बस्तर में तलाशेंगे एथलीट
राजधानी के साई सेंटर के लिए एथलीट तलाशने साई ने बस्तर में चयन ट्रायल करने का फैसला किया है। रायपुर में हुए चयन ट्रायल में प्रदेश से सिर्फ एक ही एथलीट मिला है। वैसे बालिका वर्ग में करीब एक दर्जन एथलीट मिली हैं, लेकिन अभी बालिका वर्ग का हास्टल प्रारंभ करने में समय है।
साई सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान ने बताया कि एथलेटिक्स चूंकि मदर गेम है, ऐसे में इस खेल को साई सेंटर के हटाना संभव नहीं है। हमारा प्रयास रहता है कि इस खेल की प्रतिभाओं को आदिवासी अंचल से तलाश कर लाएं। उन्होंने बताया कि मप्र में भी जब साई सेंटर के लिए खिलाड़ियों की तलाश थी, तब भी हमने बस्तर में जाकर चयन ट्रायल किया था और वहां की प्रतिभाओं को धार के सेंटर में रखा था। उन्होंने कहा कि भले अप्रैल में हुए पहले चयन ट्रायल में एथलीट के खिलाड़ी नहीं मिल पाएं हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि जब हम अगले माह जुलाई में बस्तर में जाकर चयन ट्रायल करेंगे तो वहां जरूर हमें खिलाड़ी मिलेंगे।
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि वास्तव में बस्तर में एथलीटों की भरमार है। राज्य मैराथन में हमेशा टॉप 20 में बस्तर के ही एथलीट ज्यादा आते हैं। बस्तर में एथलीटों की भरमार के बारे में रुकमणी सेवा आश्रम के पद्मश्री धर्मपाल सैनी भी बता चुके हैं कि उनके खिलाड़ियों को सूचना न मिलने के कारण वे राष्ट्रीय स्तर पर खेलने नहीं जा पाते हैं। अब अगर साई बस्तर में चयन ट्रायल करेगा तो जरूर बस्तर की प्रतिभाओं को साई सेंटर में आकर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल जाएगा।
श्री खान ने बताया कि बस्तर के साथ ही रायपुर में भी स्कूलों का सत्र प्रारंभ होने पर एक और चयन ट्रायल किया जाएगा, ताकि जिन खेलों में खिलाड़ियों की कमी हा उसको पूरा किया जा सके।
साई सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान ने बताया कि एथलेटिक्स चूंकि मदर गेम है, ऐसे में इस खेल को साई सेंटर के हटाना संभव नहीं है। हमारा प्रयास रहता है कि इस खेल की प्रतिभाओं को आदिवासी अंचल से तलाश कर लाएं। उन्होंने बताया कि मप्र में भी जब साई सेंटर के लिए खिलाड़ियों की तलाश थी, तब भी हमने बस्तर में जाकर चयन ट्रायल किया था और वहां की प्रतिभाओं को धार के सेंटर में रखा था। उन्होंने कहा कि भले अप्रैल में हुए पहले चयन ट्रायल में एथलीट के खिलाड़ी नहीं मिल पाएं हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि जब हम अगले माह जुलाई में बस्तर में जाकर चयन ट्रायल करेंगे तो वहां जरूर हमें खिलाड़ी मिलेंगे।
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि वास्तव में बस्तर में एथलीटों की भरमार है। राज्य मैराथन में हमेशा टॉप 20 में बस्तर के ही एथलीट ज्यादा आते हैं। बस्तर में एथलीटों की भरमार के बारे में रुकमणी सेवा आश्रम के पद्मश्री धर्मपाल सैनी भी बता चुके हैं कि उनके खिलाड़ियों को सूचना न मिलने के कारण वे राष्ट्रीय स्तर पर खेलने नहीं जा पाते हैं। अब अगर साई बस्तर में चयन ट्रायल करेगा तो जरूर बस्तर की प्रतिभाओं को साई सेंटर में आकर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल जाएगा।
श्री खान ने बताया कि बस्तर के साथ ही रायपुर में भी स्कूलों का सत्र प्रारंभ होने पर एक और चयन ट्रायल किया जाएगा, ताकि जिन खेलों में खिलाड़ियों की कमी हा उसको पूरा किया जा सके।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें