श्री बाली ने एक सवाल के जवाब में कहा कि केन्द्र सरकार ने जिस तरह से खेल संघों के साथ ओलंपिक संघ पर लगाम कसने का काम किया है, उससे कोई सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां जब कोई सांसद कितनी भी बार चुनाव जीतकर लोकसभा जा सकता है तो फिर खेल संघों के लिए बाध्यता क्यों? उन्होंने कहा कि सरकार ने खेल संघों के पदाधिकारियों के लिए जो उम्र सीमा तय की है उसका भी हम विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी मर्जी से एकतरफा फैसला किया है। जब तक सरकार और आईओए के बीच चर्चा नहीं होती है हम सरकार के नियमों को नहीं मानेंगे। श्री बाली ने कहा कि सरकार के नियमों से खेलों का भला नहीं होगा बल्कि खेल बर्बाद हो जाएंगे। ऐसे में जबकि एशियाड, कामनवेल्थ और ओलंपिक में हमारे खिलाड़ी अच्छे करने लगे हैं तो सरकार को खेल संघों का साथ देना चाहिए, न कि उनके खिलाफ माहौल बनाकर खेलों को बर्बाद करना चाहिए।
संघों के विवाद अब निपट जाएंगे
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के दिशानिर्देशों के मुताबिक अब भारतीय ओलंपिक संघ में भी स्पोर्ट्स लॉ बना दिया गया है। इस लॉ की कमेटी में एक चेयरमैन और दो सदस्य होंगे। अब किसी भी खेल संघ में जो विवाद होगा उसका निपटारा जल्द हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी खेल संघ के चाहे दो संघ हो, या तीन संघ इनका निपटारा आईओए की स्पोर्ट्स लॉ कमेटी करेगी और देश में किसी भी खेल संघ में कोई विवाद नहीं रह जाएगा। सबको अब मिलकर काम करना होगा।
खेल बजट बढ़ाना होगा
श्री बाली ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि आज देश में केन्द्र सरकार के खेल बजट का भी पता नहीं चल पाता है। यह अपने देश का दुर्भाग्य है कि खेलों को आज भी चौथी श्रेणी में रखा गया है। जब तक खेलों को पहली श्रेणी में नहीं रखा जाएगा और जब तक खेलों को उद्योगों को गोद दिलाने की पहल नहीं होगा, देश में खेलों का विकास संभव नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में दूसरे राज्यों से खेलने के लिए किसी भी राज्य के खिलाड़ियों को छह माह पहले एनओसी लेनी पड़ती है, ऐसा न करने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ शिकायत होने पर आईओए कार्रवाई कर सकता है।
कांटिनेंटल कप हैंडबॉल छत्तीसगढ़ में संभव
भारतीय हैंडबॉल संघ के सचिव एसएम बाली ने बताया कि पहली बार भारतीय हैंडबॉल टीम को कांटिनेंटल कप हैंडबॉल में खेलने की पात्रता मिली है। इस कप को करवाने का जिम्मा भारत को मिला है। अंडर 21 बालक वर्ग की इस चैंपियनशिप की मेजबानी भारतीय हैंडबॉल संघ छत्तीसगढ़ को दे सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खेलों में बहुत रुचि रखते हैं। मैं उनके सामने यह प्रस्ताव रखना चाहता हूं कि रायपुर के इंडोर स्टेडियम में इस चैंपियनशिप का आयोजन करवा दिया जाए। उन्होंने पूछने पर बताया कि चैंपियनशिप में भारत सहित पांच देशों के खिलाड़ी शामिल होंगे। इसके आयोजन में अनुमाति 40 लाख का खर्च आएगा। श्री बाली ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर जब छत्तीसगढ़ में फेडरेशन कप बास्केटबॉल हो सकता है तो कांटिनेंटल कप क्यों नहीं हो सकता है।
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