भूला दिए गए नींव रखने वाले
राजधानी के इंडोर स्टेडियम की नींव रखने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल को भूलाकर उनके नाम के पत्थर को एक कमरे में रख दिया गया है। इसके पूर्व शहर के आधा दर्जन चौक-चौराहों पर लगी मूर्तियों को हटाकर उनकी नींव रखने वालों को भी नगर निगम ने भूला दिया है।
छत्तीसगढ़ को स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की सौगात देने के लिए 1996 में महापौर स्वर्गीय बलवीर जुनेजा के कार्यकाल में इसकी नींव रखी गई थी। निर्माण कार्य प्रारंभ करने के समय लगाए गए पत्थर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के साथ महापौर बलवीर जुनेजा और उपमहापौर गजराज पगारिया का नाम है। आज जबकि इंडोर स्टेडियम बनाकर तैयार हो गया है तो इसकी नींव रखने वालों की पट्टिका को इंडोर के एक कमरे के किनारे में रख दिया गया है, जहां पट्टिका धूल खाते पड़ी है।
चौक की मूर्तियां भी किनारे लगा दी
शहर में करीब आधा दर्जन बरसों पुराने चौक हैं जहां पर देश के शहीदों की मूर्तियों थीं, इनको किनारे करने के साथ इनको वहां स्थापित करने वालों को भी निगम ने किनारे लगा दिया है। इन चौकों में शास्त्री चौक, शहीद भगत सिंह चौक, रानी दुर्गावती चौक, आजाद चौक में महात्मा गांधी, स्टेशन रोड के साथ तेलीबांधा चौक में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्तियां थीं जिनको किनारे कर दिया गया।
भगवान उनको सद्बुद्धि दे: पगारिया
पूर्व उपमहापौर गजराज पगारिया का कहना है कि इंडोर बनाने के लिए हम लोगों से काफी पापड़ बेले थे। उस समय तो मप्र सरकार से पैसे भी नहीं मिल पाते थे। हम लोगों ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में एक स्वीमिंग पूल भी बनाने की योजना रखी थी, जिसे नहीं बनाया गया। उन्होंने निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने वाले पत्थर को हटाए जाने के बारे में कहा कि ऐसा करने वालों को भगवान सद्बुद्धि दे।
ससम्मान वापस लगवाएंगे:महापौर
महापौर किरणमयी नायक का कहना है कि उनको जानकारी नहीं है कि पट्टिका एक कमरे में रख दी गई है। अगर किसी कारणवश पट्टिका निकालकर रखी गई है तो उसको ससम्मान वापस लगावाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ को स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की सौगात देने के लिए 1996 में महापौर स्वर्गीय बलवीर जुनेजा के कार्यकाल में इसकी नींव रखी गई थी। निर्माण कार्य प्रारंभ करने के समय लगाए गए पत्थर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के साथ महापौर बलवीर जुनेजा और उपमहापौर गजराज पगारिया का नाम है। आज जबकि इंडोर स्टेडियम बनाकर तैयार हो गया है तो इसकी नींव रखने वालों की पट्टिका को इंडोर के एक कमरे के किनारे में रख दिया गया है, जहां पट्टिका धूल खाते पड़ी है।
चौक की मूर्तियां भी किनारे लगा दी
शहर में करीब आधा दर्जन बरसों पुराने चौक हैं जहां पर देश के शहीदों की मूर्तियों थीं, इनको किनारे करने के साथ इनको वहां स्थापित करने वालों को भी निगम ने किनारे लगा दिया है। इन चौकों में शास्त्री चौक, शहीद भगत सिंह चौक, रानी दुर्गावती चौक, आजाद चौक में महात्मा गांधी, स्टेशन रोड के साथ तेलीबांधा चौक में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्तियां थीं जिनको किनारे कर दिया गया।
भगवान उनको सद्बुद्धि दे: पगारिया
पूर्व उपमहापौर गजराज पगारिया का कहना है कि इंडोर बनाने के लिए हम लोगों से काफी पापड़ बेले थे। उस समय तो मप्र सरकार से पैसे भी नहीं मिल पाते थे। हम लोगों ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में एक स्वीमिंग पूल भी बनाने की योजना रखी थी, जिसे नहीं बनाया गया। उन्होंने निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने वाले पत्थर को हटाए जाने के बारे में कहा कि ऐसा करने वालों को भगवान सद्बुद्धि दे।
ससम्मान वापस लगवाएंगे:महापौर
महापौर किरणमयी नायक का कहना है कि उनको जानकारी नहीं है कि पट्टिका एक कमरे में रख दी गई है। अगर किसी कारणवश पट्टिका निकालकर रखी गई है तो उसको ससम्मान वापस लगावाया जाएगा।
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