भारतीय हॉकी के सितारे छत्तीसगढ़ की जमीं पर
भारतीय महिला हॉकी टीम के २२ सितारों के कदम छत्तीसगढ़ की जमीं पर २० फरवरी को पडऩे वाले हैं। इन सितारा खिलाडिय़ों के साथ छत्तीसगढ़ की १० सितारा खिलाडिय़ों को मिलाकर दो टीमें बनाई गईं हैं। इन टीमों को मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश का नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री एकादश की कप्तान छत्तीसगढ़ की सबा अंजुम को बनाया गया है, जबकि विधानसभा अध्यक्ष एकादश की कप्तान भारतीय टीम की कप्तान सुरिन्द्रर कौर होंगी। मैच २० फरवरी को नेताजी स्टेडियम में दोपहर ३।३० बजे होगा। यहां भारतीय टीम के सितारों खिलाडिय़ों की उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं।
सुरिन्द्रर कौर: भारतीय टीम की कप्तान और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त अम्बाला की इस खिलाड़ी ने पहली बार भारतीय टीम में १९९८ में स्थान बनाया और बैंकाक के एशियाड में खेलीं। पहली बार में ही उनके हिस्से में रजत पदक आया। यहां ने इसका सफर अब तक जारी है। सुरिन्द्रर कौर के खाते में इसके बाद २००० में सब जूनियर एशिया कप में स्वर्ण, इसी साल ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धा, अगले साल फिर से ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धा। २००४ में एफ्रो एशियन खेलों में स्वर्ण पदक, २००४ में सीनियर एशिया कप में स्वर्ण पदक, २००६ में दोहा के एशियाड में कांस्य पदक और इसी साल कामनवेल्थ के साथ सीनियरक विश्व कप में खेलने का मौका। २००८ में ओलंपिक क्वालीफाइंग मैच। पिछले साल २००९ में बैंकाक के एशियाड में रजत पदक मिला। सुरिन्द्रर को पिछले साल ही अर्जुन पुरस्कार भी मिला।
सबा अंजुम:- छत्तीसगढ़ की यह खिलाड़ी २००० से भारतीय टीम की शान हैं। पहले साल सब जूनियर एशिया कप में स्वर्ण पदक जीता। २००१ में अर्जेंटीना में जूनियर विश्व कप खेला। २००२ में एशियाई खेलों के साथ कामनवेल्थ में खेलीं। २००४ में सीनियर एशिया कप में स्वर्ण जीता। २००५ में जूनियर विश्व कप में खेलीं। २००६ में एशियन खेलों में कांस्य पदक और २००९ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। कई देशों से टेस्ट मैच खेलने के साथ दीपिका को सीनियर विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला है।
दीपिका मूर्ति: अहमदाबाद गुजरात की दीपिका २००० से भारतीय टीम की सदस्य हैं। २००० में जूनियर एशिया कप में पहली बार कांस्य पदक जीता। २००३ में एफ्रो एशियन खेलों में स्वर्ण पदक, २००४ में सीनियर एशिया कप में स्वर्ण पदक, २००६ में एशियन खेलों में कांस्य पदक और २००९ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। कई देशों से टेस्ट मैच खेलने के साथ दीपिका को सीनियर विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला है।
ममता खरब: रोहतक हरियाणा की यह खिलाड़ी २००१ से भारतीय टीम की शान हैं। अर्जुन पुरस्कार प्राप्त यह खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक क्वालीफाइंग मैच में खेलीं। २००२ में कामनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीता। २००४ में सीनियर एशिया कप में स्वर्ण, २००६ में एशियन खेलों में कांस्य पदक और २००९ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। २००८ के ओलंपिक क्वालीफाइंग मैचों में खेलीं। कई देशों से टेस्ट मैच खेलने के साथ दीपिका को सीनियर विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला है।
बिनीता टोपो:- मुंबई की यह खिलाड़ी २००० से भारतीय टीम में हैं। पहले साल जूनियर एशिया कप में कांस्य पदक जीता। २००४ में सीनियर एशिया कप में स्वर्ण, २००६ में एशियन खेलों में कांस्य पदक और २००९ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। २००८ के ओलंपिक क्वालीफाइंग मैचों में खेलीं। कई देशों से टेस्ट मैच खेलने के साथ बिनीता को सीनियर विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला है।
सुभ्रदा प्रधान:- सुन्दरगढ़ उड़ीसा की यह खिलाड़ी भी २००० से भारतीय टीम में हैं। पहले साल सब जूनियर एशिया कप खेला। २००३ में एफ्रो एशिया खेलों में स्वर्ण पदक, २००४ में सीनियर एशिया कप में स्वर्ण, इसी साल जूनियर एशिया कप में कांस्य पदक, २००६ में एशियन खेलों में कांस्य पदक और २००९ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। २००८ के ओलंपिक क्वालीफाइंग मैचों में खेलीं। कई देशों से टेस्ट मैच खेलने के साथ बिनीता को सीनियर विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला है।
जसजीत कौर:- हरियाणा की यह खिलाड़ी २००३ से भारतीय टीम में हैं। २००३ में एफ्रो एशिया खेलों में स्वर्ण पदक, २००४ में सीनियर एशिया कप में स्वर्ण, इसी साल जूनियर एशिया कप में कांस्य पदक, २००६ में एशियन खेलों में कांस्य पदक और २००९ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। २००८ के ओलंपिक क्वालीफाइंग मैचों में खेलीं। कई देशों से टेस्ट मैच खेलने के साथ सीनियर विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला है।
चानचन देवी: मणिपुर की यह खिलाड़ी २००५ से टीम में हैं। पहली साल में जूनियर विश्व कप में खेलीं। २००९ में एशियन खेलों में रजत पदक जीता। सिंगापुर, अर्जेंटीना और चिली के साथ टेस्ट खेले हैं।
मुक्ता बारला: उड़ीसा की इस खिलाड़ी के खाते में २००९ में एशियन खेलों का रजत पदक हैं। मुक्ता २००७ से टीम की सदस्य हैं। अर्जेंटीना, चिली और जापान से टेस्ट मैच खेले हैं।
दीपिका ठाकुर:- २००५ से टीम की सदस्य यह खिलाड़ी हरियाणा की हैं। इनके खाते में एक मात्र रजत पदक २००९ के एशियन खेलों का है। एक बार जूनियर और एक बार सीनियर विश्व कप में दीपिका खेलीं हैं।
किरणदीप कौर:- अमृतसर पंजाब की यह खिलाड़ी २००६ से टीम में हैं। २००९ में जूनियर विश्व कप खेलने के साथ किरणदीप के खाते रूस में खेली गई चैंपियन चैंलेज ट्रॉफी का स्वर्ण पदक है। किरण दीप से कुछ देशों के साथ टेस्ट और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएं खेलीं हैं।
रितु रानी:- हरियाणा की यह खिलाड़ी २००६ से टीम में हैं। २००६ में एशियन खेलों में कांस्य पदक और २००९ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। २००८ के ओलंपिक क्वालीफाइंग मैचों में खेलीं। कई देशों से टेस्ट मैच खेलने के साथ रितु रानी को सीनियर विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला है।
टीसी रंजीता:-मणिपुर की यह खिलाड़ी २००४ से टीम की सदस्य हैं। पहले साल हैदराबाद में जूनियर एशिया कप खेला। २००५ एवं ०९ में जूनियर विश्व कप में खेलीं। २००९ में ही आस्ट्रेलियन यूथ ओलंपिक फेस्विल में खेलीं। ओलंपिक क्वालीफाइंग मैचों के साथ कई स्पर्धाओं में खेलीं हैं।
जोयदीप कौर:- हरियाणा की यह खिलाड़ी २००५ से टीम में हैं। पहले साल जूनियर विश्व कप में खेलीं। २००६ में एशियन खेलों में कांस्य पदक और २००९ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। २००८ के ओलंपिक क्वालीफाइंग मैचों में खेलीं। कई देशों से टेस्ट मैच खेलने के साथ सीनियर विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला है।
टी. अनुराधा देवी:- रेलवे कोच फैक्ट्री में कार्यरत यह खिलाड़ी २००६ से टीम में हैं। पहले साल अंतरराष्ट्रीय चैंलेज कप में स्वर्ण पदक जीता। २००८ में अंडर २१ साल के एशिया कप में कांस्य पदक जीता। २००९ में एशियन यूथ ओलंपिक फेस्टिवल में रजत पदक।
इती श्रीवास्तव:- २००७ से टीम में हैं। कुछ देशों के खिलाफ टेस्ट के साथ कुछ अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।
रानी देवी: हरियाणा की इस खिलाड़ी ने २००८ में ओलंपिक के क्वालीफाइंग मैच खेले। २००९ में एशियन खेलों में रजत पदक जीता।
पूनम रानी:- २००७ में टीम में आने के बाद तीन अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने के साथ २००९ में जूनियर विश्व कप में खेलीं।
सुनीता लकड़ा:- २००८ में अंडर २१ एशिया कप में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में थीं।
रौशलीन डूंगडूंग: २००९ के जूनियर विश्व कप में खेलीं हैं। इसी साथ चैंपियंस चैलेंज कप में स्वर्ण जीता।
मोनिका बारला: २००९ के एशियन खेलों में रजत पदक जीता और इसी साल जूनियर विश्व कप में खेलीं।
योगिता बाली: २००९ में अर्जेंटीना, चिली और न्यूजालैंडे के खिलाफ टेस्ट मैचों में खेलीं।
3 टिप्पणियाँ:
देश के राष्ट्रीय खेल की स्थिति सच में सोचनीय है
छत्तीसगढ़ ने एक अच्छा काम किया है, बधाई
भारतीय टीम की खिलाडिय़ों के बारे में गजब की जानकारी दी है मित्र
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