मैटर लिख और कंप्यूटर में डाल, फिर भूल जा...
हमारे एक पत्रकार मित्र इन दिनों सभी मित्रों को एक ही बात कहते हैं, मैटर लिख कंप्यूटर में डाल और भूल जा। एक तरफ वे पत्रकारों से यह कहते हैं तो दूसरी तरफ फोटोग्राफरों से भी कहते हैं कि अबे फोटो खींच कंप्यूटर में डाल और भूल जा।
हमने उनसे पूछा कि नेकी कर दरिया में डाल तो सूना था, लेकिन तू ये नया जुमला क्यों कहता है। उसने जवाब दिया यार आज कल मीडिया में जिस तरह के हालात है, उसके लिए यही जुमाल ठीक है। आज आप मैटर लिखने के बाद यह पूछ नहीं सकते हैं कि आपका मैटर क्यों नहीं लगा। इसलिए मैं आज-कल के ने पत्रकारों और फोटोग्राफरों को नसीहत देने का काम करता हूं और उनको बताने का प्रयास करता हूं कि अब जमाना पेशेवर है, आज के जमाने में जो दिल से काम करता है, वह दिल का मरीज बनकर रह जाता है, इसलिए दिल से नहीं दिमाग से काम करो और भूल जाओ कि तुमने कल तुमने क्या काम किया था।
नया दिन नया काम
आखिर तुमको मिल रहे हैं
न मैटर लिखने के दाम
हमने उनसे पूछा कि नेकी कर दरिया में डाल तो सूना था, लेकिन तू ये नया जुमला क्यों कहता है। उसने जवाब दिया यार आज कल मीडिया में जिस तरह के हालात है, उसके लिए यही जुमाल ठीक है। आज आप मैटर लिखने के बाद यह पूछ नहीं सकते हैं कि आपका मैटर क्यों नहीं लगा। इसलिए मैं आज-कल के ने पत्रकारों और फोटोग्राफरों को नसीहत देने का काम करता हूं और उनको बताने का प्रयास करता हूं कि अब जमाना पेशेवर है, आज के जमाने में जो दिल से काम करता है, वह दिल का मरीज बनकर रह जाता है, इसलिए दिल से नहीं दिमाग से काम करो और भूल जाओ कि तुमने कल तुमने क्या काम किया था।
नया दिन नया काम
आखिर तुमको मिल रहे हैं
न मैटर लिखने के दाम
1 टिप्पणियाँ:
हम भी यही करते आए हैं कि समाचार पत्र प्रेषित करो और भूल जाओ। लग जाए तो ठीक ना लगे तो भी ठीक।
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