उत्कृष्ट खिलाड़ी भटक रहीं नौकरी के लिए
उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित होने के बाद भी पिछले आठ माह से कई विभागों के खाक छान रही कराते की दो राष्ट्रीय खिलाड़ियों शीतल पवार और रक्षा घोष ने अंतत: खेल संचालक के दरबार में पहुंच कर मदद की गुहार लगाई। खेल संचालक जीपी सिंह ने खिलाड़ियों को मदद का आश्वासन दिया है।
खेल संचालक ने मिलने पहुंची शीलत पवार और रक्षा घोष ने हरिभूमि को बताया कि उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित होने के बाद इन्होंने खेल विभाग सहित, वन विभाग, वाणिज्यकर विभाग, खाद्य विभाग के साथ मंत्रालय में भी नौकरी के लिए आवेदन दिया है, लेकिन आठ माह होने के बाद भी किसी भी विभाग से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। इन खिलाड़ियों का कहना है कि कई खिलाड़ियों को नौकरी दे दी गई है तो हमें क्यों अब तक भटकाया जा रहा है। इन खिलाड़ियों को इस बात का भी मलाल है कि इनको संघ के किसी पदाधिकारी से भी मदद नहीं मिल रही है। खिलाड़ियों का कहना है कि हमारे परिजनों से हमको खिलाड़ी बनाने के लिए बहुत पैसे खर्च किए हैं, अब जबकि हम लोग उत्कृष्ट खिलाड़ी हो गई हैं, तब भी भटकना पड़ रहा है।
मदद करेंगे: खेल संचालक
खिलाड़ियों ने अपनी व्यथा खेल संचालक जीपी सिंह को बताई तो उन्होंने खिलाड़ियों से उन सभी विभागों के आवेदनों की प्रति ली और खिलाड़ियों को आश्वासन दिया कि इस मामले से खेल सचिव को अवगत कराया जाएगा और उनसे संबंधित विभागों में बात करने का आग्रह किया जाएगा। खेल संचालक का कहना है कि राज्य की ज्यादातर उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी दी जा चुकी है और जो भी खिलाड़ी बची है उनको भी खेल विभाग नौकरी दिलाने में पूरी मदद करेगा।
खेल संचालक ने मिलने पहुंची शीलत पवार और रक्षा घोष ने हरिभूमि को बताया कि उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित होने के बाद इन्होंने खेल विभाग सहित, वन विभाग, वाणिज्यकर विभाग, खाद्य विभाग के साथ मंत्रालय में भी नौकरी के लिए आवेदन दिया है, लेकिन आठ माह होने के बाद भी किसी भी विभाग से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। इन खिलाड़ियों का कहना है कि कई खिलाड़ियों को नौकरी दे दी गई है तो हमें क्यों अब तक भटकाया जा रहा है। इन खिलाड़ियों को इस बात का भी मलाल है कि इनको संघ के किसी पदाधिकारी से भी मदद नहीं मिल रही है। खिलाड़ियों का कहना है कि हमारे परिजनों से हमको खिलाड़ी बनाने के लिए बहुत पैसे खर्च किए हैं, अब जबकि हम लोग उत्कृष्ट खिलाड़ी हो गई हैं, तब भी भटकना पड़ रहा है।
मदद करेंगे: खेल संचालक
खिलाड़ियों ने अपनी व्यथा खेल संचालक जीपी सिंह को बताई तो उन्होंने खिलाड़ियों से उन सभी विभागों के आवेदनों की प्रति ली और खिलाड़ियों को आश्वासन दिया कि इस मामले से खेल सचिव को अवगत कराया जाएगा और उनसे संबंधित विभागों में बात करने का आग्रह किया जाएगा। खेल संचालक का कहना है कि राज्य की ज्यादातर उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी दी जा चुकी है और जो भी खिलाड़ी बची है उनको भी खेल विभाग नौकरी दिलाने में पूरी मदद करेगा।
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