राष्ट्रीय खेलों के डीपीआर पर हुई चर्चा
37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए डीपीआर का टेंडर निकाले जाने पर मंत्रालय में समिति के अध्यक्ष खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में हुई बैठक में चर्चा हुई कि डीपीआर में क्या-क्या होना चाहिए। डीपीआर को अंतिम रुप देने के लिए एक सप्ताह बाद फिर से बैठक बुलाई गई है।
छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले राष्ट्रीय खेलों की तैयारी तेज हो गई है। राष्ट्रीय खेलों के लिए बनने वाले मैदानों के साथ खेलगांव की रुपरेखा कैसी होगी, इसके लिए डीपीआर बनाने टेंडर जारी होगा। अब डीपीआर का टेंडर जारी करने से पहले डीपीआर समिति की बैठक में यह तय किया जाना है कि टेंडर में क्या-क्या चाहते हैं। समिति की पहली बैठक मंत्रालय में सोमवार को हुई। इस बैठक में मुख्य रूप से इस बात पर चर्चा की गई कि डीपीआर के लिए निकाले जाने वाले टेंडर में किन-किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाना है।
डीपीआर बनाने वाली कंपनी से क्या अपेक्षाएं हैं, इस पर लंबी चर्चा की गई। चर्चा के बाद भी डीपीआर के टेंडर को अंतिम रुप नहीं दिया जा सका है, अभी एक और बैठक की गुजाइंश बताते हुए एक सप्ताह बाद फिर से बैठक बुलाने का फैसला किया गया है। इस बैठक में ही डीपीआर के टेंडर को अंतिम रुप देने के बाद टेंडर निकाला जाएगा। यहां यह बताना लाजिमी है कि डीपीआर के लिए प्रदेश सरकार ने पहले ही पांच करोड़ का बजट सुरक्षित कर दिया है।
खेल विभाग ने डीपीआर कैसा हो इसके लिए झारखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों के साथ असम और कुछ अन्य राज्यों के डीपीआर की जानकारी भी मंगाकर रखी है, ताकि डीपीआर के लिए बुलाए जाने वाले टेंडर में आसानी हो।
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