कपड़े उतारना भारतीय संस्कृति नहीं
हम विश्व कप जीत गए। अब मॉडल पूजा पांडे का क्या होगा, जिन्होंने कहा था कि भारत के विश्व कप जीतने पर वे अपने कपड़े उतार देंगी। सोचने वाली बात यह है कि क्या यह हमारी भारतीय संस्कृति है। विदेशी भले बात-बात पर कपड़े उतारे दें, यह उनकी अपनी संस्कृति है। विदेशियों को कपड़ों से परहेज हो सकता है, हम भारतीयों को नहीं। हमें तो लगता है कि पूजा ने ऐसा कहा था तो उसके पीछे उनका देश प्रेम नहीं बल्कि अपना स्वार्थ था कि वह पूरे विश्व में लोकप्रिय होना चाहती थीं। वरना उनके कथन से पहले कौन जानता था कि पूजा पांडे नाम की कोई मॉडल है।
मुंबई में जिस तरह से महेन्द्र सिंह धोनी के जवानों से कमाल किया, वह धमाल देश क्या पूरा विश्व याद रखेगा। भारत की जीत पर देश के 121 करोड़वासियों को नाज है। देश में कल जैसी दीवाली मनी वैसी दीवाली तो दीवाली के समय भी नहीं मनती है। बहरहाल हम बात करें उन पूजा पांडे ेकी जिन्होंने अचानक कह दिया था कि भारत अगर विश्व कप जीतेगा तो वह अपने पूरे कपड़े उतार देंगी। उनके इस कथन के पीछे की मानसिकता को देखा जाए तो उसके पीछे कहीं भी देश प्रेम जैसी बात नहीं है। अगर वह वास्तव में भारतीय नारी होतीं तो कभी ऐसी बात नहीं कहतीं, लेकिन लगता है कि पूजा के रंगों में भारतीय संस्कृति कहीं नहीं है। हमारा जहां तक सोचना है कि पूजा के इस कथन के पीछे महज लोकप्रियता पाने का हथकंड़ा है। सोचिए इससे पहले कौन जानता था कि पूजा पांडे नाम की कोई मॉडल है। अपने देश में न जाने पूजा जैसी कितनी मॉडल होंगी। कुछ नामी मॉडलों को छोड़ दिया जाए तो बाकी को कोई पहचानता भी नहीं है। ऐसे में विश्व कप से ज्यादा अच्छा मौका लोकप्रिय होने का और क्या हो सकता है।
एक स्थान पर कल टीवी पर मैच देखकर कुछ लोग पूजा पांडे की बात कर रहे थे एक बंदे ने पूजा के कथन पर एक टिप्पणी की कि यार कपड़े उतारने की हिम्मत रखने वाले इस तरह से बयान देकर कपड़े नहीं उतारते हैं। वास्तव में क्रिकेट में कई ऐसे अवसर आए हैं जब दीवाने दर्शक कपड़े उतार कर मैदान में दौड़ गए हैं। लेकिन इसके पहले किसी ने कम से कम भारत में ऐसा कभी नहीं कहा कि भारत की इस जीत पर वह ऐसा कर देगा। इससे साफ है कि पूजा ने जो किया वह महज सस्ती लोकप्रियता के लिए कहा। पूजा के खिलाफ किसी ने एक मुकदमा भी कर दिया है। यह काम जिन्होंने भी किया है ठीक किया है, भारतीय संस्कृति के साथ ऐसा खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं मिलनी चाहिए। अगर ऐसा होने लगा तो हर दूसरे मैच में पश्चिम की तरह भारतीय लड़कियां भी कपड़े उतारने लगेंगी। वैसे भी पश्चिमी संस्कृति ने भारतीय युवा पीढ़ी को क्या कम अपनी संस्कृति से विमुख किया है जो अब एक और पश्चिमी संस्कृति को अपने देश में स्थान बनाने दें कि मैच जीतने पर लड़कियों कपड़े उतारने पर उतावली हो जाए और खेल जगत में नंगा नाचा होने लगे।
चलते-चलते पूनम पांडे के खिलाफ किए गए मुकदमें की कुछ बातें भी पढ़ ली जाए....
मुंबई में जिस तरह से महेन्द्र सिंह धोनी के जवानों से कमाल किया, वह धमाल देश क्या पूरा विश्व याद रखेगा। भारत की जीत पर देश के 121 करोड़वासियों को नाज है। देश में कल जैसी दीवाली मनी वैसी दीवाली तो दीवाली के समय भी नहीं मनती है। बहरहाल हम बात करें उन पूजा पांडे ेकी जिन्होंने अचानक कह दिया था कि भारत अगर विश्व कप जीतेगा तो वह अपने पूरे कपड़े उतार देंगी। उनके इस कथन के पीछे की मानसिकता को देखा जाए तो उसके पीछे कहीं भी देश प्रेम जैसी बात नहीं है। अगर वह वास्तव में भारतीय नारी होतीं तो कभी ऐसी बात नहीं कहतीं, लेकिन लगता है कि पूजा के रंगों में भारतीय संस्कृति कहीं नहीं है। हमारा जहां तक सोचना है कि पूजा के इस कथन के पीछे महज लोकप्रियता पाने का हथकंड़ा है। सोचिए इससे पहले कौन जानता था कि पूजा पांडे नाम की कोई मॉडल है। अपने देश में न जाने पूजा जैसी कितनी मॉडल होंगी। कुछ नामी मॉडलों को छोड़ दिया जाए तो बाकी को कोई पहचानता भी नहीं है। ऐसे में विश्व कप से ज्यादा अच्छा मौका लोकप्रिय होने का और क्या हो सकता है।
एक स्थान पर कल टीवी पर मैच देखकर कुछ लोग पूजा पांडे की बात कर रहे थे एक बंदे ने पूजा के कथन पर एक टिप्पणी की कि यार कपड़े उतारने की हिम्मत रखने वाले इस तरह से बयान देकर कपड़े नहीं उतारते हैं। वास्तव में क्रिकेट में कई ऐसे अवसर आए हैं जब दीवाने दर्शक कपड़े उतार कर मैदान में दौड़ गए हैं। लेकिन इसके पहले किसी ने कम से कम भारत में ऐसा कभी नहीं कहा कि भारत की इस जीत पर वह ऐसा कर देगा। इससे साफ है कि पूजा ने जो किया वह महज सस्ती लोकप्रियता के लिए कहा। पूजा के खिलाफ किसी ने एक मुकदमा भी कर दिया है। यह काम जिन्होंने भी किया है ठीक किया है, भारतीय संस्कृति के साथ ऐसा खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं मिलनी चाहिए। अगर ऐसा होने लगा तो हर दूसरे मैच में पश्चिम की तरह भारतीय लड़कियां भी कपड़े उतारने लगेंगी। वैसे भी पश्चिमी संस्कृति ने भारतीय युवा पीढ़ी को क्या कम अपनी संस्कृति से विमुख किया है जो अब एक और पश्चिमी संस्कृति को अपने देश में स्थान बनाने दें कि मैच जीतने पर लड़कियों कपड़े उतारने पर उतावली हो जाए और खेल जगत में नंगा नाचा होने लगे।
चलते-चलते पूनम पांडे के खिलाफ किए गए मुकदमें की कुछ बातें भी पढ़ ली जाए....
भारत के वर्ल्ड कप जीतने पर न्यूड होने का दावा करने वाली किंगफिशर मॉडल पूनम पांडे के खिलाफ यूपी के बलरामपुर देहात पुलिस स्टेशन में अश्लीलता फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। दूसरी ओर, भोपाल की कोर्ट में भी पूनम के खिलाफ याचिका दायर की गई है। वकील ने पूनम के खिलाफ यह कहते हुए याचिका दायर की कि पूनम ने ब्राह्मणों का नाम खराब किया है। वहीं, बलरामपुर जिले के सीजेएम सुभाष चंद्रा ने मीडिया में आई खबरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। वकील आर. के. पांडे ने पूनम के साथ-साथ लिकर किंग विजय माल्या का भी याचिका में नाम लिया है। गौरतलब है कि पूनम पांडे ने किंगफिशर के हॉट कैलेंडर में पोज़ किया है। भोपाल के चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में यह याचिका दायर की गई है। माल्या पर आरोप लगाया गया है कि वह पूनम को न्यूड पोज़ देने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। वकील ने बताया कि अगर पूनम न्यूड नहीं भी होतीं तो भी उन्हें सजा दी जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने ऐसी अश्लील बात करके ब्राह्मणों का नाम खराब किया है। इस याचिका पर 5 अप्रैल को सुनवाई होगी।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें