प्रशिक्षकों का टोटा होगा छोटा
प्रदेश में खेल प्रशिक्षकों का टोटा छोटा करने की दिशा में खेल विभाग जुट गया है। विभाग ने थोक में प्रशिक्षक तैयार करने के लिए खेलों से जुड़े 65 लोगों को भोपाल में एनआईएस प्रमाणपत्र कोर्स करने भेजा है। इधर विभाग में चार नए प्रशिक्षक भी नियुक्ति किए गए हैं। यह सब छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए किया गया है।
प्रदेश में प्रशिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए खेल विभाग अब गंभीर हो गया है। खेल संचालक जीपी सिंह की पहल पर आदिम जाति कल्याण विभाग के खेल शिक्षकों के साथ खेल संघों से जुड़े खिलाड़ियों को भोपाल में 17 मई से प्रारंभ हुए पांच खेलों के छह सप्ताह के प्रमाणपत्र कोर्स के लिए भेजा गया है। इन सभी का खर्च खेल विभाग उठा रहा है। इधर विभाग ने पहले तीरंदाजी के एनआईएस कोच टेकलाल कुर्रे को उत्कृष्ट खिलाड़ी होने पर नियुक्त किया, फिर मई में तीन प्रशिक्षकों हॉकी के राकेश टोपो, रश्मि तिर्की और वालीबॉल के हरगुलशन सिंह को नियुक्ति किया है। अब खेल विभाग में पांच प्रशिक्षक हो गए हैं। विभाग में जो 2002 का सेटअप मंजूर हैं उसमें 8 प्रशिक्षकों के पद हंै। अभी तीन प्रशिक्षकों के पद खाली है। खेल संचालक जीपी कहते हैं कि वित्त विभाग से मंजूरी मिलते हैं ये पद भी भर दिए जाएंगे।
खेल विभाग ने जो नया सेटअप मंजूरी के लिए भेजा है, उसमें प्रशिक्षकों के 54 पद मांगे हैं। विभाग ने हर जिले के लिए तीन प्रशिक्षक मांगे हैं जिसमें एक वरिष्ठ प्रशिक्षक, एक प्रशिक्षक और एक संविदा प्रशिक्षक शामिल हैं। राज्य में भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई के सात कोच प्रदेश में काम कर रहे हैँ। इनमें से दो रायपुर, दो बिलासपुर और दो राजनांदगांव में और एक कोच जशपुर में हैं।
हर खेल के प्रशिक्षक तैयार करेंगे
खेल संचालक जीपी सिंह बताते हैं कि भोपाल के साई सेंटर में सात खेलों का ही कोर्स होता है, लेकिन हम चाहते हैं कि हर खेल के हमारे पास प्रशिक्षक हों, ऐसे में हमने क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु से बात की है और उनसे जानकारी मांगी है कि अन्य खेलों के कोर्स कहां होते हैं। उन्होंने बताया कि जिन खेलों के कोर्स कोलकाता और पटियाला में होते हैं, वहां भी हम प्रदेश के लोगों को कोर्स करने भेजेंगे। श्री सिंह ने बताया कि पहले कदम पर पायका के 20 खेल जिनमें कबड्डी, खो-खो, एथलेटिक्स, वालीबॉल, फुटबॉल, भारोत्तोलन, कुश्ती, हैंडबॉल, हॉकी, ताइक्वांडो, सायक्लिंग, जूडो, तैराकी, टेबल टेनिसल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, जिम्नास्टिक, मुक्केबाजी और वुशू शामिल हैं, इनके प्रशिक्षक तैयार किए जाएंगे।
प्रदेश में प्रशिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए खेल विभाग अब गंभीर हो गया है। खेल संचालक जीपी सिंह की पहल पर आदिम जाति कल्याण विभाग के खेल शिक्षकों के साथ खेल संघों से जुड़े खिलाड़ियों को भोपाल में 17 मई से प्रारंभ हुए पांच खेलों के छह सप्ताह के प्रमाणपत्र कोर्स के लिए भेजा गया है। इन सभी का खर्च खेल विभाग उठा रहा है। इधर विभाग ने पहले तीरंदाजी के एनआईएस कोच टेकलाल कुर्रे को उत्कृष्ट खिलाड़ी होने पर नियुक्त किया, फिर मई में तीन प्रशिक्षकों हॉकी के राकेश टोपो, रश्मि तिर्की और वालीबॉल के हरगुलशन सिंह को नियुक्ति किया है। अब खेल विभाग में पांच प्रशिक्षक हो गए हैं। विभाग में जो 2002 का सेटअप मंजूर हैं उसमें 8 प्रशिक्षकों के पद हंै। अभी तीन प्रशिक्षकों के पद खाली है। खेल संचालक जीपी कहते हैं कि वित्त विभाग से मंजूरी मिलते हैं ये पद भी भर दिए जाएंगे।
खेल विभाग ने जो नया सेटअप मंजूरी के लिए भेजा है, उसमें प्रशिक्षकों के 54 पद मांगे हैं। विभाग ने हर जिले के लिए तीन प्रशिक्षक मांगे हैं जिसमें एक वरिष्ठ प्रशिक्षक, एक प्रशिक्षक और एक संविदा प्रशिक्षक शामिल हैं। राज्य में भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई के सात कोच प्रदेश में काम कर रहे हैँ। इनमें से दो रायपुर, दो बिलासपुर और दो राजनांदगांव में और एक कोच जशपुर में हैं।
हर खेल के प्रशिक्षक तैयार करेंगे
खेल संचालक जीपी सिंह बताते हैं कि भोपाल के साई सेंटर में सात खेलों का ही कोर्स होता है, लेकिन हम चाहते हैं कि हर खेल के हमारे पास प्रशिक्षक हों, ऐसे में हमने क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु से बात की है और उनसे जानकारी मांगी है कि अन्य खेलों के कोर्स कहां होते हैं। उन्होंने बताया कि जिन खेलों के कोर्स कोलकाता और पटियाला में होते हैं, वहां भी हम प्रदेश के लोगों को कोर्स करने भेजेंगे। श्री सिंह ने बताया कि पहले कदम पर पायका के 20 खेल जिनमें कबड्डी, खो-खो, एथलेटिक्स, वालीबॉल, फुटबॉल, भारोत्तोलन, कुश्ती, हैंडबॉल, हॉकी, ताइक्वांडो, सायक्लिंग, जूडो, तैराकी, टेबल टेनिसल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, जिम्नास्टिक, मुक्केबाजी और वुशू शामिल हैं, इनके प्रशिक्षक तैयार किए जाएंगे।
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