खिलाड़ी दो, सुविधाएं लो
37वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में जुटे खेल विभाग के संचालक जीपी सिंह ने राज्य के कई खेलों के प्रशिक्षकों से कहा कि विभाग सुविधाएं देने के लिए तैयार है, आप तो बस खिलाड़ी तैयार करने का काम करें। प्रशिक्षकों की समस्याएं सुनने के बाद उनका समाधान करने की बात के साथ उनको सामान की सूची देने कहा गया ताकि सामान दिया जा सके।
खेल भवन में राज्य के खेलों के प्रशिक्षकों का जमावड़ा लगा। प्रशिक्षकों से खेल संचालक जीपी सिंह के साथ रविशंकर विश्व विद्यालय के पूर्व संचालक संतोष उपाध्याय ने भी चर्चा की। खेल संचालक ने प्रारंभ में ही स्पष्ट कर दिया कि विभाग की मंशा छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ी तैयार करना है। इसके लिए जिस भी खेल के प्रशिक्षकों को सुविधाओं की जरूरत है, वह खेल विभाग दिलाएगा। बैठक में मैदानों और खेल सामानों की कमी के साथ की बात तो सामने आई ही, साथ ही खिलाड़ियों को आधुनिक तरीके से तैयार करने की भी बात की गई। कोरबा के एनआईएस कोच पी. कृष्णन के साथ और कई प्रशिक्षकों ने कहा कि खिलाड़ियों के अभ्यास की विडियो रिकार्डिंग होनी चाहिए और ताकि उनकी कमियों को देखकर उनको दूर किया जा सके। इसके लिए साफ्टवेयर की भी बात की गई। खेल संचालक ने ऐसे साफ्टवेटर की पूरी जानकारी जुटाने कहा, साथ ही बताया कि विभाग ने भी एक प्रस्ताव शासन को भेजा है जिसमें यह बात है कि खिलाड़ियों को आधुनिक तरीके से तैयार किया जाएगा।
एथलेटिक्स के कोच सुदर्शन सिंह ने कहा कि बिना सिंथेटिक ट्रेक के खिलाड़ियों को तैयार करना संभव नहीं है। कोरिया के कोच ने स्पोर्ट्स लायब्रेरी की बात कही। मालखरौदा के तीरंदाजी कोच ने वहां प्रशिक्षण के लिए सामान मांग जिस पर खेल संचालक ने तुरंत सामान देने की बात कही। एक प्रशिक्षक ने प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम कराने की मांग रखी, जिस पर संचालक ने हामी भरते हुए कहा कि जिस भी खेल के विशेषज्ञ बुलाएं जाएंगे उनका और आयोजन का सारा खर्च खेल विभाग करेगा लेकिन इसके लिए पहल खेल संघों का या उन खेलों के प्रशिक्षकों की करनी होगी। बैठक में 50 से प्रशिक्षकों के साथ रायपुर साई सेंटर के प्रभारी के साथ साई के प्रशिक्षक भी उपस्थित थे।
प्रशिक्षक का एनआईएस होना जरूरी नहीं
बैठक में रविवि के पूर्व संचालक संतोष उपाध्याय ने कहा कि अक्सर कहा जाता है कि खेल में एनआईएस कोच होना चाहिए, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता हूं। पीटी उषा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनके कोच भी एनआईएस नहीं थे। कहने का मतलब यह है कि जिसने अपना सारा जीवन अपने खेल में खफा दिया हो उससे अच्छा भला कैसे कोई एनआईएस कोच हो सकता है।
एथलेटिक्स सचिव पर भड़के साई के कोच
बैठक में एथलेटिक्स संघ के सचिव आरके पिल्ले पर साई के कोच गजेन्द्र पांडे इस बात को लेकर भड़क गए कि संघ साई को राज्य की टीमों के ट्रायल के बारे में जानकारी दी नहीं देता है। इस बार भी जानकारी न देने के कारण साई के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने नहीं जा सके। श्री पांडे ने कहा कि हमारे खिलाड़ी जाते तो जरूर छत्तीसगढ़ को पदक मिलते। इधर श्री पिल्ले की ब्लाक स्तर पर खिलाड़ियों के लिए आयोजन की बात पर खेल संचालक ने कहा कि पायका योजना से ग्रामीण खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं, इसी में संघ को मदद करनी चाहिए।
खेल भवन में राज्य के खेलों के प्रशिक्षकों का जमावड़ा लगा। प्रशिक्षकों से खेल संचालक जीपी सिंह के साथ रविशंकर विश्व विद्यालय के पूर्व संचालक संतोष उपाध्याय ने भी चर्चा की। खेल संचालक ने प्रारंभ में ही स्पष्ट कर दिया कि विभाग की मंशा छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ी तैयार करना है। इसके लिए जिस भी खेल के प्रशिक्षकों को सुविधाओं की जरूरत है, वह खेल विभाग दिलाएगा। बैठक में मैदानों और खेल सामानों की कमी के साथ की बात तो सामने आई ही, साथ ही खिलाड़ियों को आधुनिक तरीके से तैयार करने की भी बात की गई। कोरबा के एनआईएस कोच पी. कृष्णन के साथ और कई प्रशिक्षकों ने कहा कि खिलाड़ियों के अभ्यास की विडियो रिकार्डिंग होनी चाहिए और ताकि उनकी कमियों को देखकर उनको दूर किया जा सके। इसके लिए साफ्टवेयर की भी बात की गई। खेल संचालक ने ऐसे साफ्टवेटर की पूरी जानकारी जुटाने कहा, साथ ही बताया कि विभाग ने भी एक प्रस्ताव शासन को भेजा है जिसमें यह बात है कि खिलाड़ियों को आधुनिक तरीके से तैयार किया जाएगा।
एथलेटिक्स के कोच सुदर्शन सिंह ने कहा कि बिना सिंथेटिक ट्रेक के खिलाड़ियों को तैयार करना संभव नहीं है। कोरिया के कोच ने स्पोर्ट्स लायब्रेरी की बात कही। मालखरौदा के तीरंदाजी कोच ने वहां प्रशिक्षण के लिए सामान मांग जिस पर खेल संचालक ने तुरंत सामान देने की बात कही। एक प्रशिक्षक ने प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम कराने की मांग रखी, जिस पर संचालक ने हामी भरते हुए कहा कि जिस भी खेल के विशेषज्ञ बुलाएं जाएंगे उनका और आयोजन का सारा खर्च खेल विभाग करेगा लेकिन इसके लिए पहल खेल संघों का या उन खेलों के प्रशिक्षकों की करनी होगी। बैठक में 50 से प्रशिक्षकों के साथ रायपुर साई सेंटर के प्रभारी के साथ साई के प्रशिक्षक भी उपस्थित थे।
प्रशिक्षक का एनआईएस होना जरूरी नहीं
बैठक में रविवि के पूर्व संचालक संतोष उपाध्याय ने कहा कि अक्सर कहा जाता है कि खेल में एनआईएस कोच होना चाहिए, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता हूं। पीटी उषा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनके कोच भी एनआईएस नहीं थे। कहने का मतलब यह है कि जिसने अपना सारा जीवन अपने खेल में खफा दिया हो उससे अच्छा भला कैसे कोई एनआईएस कोच हो सकता है।
एथलेटिक्स सचिव पर भड़के साई के कोच
बैठक में एथलेटिक्स संघ के सचिव आरके पिल्ले पर साई के कोच गजेन्द्र पांडे इस बात को लेकर भड़क गए कि संघ साई को राज्य की टीमों के ट्रायल के बारे में जानकारी दी नहीं देता है। इस बार भी जानकारी न देने के कारण साई के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने नहीं जा सके। श्री पांडे ने कहा कि हमारे खिलाड़ी जाते तो जरूर छत्तीसगढ़ को पदक मिलते। इधर श्री पिल्ले की ब्लाक स्तर पर खिलाड़ियों के लिए आयोजन की बात पर खेल संचालक ने कहा कि पायका योजना से ग्रामीण खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं, इसी में संघ को मदद करनी चाहिए।
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