हाईड्रोलिक पोल अब तक निगम के कब्जे में
बास्केटबॉल का 15 लाख कीमत का हाईड्रोलिक पोल छह माह बाद भी निगम के कब्जे में है। फेडरेशन कप बास्केटबॉल में लिए गए इंडोर का 6 लाख 90 हजार किराया न देने के कारण निगम ने इसे जब्त कर रखा है। प्रदेश बास्केटबॉल संघ ने अब तक किराया नहीं दिया है। संघ किराया कम कराने की कवायद में लगा है।
राज्य खेल महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के बाद राजधानी में 11 से 17 फरवरी तक फेडरेशन कप बास्केटबॉल का आयोजन किया गया था। इंडोर में हुए इस आयोजन के लिए निगम ने खेल विभाग को 6 लाख 90 हजार का बिल थमाया था। काफी समय बाद भी जब खेल विभाग ने किराया नहीं दिया तो महापौर किरणमयी नायक के निर्देश पर इंडोर में ही हाईड्रोलिक पोल जब्त कर रख लिया गया। महापौर कह चुकी हैं कि बिना किराए का भुगतान किए हाईड्रोलिक पोल नहीं दिया जााएगा। खेल विभाग ने किराया देने का जिम्मा छत्तीसगढ़ बास्केटबॉल संघ पर डाल दिया है।
खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि विभाग ने आयोजन के लिए 30 लाख की राशि प्रदेश संघ को दे दी थी, और उसे किराया जमा करने भी कहा था, पर संघ ने अब तक किराया नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि उनको जानकारी होने पर उन्होंने संघ को जल्द से जल्द किराया देने कहा है।
संघ के सचिव राजेश पटेल का कहना है कि आयोजन में बहुत ज्यादा खर्च हुआ है, ऐसे में 6 लाख 90 हजार की राशि दे पाना संभव नहीं है। आयोजन में चार दिनों तक तो एसी का उपयोग ही नहीं किया गया था। इसकी जानकारी महापौर को देकर उनसे किराए में रियायत की मांग की गई है। महापौर ने चार दिनों तक एसी न चलाने के लिए दो लाख की राशि कम करने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह मामला एमआईसी की बैठक में रखा जाएगा। जैसे ही किराया कम किया जाएगा हम बाकी राशि जमा कर देंगे।
राज्य खेल महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के बाद राजधानी में 11 से 17 फरवरी तक फेडरेशन कप बास्केटबॉल का आयोजन किया गया था। इंडोर में हुए इस आयोजन के लिए निगम ने खेल विभाग को 6 लाख 90 हजार का बिल थमाया था। काफी समय बाद भी जब खेल विभाग ने किराया नहीं दिया तो महापौर किरणमयी नायक के निर्देश पर इंडोर में ही हाईड्रोलिक पोल जब्त कर रख लिया गया। महापौर कह चुकी हैं कि बिना किराए का भुगतान किए हाईड्रोलिक पोल नहीं दिया जााएगा। खेल विभाग ने किराया देने का जिम्मा छत्तीसगढ़ बास्केटबॉल संघ पर डाल दिया है।
खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि विभाग ने आयोजन के लिए 30 लाख की राशि प्रदेश संघ को दे दी थी, और उसे किराया जमा करने भी कहा था, पर संघ ने अब तक किराया नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि उनको जानकारी होने पर उन्होंने संघ को जल्द से जल्द किराया देने कहा है।
संघ के सचिव राजेश पटेल का कहना है कि आयोजन में बहुत ज्यादा खर्च हुआ है, ऐसे में 6 लाख 90 हजार की राशि दे पाना संभव नहीं है। आयोजन में चार दिनों तक तो एसी का उपयोग ही नहीं किया गया था। इसकी जानकारी महापौर को देकर उनसे किराए में रियायत की मांग की गई है। महापौर ने चार दिनों तक एसी न चलाने के लिए दो लाख की राशि कम करने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह मामला एमआईसी की बैठक में रखा जाएगा। जैसे ही किराया कम किया जाएगा हम बाकी राशि जमा कर देंगे।
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