पदकवीरों पर बरसते हैं पैसे
हमारे राज्य उप्र में टीम खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों पर सरकार पैसों की बारिश करती है। उप्र में स्टार खिलाड़ियों को रोजगार भी आसानी से मिल जाता है।
यह कहना है उप्र के राष्ट्रीय वालीबॉल खिलाड़ी अभिनव तिवारी का। साई सेंटर रायपुर में अपनी लंबाई के कारण चुने गए इस खिलाड़ी ने बताया कि उप्र में टीम खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी वर्ग में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पैसे दिए जाते हैं। वे बताते हैं कि सब जूनियर, जूनियर, यूथ या फिर सीनियर वर्ग में स्वर्ण विजेता टीम के हर खिलाड़ी को 50-50 हजार, रजत विजेताओं को 35-35 हजार और कांस्य विजेताओं को 25-25 की राशि दी जाती है। व्यक्तिगत खेलों के बारे में श्री तिवारी को जानकारी नहीं है, लेकिन वे कहते हैं कि टीम खेलों की तरह व्यक्तिगत खेलों में भी सरकार खिलाड़ियों को बहुत पैसे देते है। सुविधाओं के बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं कि मैदानों की कमी नहीं है और सरकार खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा देने का काम करती है। रोजगार के बारे में वे कहते हैं कि स्टार खिलाड़ियों के लिए उप्र में रोजगार की कोई कमी नहीं है। वे बताते हैं कि उप्र पुलिस के साथ रेलवे और अन्य संस्थानों में खिलाड़ियों को आसानी से नौकरी मिल जाती है। श्री तिवारी की मानना है कि देश के हर राज्य में हर खेल में कम से कम राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों को नकद राशि देनी चाहिए। खिलाड़ियों को वैसे भी पैसे नहीं मिल पाते हैं, ऐसे में अगर हर खेल में पैसे मिलने लगेंगे तो हर खेल में ज्यादा से ज्यादा अच्छे खिलाड़ी निकलने की संभावना रहेगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 2009-10 में राष्ट्रीय ग्रामीण खेलों में उप्र की टीम से खेले थे तो टीम तीसरे स्थान पर रही थी। पूछने पर श्री तिवारी कहते हैं कि अब वे रायपुर के साई सेंटर में हैं तो छत्तीसगढ़ के लिए खेलेंगे।
यह कहना है उप्र के राष्ट्रीय वालीबॉल खिलाड़ी अभिनव तिवारी का। साई सेंटर रायपुर में अपनी लंबाई के कारण चुने गए इस खिलाड़ी ने बताया कि उप्र में टीम खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी वर्ग में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पैसे दिए जाते हैं। वे बताते हैं कि सब जूनियर, जूनियर, यूथ या फिर सीनियर वर्ग में स्वर्ण विजेता टीम के हर खिलाड़ी को 50-50 हजार, रजत विजेताओं को 35-35 हजार और कांस्य विजेताओं को 25-25 की राशि दी जाती है। व्यक्तिगत खेलों के बारे में श्री तिवारी को जानकारी नहीं है, लेकिन वे कहते हैं कि टीम खेलों की तरह व्यक्तिगत खेलों में भी सरकार खिलाड़ियों को बहुत पैसे देते है। सुविधाओं के बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं कि मैदानों की कमी नहीं है और सरकार खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा देने का काम करती है। रोजगार के बारे में वे कहते हैं कि स्टार खिलाड़ियों के लिए उप्र में रोजगार की कोई कमी नहीं है। वे बताते हैं कि उप्र पुलिस के साथ रेलवे और अन्य संस्थानों में खिलाड़ियों को आसानी से नौकरी मिल जाती है। श्री तिवारी की मानना है कि देश के हर राज्य में हर खेल में कम से कम राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों को नकद राशि देनी चाहिए। खिलाड़ियों को वैसे भी पैसे नहीं मिल पाते हैं, ऐसे में अगर हर खेल में पैसे मिलने लगेंगे तो हर खेल में ज्यादा से ज्यादा अच्छे खिलाड़ी निकलने की संभावना रहेगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 2009-10 में राष्ट्रीय ग्रामीण खेलों में उप्र की टीम से खेले थे तो टीम तीसरे स्थान पर रही थी। पूछने पर श्री तिवारी कहते हैं कि अब वे रायपुर के साई सेंटर में हैं तो छत्तीसगढ़ के लिए खेलेंगे।
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