फुल मैराथन पर बनी सहमति
राज्य मैराथन को अब फुल मैराथन कराने पर सहमति बन गई है। विशेषज्ञों से गुरुवार को चर्चा के बाद खेल विभाग ने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजने की तैयारी कर ली है। पुरुषों के लिए 41.195 किलो मीटर की दौड़ होगी, जबकि महिलाओं के लिए हॉफ मैराथन में 21.90 किलो मीटर की दौड़ रखी जाएगी।
खेल भवन में सुबह 11 बजे से एथलेटिक्स संघ के पदाधिकारियों, एनआईएस प्रशिक्षकों के साथ खेल के जानकारों से खेल संचालक जीपी सिंह ने चर्चा की। चर्चा में सहमति बनी कि छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए राज्य मैराथन को अब फुल मैराथन में बदलना जरूरी है। रविशंकर विवि के पूर्व खेल संचालक संतोष उपाध्याय ने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में फुल मैराथन में दौड़ने की क्षमता है। फुल मैराथन के आयोजन से ही खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकेंगे। बस्तर के पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने कहा कि मैराथन तो फुल ही होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि उनके माता रुकमणी आश्रम स्कूल की छात्राएं 40 किलो मीटर तक दौड़ लेती हैं। उन्होंने फुल मैराथन का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें उम्र सीमा का ध्यान रखा जाना चाहिए। सीनियर वर्ग मानकर उम्र तय करने की बजाए आदिवासी खिलाड़ियों की क्षमता को देखते हुए 14 साल तक के खिलाड़ियों को इसमें शामिल करना चाहिए। चर्चा में शामिल एथलेटिक्स के एनआईएस कोच दल्लीराजहरा के सुदर्शन और भिलाई के ताजुद्दीन ने कहा कि महिलाओं के लिए हॉफ मैराथन कराई जाए और इसकी दूरी 21.90 किलो मीटर रखी जाए। चर्चा में शामिल ट्रायथलान संघ के विष्णुश्रीवास्तव, साई सेंटर राजनांदगांव के प्रभारी राजेश्वर राव ने भी सहमति जताई। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुखनंदन ध्रुव ने कहा कि खेल विभाग को बड़ी सोच का परिचय देते हुए राज्य स्तर से उपर उठकर राज्य के खिलाड़ियों को अंतररराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का रास्ता दिखाने का काम करना चाहिए।
उपसंचालक, संघ के सचिव असहमत
चर्चा में शामिल उपसंचालक ओपी शर्मा और एथलेटिक्स संघ के सचिव आरके पिल्ले ही फुल मैराथन से सहमत नहीं दिखे। इन्होंने जो तर्क दिए वो तर्क किसी के गले नहीं उतरे। श्री पिल्ले कहते रहे कि फुल मैराथन के लिए खिलाड़ी नहीं मिल पाएंगे। श्री शर्मा का कहना था कि फुल मैराथन कराने से आम लोगों का जुड़ाव नहीं हो सकेगा।
प्रस्ताव सरकार को भेजेंगे: खेल संचालक
चर्चा के बाद खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि चर्चा में बनी सहमति की जानकारी शासन को देते हुए अब अगली बार से फुल मैराथन कराने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रस्ताव में ब्लाक स्तर से ही फुल मैराथन कराने की बात शामिल की जाएगी।
खेल भवन में सुबह 11 बजे से एथलेटिक्स संघ के पदाधिकारियों, एनआईएस प्रशिक्षकों के साथ खेल के जानकारों से खेल संचालक जीपी सिंह ने चर्चा की। चर्चा में सहमति बनी कि छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए राज्य मैराथन को अब फुल मैराथन में बदलना जरूरी है। रविशंकर विवि के पूर्व खेल संचालक संतोष उपाध्याय ने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में फुल मैराथन में दौड़ने की क्षमता है। फुल मैराथन के आयोजन से ही खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकेंगे। बस्तर के पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने कहा कि मैराथन तो फुल ही होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि उनके माता रुकमणी आश्रम स्कूल की छात्राएं 40 किलो मीटर तक दौड़ लेती हैं। उन्होंने फुल मैराथन का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें उम्र सीमा का ध्यान रखा जाना चाहिए। सीनियर वर्ग मानकर उम्र तय करने की बजाए आदिवासी खिलाड़ियों की क्षमता को देखते हुए 14 साल तक के खिलाड़ियों को इसमें शामिल करना चाहिए। चर्चा में शामिल एथलेटिक्स के एनआईएस कोच दल्लीराजहरा के सुदर्शन और भिलाई के ताजुद्दीन ने कहा कि महिलाओं के लिए हॉफ मैराथन कराई जाए और इसकी दूरी 21.90 किलो मीटर रखी जाए। चर्चा में शामिल ट्रायथलान संघ के विष्णुश्रीवास्तव, साई सेंटर राजनांदगांव के प्रभारी राजेश्वर राव ने भी सहमति जताई। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुखनंदन ध्रुव ने कहा कि खेल विभाग को बड़ी सोच का परिचय देते हुए राज्य स्तर से उपर उठकर राज्य के खिलाड़ियों को अंतररराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का रास्ता दिखाने का काम करना चाहिए।
उपसंचालक, संघ के सचिव असहमत
चर्चा में शामिल उपसंचालक ओपी शर्मा और एथलेटिक्स संघ के सचिव आरके पिल्ले ही फुल मैराथन से सहमत नहीं दिखे। इन्होंने जो तर्क दिए वो तर्क किसी के गले नहीं उतरे। श्री पिल्ले कहते रहे कि फुल मैराथन के लिए खिलाड़ी नहीं मिल पाएंगे। श्री शर्मा का कहना था कि फुल मैराथन कराने से आम लोगों का जुड़ाव नहीं हो सकेगा।
प्रस्ताव सरकार को भेजेंगे: खेल संचालक
चर्चा के बाद खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि चर्चा में बनी सहमति की जानकारी शासन को देते हुए अब अगली बार से फुल मैराथन कराने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रस्ताव में ब्लाक स्तर से ही फुल मैराथन कराने की बात शामिल की जाएगी।
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