रुस्तम भारतीय टीम में
छत्तीसगढ़ के अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलक रुस्तम सारंग का चयन कामनवेल्थ चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में हुआ है। रुस्तम अक्टूबर में होने वाली स्पर्धा में खेलने केपटाउन जाएंगे।
यह जानकारी देते हुए रुस्तम के पिता और कोच विक्रम पुरस्कार प्राप्त बुधराम सारंग ने बताया कि केपटाउन में 10 अक्टूबर से होने वाली कामनवेल्थ चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम का चयन करने पटियाला में चयन ट्रायल का आयोजन किया गया। इस ट्रायल में रुस्तम ने 62 किलो ग्राम वर्ग में 122 किलो स्नैच और 148 किलो क्लीन एंड जर्क में वजन उठाकर टीम में स्थान पक्का किया। रुस्तम ने ट्रायल में तमिलनाडु और मणिपुर के खिलाड़ियों को पछाड़ा। मणिपुर के यूआरसीबी ने 161 किलो और तमिलनाडु के देवाकुमार ने 260 किलो वजन ही उठाया।
पदक लेकर आऊंगा: रुस्तम
रुस्तम सारंग ने बताया कि वे इस समय पटियाला में चल रहे भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में हैं। यहां पर दो मई 2011 से शिविर चल रहा है। यह शिविर कामनवेल्थ के साथ विश्व चैंपियनशिप के लिए है। शिविर दिसंबर 2011 तक चलेगा। रुस्तम ने कहा कि उनको पूरी उम्मीद है कि वे केपटाउन से पदक लेकर लौटेंगे और विश्व चैंपियनशिप में खेलने की पात्रता भी प्राप्त करेंगे। बकौल रुस्तम मैं भले दिल्ली में हुए कामनवेल्थ में पदक से चूक गया था, पर अब मैंने पदक के लिए बहुत मेहनत की है। उस समय मेरी कलाई में मोच आ गई थी, कलाई की मोच के बाद भी मैं लगातार अभ्यास कर रहा हूं। अब मेरी मोच ठीक है और उम्मीद है कि मैं केपटाउन से खाली हाथ नहीं लौटूंगा। रुस्तम के पिता बुधराम सारंग भी कहते हैं कि उनको भी रुस्तम से इस बार पदक की पूरी उम्मीद है। वे कहते हैं कि रुस्तम कामनवेल्थ ही नहीं बल्कि विश्व चैंपियनशिप में भी देश के लिए पदक जीतने का काम करेंगे।
यह जानकारी देते हुए रुस्तम के पिता और कोच विक्रम पुरस्कार प्राप्त बुधराम सारंग ने बताया कि केपटाउन में 10 अक्टूबर से होने वाली कामनवेल्थ चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम का चयन करने पटियाला में चयन ट्रायल का आयोजन किया गया। इस ट्रायल में रुस्तम ने 62 किलो ग्राम वर्ग में 122 किलो स्नैच और 148 किलो क्लीन एंड जर्क में वजन उठाकर टीम में स्थान पक्का किया। रुस्तम ने ट्रायल में तमिलनाडु और मणिपुर के खिलाड़ियों को पछाड़ा। मणिपुर के यूआरसीबी ने 161 किलो और तमिलनाडु के देवाकुमार ने 260 किलो वजन ही उठाया।
पदक लेकर आऊंगा: रुस्तम
रुस्तम सारंग ने बताया कि वे इस समय पटियाला में चल रहे भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में हैं। यहां पर दो मई 2011 से शिविर चल रहा है। यह शिविर कामनवेल्थ के साथ विश्व चैंपियनशिप के लिए है। शिविर दिसंबर 2011 तक चलेगा। रुस्तम ने कहा कि उनको पूरी उम्मीद है कि वे केपटाउन से पदक लेकर लौटेंगे और विश्व चैंपियनशिप में खेलने की पात्रता भी प्राप्त करेंगे। बकौल रुस्तम मैं भले दिल्ली में हुए कामनवेल्थ में पदक से चूक गया था, पर अब मैंने पदक के लिए बहुत मेहनत की है। उस समय मेरी कलाई में मोच आ गई थी, कलाई की मोच के बाद भी मैं लगातार अभ्यास कर रहा हूं। अब मेरी मोच ठीक है और उम्मीद है कि मैं केपटाउन से खाली हाथ नहीं लौटूंगा। रुस्तम के पिता बुधराम सारंग भी कहते हैं कि उनको भी रुस्तम से इस बार पदक की पूरी उम्मीद है। वे कहते हैं कि रुस्तम कामनवेल्थ ही नहीं बल्कि विश्व चैंपियनशिप में भी देश के लिए पदक जीतने का काम करेंगे।
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