बजट तीन करोड़, इनाम एक हजार
राज्य खेल महोत्सव के लिए बड़ी मशक्कत के बाद अंतत: वित्त विभाग ने तीन करोड़ का बजट मंजूर कर लिया है। इस बजट में से जिलों के आयोजन के लिए राशि देनी है। जानकारों का साफ कहना है कि जिलों को इस बजट में से बमुश्किल एक से सवा करोड़ की राशि ही दी जाएगी। बाकी राशि राज्य स्तर के आयोजन पर खर्च होनी है। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य स्तर डेढ़ से पौने दो करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। इतनी बड़ी राशि के आयोजन में खिलाडिय़ों के लिए जो इनामी राशि रखी गई है, उसको लेकर प्रदेश की खेल बिरादरी में नाराजगी है। खेल विभाग ने राज्य स्तर पर आयोजन के लिए पहले स्थान पर रहने वाले व्यक्तिगत और टीम खेलों के खिलाडिय़ों के लिए एक हजार और दूसरे स्थान के खिलाडिय़ों के लिए सात सौ पचास रुपए की राशि रखी है। खेलों से जुड़े लोगों का कहना है कि इतनी कम राशि में क्या होना है। इससे ज्यादा राशि रायपुर जिले के आयोजन में दी गई। पहले स्थान पर ११ सौ रुपए दिए गए थे। इसी के साथ ेरायपुर जिले में तीसरे स्थान के खिलाडिय़ों को भी नकद राशि दी गई, जबकि राज्य स्तर में तीसरे स्थान के खिलाडिय़ों को नकद इनाम नहीं दिया जा रहा है।
जिले का आयोजन बेहतर था
खेलों के जानकारों का कहना है कि राज्य स्तर के आयोजन के लिए जिस तरह की रुपरेखा बनाई गई है, उससे साफ लगता है कि इससे तो बेहतर आयोजन रायपुर जिले का हुआ था। इस आयोजन में जहां ३४ खेल हुए वहीं खिलाडिय़ों को करीब ८ लाख की इनामी राशि बांटी गई, जबकि राज्य स्तर के आयोजन के लिए महज पांच लाख की इनामी राशि रखी गई है। ३४ खेलों का आयोजन जब महज २० लाख में हो गया था, जिसमें करीब ३५०० खिलाड़ी आए थे, तो फिर राज्य स्तर के आयोजन का बजट कैसे एक करोड़ से ज्यादा हो सकता है जिसमें करीब साढ़े चार हजार खिलाडिय़ों के आने की संभावना जताई जा रही है।
हर खिलाड़ी को मिले नकद इनाम
खेल विभाग ने यह तय किया है कि १८ खेलों में शामिल होने सभी खिलाडिय़ों को ट्रेक शूट दिया जाएगा। इस पर करीब ५० लाख की राशि खर्च करने की बात की जा रही है। इस बारे में फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान, शिरीष यादव, सुमित तिवारी सहित खेल के जानकारों का कहना है कि अगर खेल विभाग ट्रेक शूट के स्थान पर हर खिलाड़ी को नकद एक हजार की राशि देता है तो इससे खिलाडिय़ों में उत्साह आएगा। जानकार कहते हैं कि खिलाडिय़ों को ट्रेक शूट देने के लिए अगर स्कूली शिक्षा विभाग और खेल संघों को पैसा दिया जाएगा तो खिलाडिय़ों को एक हजार के ट्रेक शूट के स्थान पर बमुश्किल दो से तीन सौ रुपए वाले ही ट्रेक शूट मिलेंगे और बाकी पैसे अधिकारियों की जेबों में चले जाएंगे।