जूनियरों को उत्कृष्ट खिलाड़ी बनाने की मांग उठी
प्रदेश के खेल संघों के पदाधिकारियों ने खेल संचालक जीपी सिंह के सामने जूनियर खिलाड़ियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करके नौकरी देने की मांग रखी। संचालक से कहा गया कि ऐसा करने से ही राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ को ज्यादा पदक मिल सकेंगे।
खेल भवन में खेल संचालक जीपी सिंह की अध्यक्षता में हुई खेल संघों की बैठक में वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान, बास्केटबॉल संघ के राजेश पटेल और कबड्डी संघ के रामबिसाल साहू सहित कई संघों के पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि सीनियर खिलाड़ियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करके नौकरी देना तो अपनी जगह ठीक है, पर जूनियर खिलाड़ियों को भी उसी तरह से नौकरी देने की पहल होनी चाहिए जिस तरह की पहल रेलवे और आर्मी के साथ देश के कई संस्थानों में होती है। खेल संघ के पदाधिकारियों ने तर्क दिया कि जूनियर खिलाड़ियों को नौकरी देने से वे राज्य के लिए कम से कम एक दशक तक तो खेलेंगे ही, लेकिन सीनियर खिलाड़ी इतने लंबे समय तक नहीं खेल पाते हैं। इस मामले में खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि अगर किसी राज्य में ऐसा होता है तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। संचालक को बताया गया कि रेलवे में 10वीं पास खिलाड़ियों को तृतीय श्रेणी में रखा जाता है। राज्य में ऐसी पहल होने का फायदा राष्ट्रीय खेलों में मिलेगा।
आधे खेल संघ ही आए बैठक में
खेल भवन की बैठक संघों को उद्योगों से से मदद दिलाने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में बास्केटबॉल, वालीबॉल, कबड्डी, हैंडबॉल, कुश्ती, तैराकी, ट्रायथलान, स्क्वैश, तलवारबाजी, खो-खो, भारोत्तोलन, नेटबॉल, मोटर स्पोर्ट्स, मुक्केबाजी, एथलेटिक्स, टेबल टेनिस, बैडमिंटन संघ के ही पदाधिकारी आए। बाकी संघों के पदाधिकारी आए ही नहीं। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि दो संघों तीरंदाजी और फुटबॉल के सचिवों ने न आने की जानकारी दी थी, लेकिन बाकी संघों से कोई सूचना नहीं आई। बैठक में खेल संघों से जानकारी ली गई कि उनको गोद लेने वाले उद्योगों को संघों ने योजना बनाकर दी है या नहीं और उद्योगों के एक प्रतिनिधि को उपाध्यक्ष बनाया गया है नहीं। श्री सिंह ने बताया कि करीब आधा दर्जन संघों ने ही योजना बनाकर देने के साथ उपाध्यक्ष बनाए हैं। सभी संघों को दोनों काम जल्द से जल्द करने को कहा गया। खेल संचालक ने बताया कि बैठक में की गई चर्चा की जानकारी उद्योग सचिव को देकर उद्योगों से खेल संघों को मदद दिलाने की बात की जाएगी।
खेल भवन में खेल संचालक जीपी सिंह की अध्यक्षता में हुई खेल संघों की बैठक में वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान, बास्केटबॉल संघ के राजेश पटेल और कबड्डी संघ के रामबिसाल साहू सहित कई संघों के पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि सीनियर खिलाड़ियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करके नौकरी देना तो अपनी जगह ठीक है, पर जूनियर खिलाड़ियों को भी उसी तरह से नौकरी देने की पहल होनी चाहिए जिस तरह की पहल रेलवे और आर्मी के साथ देश के कई संस्थानों में होती है। खेल संघ के पदाधिकारियों ने तर्क दिया कि जूनियर खिलाड़ियों को नौकरी देने से वे राज्य के लिए कम से कम एक दशक तक तो खेलेंगे ही, लेकिन सीनियर खिलाड़ी इतने लंबे समय तक नहीं खेल पाते हैं। इस मामले में खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि अगर किसी राज्य में ऐसा होता है तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। संचालक को बताया गया कि रेलवे में 10वीं पास खिलाड़ियों को तृतीय श्रेणी में रखा जाता है। राज्य में ऐसी पहल होने का फायदा राष्ट्रीय खेलों में मिलेगा।
आधे खेल संघ ही आए बैठक में
खेल भवन की बैठक संघों को उद्योगों से से मदद दिलाने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में बास्केटबॉल, वालीबॉल, कबड्डी, हैंडबॉल, कुश्ती, तैराकी, ट्रायथलान, स्क्वैश, तलवारबाजी, खो-खो, भारोत्तोलन, नेटबॉल, मोटर स्पोर्ट्स, मुक्केबाजी, एथलेटिक्स, टेबल टेनिस, बैडमिंटन संघ के ही पदाधिकारी आए। बाकी संघों के पदाधिकारी आए ही नहीं। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि दो संघों तीरंदाजी और फुटबॉल के सचिवों ने न आने की जानकारी दी थी, लेकिन बाकी संघों से कोई सूचना नहीं आई। बैठक में खेल संघों से जानकारी ली गई कि उनको गोद लेने वाले उद्योगों को संघों ने योजना बनाकर दी है या नहीं और उद्योगों के एक प्रतिनिधि को उपाध्यक्ष बनाया गया है नहीं। श्री सिंह ने बताया कि करीब आधा दर्जन संघों ने ही योजना बनाकर देने के साथ उपाध्यक्ष बनाए हैं। सभी संघों को दोनों काम जल्द से जल्द करने को कहा गया। खेल संचालक ने बताया कि बैठक में की गई चर्चा की जानकारी उद्योग सचिव को देकर उद्योगों से खेल संघों को मदद दिलाने की बात की जाएगी।
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