हर तरफ है गुंडों की सरकार
सदन के अंदर हो या बाहर
हर तरफ है गुंडों की सरकार
दोनों के ही कारनामों से
आम जनता हो गई है बेजार
किसमें है दम इनसे पा सके पार
क्योंकि इनके पास है पावर बेशुमार
ये गुंडें अन्ना हो या रामदेव बाबा
सब पर जोर दिखाते हैं
देश का भला चाहने वालों
पर लाठियां चलवाते हैं
अपने देश में मलाई
विदेश में पहुंचाते हैं
देश के बाहर जाकर
खूब मौज उड़ाते हैं
आम जनता भले भूखी-प्यासी रहे
अपने कुत्तों को ये जूस पिलाते हैं
कभी तो भरेगा इनके पाप का घड़ा
फिर देखेंगे कौन गुंडा रहेगा खड़ा
(अभी-अभी एक ताजा कविता लिखी है, पेश है)
हर तरफ है गुंडों की सरकार
दोनों के ही कारनामों से
आम जनता हो गई है बेजार
किसमें है दम इनसे पा सके पार
क्योंकि इनके पास है पावर बेशुमार
ये गुंडें अन्ना हो या रामदेव बाबा
सब पर जोर दिखाते हैं
देश का भला चाहने वालों
पर लाठियां चलवाते हैं
अपने देश में मलाई
विदेश में पहुंचाते हैं
देश के बाहर जाकर
खूब मौज उड़ाते हैं
आम जनता भले भूखी-प्यासी रहे
अपने कुत्तों को ये जूस पिलाते हैं
कभी तो भरेगा इनके पाप का घड़ा
फिर देखेंगे कौन गुंडा रहेगा खड़ा
(अभी-अभी एक ताजा कविता लिखी है, पेश है)
1 टिप्पणियाँ:
आपने गजब लिखा है जी ऐसा सच बहुत ही कम लिखा जाता है। सब ऐसा लिखने से बचते है।
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