राजनीति के साथ हर विषय पर लेख पढने को मिलेंगे....

शुक्रवार, अप्रैल 08, 2011

अन्ना हजारे के रूप में मिला एक और गांधी

चलो किसी ने तो सही एक बड़ा काम करने की हिम्मत दिखाई है। आज भारत में शायद ही कोई ऐसा होगा जो भ्रष्टाचार से परेशान और व्यथित नहीं होगा। लेकिन इसका क्या किया जाए कि लाख कोशिशों के बाद भी भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं हो सका है। लेकिन लगता है कि अब अपने देश को एक और गांधी मिल गए हैं जो देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात ठान चुके हैं। अब हम सभी भारतीयों का यह फर्ज बनाता है कि हम उनका साथ देते हुए देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में काम करें और भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाने में मदद करें।
जी हां हम बात कर रहे हैं अपने 72 साल के जवान अन्ना हजारे जी की। हजारे जी को जवान कहना ज्यादा उपयुक्त होगा, क्योंकि जो काम आज अपने देश की युवा पीढ़ी नहीं कर सकी है, वह काम करने की हिम्मत 72 साल के इन जवान ने की है। वास्तव में हजारे जी की हिम्मत को आज पूरा देश सलाम कर रहा है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि अगर सरकार ने हजारे जी की बात नहीं मानी तो देश में एक ऐसा आंदोलन खड़ा हो जाएगा जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी। आज हजारे जी के साथ सभी जुड़ने लगे हैं। और अब वह दिन भी दूर नजर नहीं आ रहा है जब पूरा देश हजारे जी के साथ खड़ा होगा। और खड़ा भी क्यों न हो। आज देश में ऐसा कौन है जो भ्रष्टाचार से परेशान नहीं है। अपने देश में भ्रष्टाचार चरम पर है कहा जो तो गलत नहीं होगा। अपने देश में एक चपरासी से लेकर मंत्री क्या प्रधानमंत्री तक भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। याद करें हम प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उस समय उनको सूटकेस राव भी कहा जाने लगा था। जिस देश के प्रधानमंत्री पर भी भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगा हो उस देश के बारे में सोचा जा सकता है।
हम ज्यादा दूर न जाकर दिल्ली के कामनवेल्थ में हुए भ्रष्टाचार की बात करें तो इस मामले के बारे में हर कोई यही कहता है कि प्रधानमंत्री  कार्यालय को भरोसे में लिए बिना क्या सुरेश कलमाड़ी के अकेले के बस की बात थी कि वे ऐसा कुछ कर पाते। हमेशा से ऐसा ही होता है कि किसी न किसी को बलि का बकारा बनाया जाता है तो कलमाड़ी भी बलि के बकरे बन गए। इसी के साथ और कुछ बकरों की भी बलि ली गई। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय पर आंच तक आने नहीं दी गई। अपने देश में जब बी किसी भ्रष्टाचार की बात होती है तो सब जानते हैं कि उस भ्रष्टाचार में एक संतरी से लेकर मंत्री तक का हिस्सा रहता है।
बहरहाल हम बात करें अपने हजारे जी की, वास्तव में उनकी हिम्मत की दाद देते हुए सभी को उनके समर्थन में आगे आना चाहिए। अगर अपने देश से भ्रष्टाचार दूर नहीं हुआ तो यह देश को पूरी तरह से खा जाएगा। वैसे भी भ्रष्टाचार देश को लगातार खा रहा है, लेकिन अपना देश अब तक संभवत: इसलिए बचा हुआ है क्योंकि अपने देश में पैसों की कमी नहीं है। अब यह बात अलग है कि पैसों की कमी का रोना रोते हुए ही देश को बर्बादी के रास्ते पर ले जाने का काम अपने देश के नेता और मंत्री कर रहे हैं। अपने देश को राजनेता ही खा गए हैं कहा जाए तो गलत नहीं होगा। राजनेता बस अपना घर भरने में लगे हैं। इसमें संदेह नहीं है कि देश का इतना ज्यादा पैसा विदेशों में है कि अगर वह काला धन अपने देश में वापस आ जाए तो भारत जैसा देश पूरी दुनिया में कोई और नहीं हो सकता है। काला धन वापस आने पर अपना देश वास्तव में फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है। लगता है कि देश को सोने की चिड़िया बनाने की राह दिखाने का काम ही अपने हजारे जी कर रहे हैं। उनको समर्थन देकर हमें अपने देश को फिर से सोने की चिड़ियां बनाने में मदद करनी चाहिए। अपने राज्य की राजधानी रायपुर के साथ पूरे छत्तीसगढ़ में हजारे जी के समर्थन में लोग आगे आने लगे हैं।


0 टिप्पणियाँ:

Related Posts with Thumbnails

ब्लाग चर्चा

Blog Archive

मेरी ब्लॉग सूची

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP