साई में स्थान पाने होड़
सात खेलों के लिए जुड़े 500 खिलाड़ी
स्पोर्ट्स कांप्ललेक्स में हर तरफ बस खिलाड़ी ही खिलाड़ी नजर आ रहे हैं। कोई एक पंडाल में फार्म ले रहा है तो कोई दूसरे पंडाल में फार्म जमा कर रहा है। खिलाड़ियों के साथ पालक भी लगे हैं। हर खिलाड़ी चाहता है कि उसको साई सेंटर में स्थान मिल जाए। सेंटर में स्थान पाने की उम्मीद में सात खेलों के लिए राजधानी में 500 से ज्यादा खिलाड़ी जुटे।
दस साल के लंबे इंतजार के बाद अंतत: राजधानी रायपुर में साई सेंटर की नींव रख दी गई है। सात खेलों जिसमें बोर्डिंग में एथलेटिक्स, जूडो एवं वालीबॉल में बालक-बालिका, भारोत्तोलन और फुटबॉल में बालकों को शामिल किया जाएगा। डे बोर्डिंग में एथलेटिक्स, बैडमिंटन, जूडो, वालीबॉल, कैनोइंग-कयाकिंग (बालक-बालिका) और भारोत्तोलन (बालक) को शामिल किया गया है। इन खेलों के लिए चयन ट्रायल का दौर प्रारंभ हुआ। इसके लिए सबसे पहले खिलाड़ियों का पंजीयन करवाया गया।
किस खेल में कितने खिलाड़ी
सुबह 9 बजे से शाम को पांच बजे तक हुए पंजीयन के बाद पात्र खिलाड़ियों की सूची तैयार की गई जिनको ट्रायल देना है। वालीबॉल में 63 बालक ,26 बालिकाएं, जूडो में 38 बालक, 20 बालिकाएं, फुटबॉल में 87 बालक, भारोत्तोलन में 90 बालक, एथलेटिक्स में 70 बालक-बालिकाएं बैडमिंटन में 14 बालक, 6 बालिकाएं, कयाकिंग में 8 बालक 2 बालिकाएं शामिल हैं। सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान ने बताया कि शुक्रवार को बैडमिंटन का ही ट्रायल हो रहा है, बाकी खेलों का ट्रायल शनिवार और रविवार को होगा। वैसे तो आज पंजीयन का दौर पूरा हो गया है, लेकिन अंतिम दिन भी कोई बाहर का खिलाड़ी आता है तो उसका पंजीयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनको इतने ज्यादा खिलाड़ियों के आने की उम्मीद नहीं थी, हम 500 फार्म लाए थे, सभी समाप्त हो गए हैं।
विशेषज्ञ लेंगे ट्रायल
सेंटर के प्रभारी ने बताया कि हर खेल के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है जो ट्रायल लेंगे। एथलेटिक्स में राष्ट्रीय कोच सुरेन्द्र पाल के साथ शार्मिला तेजावत, बैडमिंटन में राष्ट्रीय कोच अतुल जोशी के साथ गीता पंथ, भारोत्तोलन में अरविंद कुशवाहा, वालीबॉल में आनंद मोहन, कयाकिंग में मयंक ठाकुर, फुटबॉल में विक्रम तास्दीकर और जूडो में नरेन्द्र कम्बोज शामिल हैं। इनके साथ जिल खेल संघों के अध्यक्ष और सचिवों की भी मदद ली जा रही है। श्री खान ने बताया कि हर खेल में पांच टेस्ट होंगे जिसमें 15 अंक हैं। इसमें से 10 अंक पाने वाले खिलाड़ी ही पात्र होंगे। पूछने पर उन्होंने बताया कि हर खेल के अलग-अलग टेस्ट होते हैं।
ओवरएज बाहर होंगे
एक सवाल के जवाब में श्री खान ने बताया कि किसी भी तरह से फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे ओवरएज खिलाड़ी सेंटर में स्थान नहीं बना सकते हंै। चुने गए खिलाड़ियों का तीन डॉक्टरों का पैनल मेडिकल जांच करता है। इस पैनल में एक दंत चिकित्सक, एक फिजियो और एक एनाटामिक विशेषज्ञ रहते हैं। खिलाड़ियों के हाथों के साथ दांतों के हिस्से का एक्सरे लिया जाता है जिससे उसकी सही उम्र का पता चल जाता है।
स्पोर्ट्स कांप्ललेक्स में हर तरफ बस खिलाड़ी ही खिलाड़ी नजर आ रहे हैं। कोई एक पंडाल में फार्म ले रहा है तो कोई दूसरे पंडाल में फार्म जमा कर रहा है। खिलाड़ियों के साथ पालक भी लगे हैं। हर खिलाड़ी चाहता है कि उसको साई सेंटर में स्थान मिल जाए। सेंटर में स्थान पाने की उम्मीद में सात खेलों के लिए राजधानी में 500 से ज्यादा खिलाड़ी जुटे।
दस साल के लंबे इंतजार के बाद अंतत: राजधानी रायपुर में साई सेंटर की नींव रख दी गई है। सात खेलों जिसमें बोर्डिंग में एथलेटिक्स, जूडो एवं वालीबॉल में बालक-बालिका, भारोत्तोलन और फुटबॉल में बालकों को शामिल किया जाएगा। डे बोर्डिंग में एथलेटिक्स, बैडमिंटन, जूडो, वालीबॉल, कैनोइंग-कयाकिंग (बालक-बालिका) और भारोत्तोलन (बालक) को शामिल किया गया है। इन खेलों के लिए चयन ट्रायल का दौर प्रारंभ हुआ। इसके लिए सबसे पहले खिलाड़ियों का पंजीयन करवाया गया।
किस खेल में कितने खिलाड़ी
सुबह 9 बजे से शाम को पांच बजे तक हुए पंजीयन के बाद पात्र खिलाड़ियों की सूची तैयार की गई जिनको ट्रायल देना है। वालीबॉल में 63 बालक ,26 बालिकाएं, जूडो में 38 बालक, 20 बालिकाएं, फुटबॉल में 87 बालक, भारोत्तोलन में 90 बालक, एथलेटिक्स में 70 बालक-बालिकाएं बैडमिंटन में 14 बालक, 6 बालिकाएं, कयाकिंग में 8 बालक 2 बालिकाएं शामिल हैं। सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान ने बताया कि शुक्रवार को बैडमिंटन का ही ट्रायल हो रहा है, बाकी खेलों का ट्रायल शनिवार और रविवार को होगा। वैसे तो आज पंजीयन का दौर पूरा हो गया है, लेकिन अंतिम दिन भी कोई बाहर का खिलाड़ी आता है तो उसका पंजीयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनको इतने ज्यादा खिलाड़ियों के आने की उम्मीद नहीं थी, हम 500 फार्म लाए थे, सभी समाप्त हो गए हैं।
विशेषज्ञ लेंगे ट्रायल
सेंटर के प्रभारी ने बताया कि हर खेल के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है जो ट्रायल लेंगे। एथलेटिक्स में राष्ट्रीय कोच सुरेन्द्र पाल के साथ शार्मिला तेजावत, बैडमिंटन में राष्ट्रीय कोच अतुल जोशी के साथ गीता पंथ, भारोत्तोलन में अरविंद कुशवाहा, वालीबॉल में आनंद मोहन, कयाकिंग में मयंक ठाकुर, फुटबॉल में विक्रम तास्दीकर और जूडो में नरेन्द्र कम्बोज शामिल हैं। इनके साथ जिल खेल संघों के अध्यक्ष और सचिवों की भी मदद ली जा रही है। श्री खान ने बताया कि हर खेल में पांच टेस्ट होंगे जिसमें 15 अंक हैं। इसमें से 10 अंक पाने वाले खिलाड़ी ही पात्र होंगे। पूछने पर उन्होंने बताया कि हर खेल के अलग-अलग टेस्ट होते हैं।
ओवरएज बाहर होंगे
एक सवाल के जवाब में श्री खान ने बताया कि किसी भी तरह से फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे ओवरएज खिलाड़ी सेंटर में स्थान नहीं बना सकते हंै। चुने गए खिलाड़ियों का तीन डॉक्टरों का पैनल मेडिकल जांच करता है। इस पैनल में एक दंत चिकित्सक, एक फिजियो और एक एनाटामिक विशेषज्ञ रहते हैं। खिलाड़ियों के हाथों के साथ दांतों के हिस्से का एक्सरे लिया जाता है जिससे उसकी सही उम्र का पता चल जाता है।
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