कोच की चाह में राजस्थान से छत्तीसगढ़ आए
भारतीय टीम के पूर्व कोच चन्दर सिंह के छत्तीसगढ़ आने की खबर मिलने के बाद हम लोगों ने भी सोचा कि यहां के नए साई सेंटर में आ जाते हैं। चन्दर सिंह से प्रशिक्षण लेने तो हम लोग कहीं भी जा सकते हैं, उनके प्रशिक्षण देने का अंदाज अलग है।
ये बातें यहां पर चर्चा करते हुए राजस्थान के वीरेन्द्र सिंह और सुनील कुमार ने कहीं। इन्होंने बताया कि ये जोधपुर के साई सेंटर में थे जहां पर उनको प्रशिक्षण देने का काम भारतीय टीम के कोच रहे चन्दर सिंह कर रहे थे। लेकिन जब इनको चंदर सिंह के छत्तीसगढ़ आने की खबर मिली तो इन्होंने सोचा कि चलो हम भी छत्तीसगढ़ में खुलने वाले साई सेंटर में प्रयास कर लेते हैं। छत्तीसगढ़ के साई सेंटर के बारे में इनको अपने कोच से ही मालूम हुआ था। इन खिलाड़ियों का कहना है कि चंदर सिंह जैसा कोई और दूसरा कोच नहीं हो सकता है। उनके प्रशिक्षण देने का तरीका इतना सरल और सहज रहता है कि हर खिलाड़ी उनके प्रशिक्षण देने के तरीके पर फिदा हो जाता है। यहां यह बताना लाजिमी है कि चंदर सिंह एक बार पिछले साल छत्तीसगढ़ की टीम को प्रशिक्षण देने आए थे, तो यहां के खिलाड़ी भी उनके प्रशिक्षण देने के अंदाज पर फिदा हो गए थे। चंदर सिंह को छत्तीसगढ़ के साई सेंटर में भेजने की मांग प्रदेश वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान ने साई के डीजी गोपाल कृष्ण से की थी। इस मांग पर ही चंदर सिंह को यहां भेजा जा रहा है।
6.3 फीट के वीरेन्द्र सिंह बताते हैं कि उनको जोधपुर के साई सेंटर में लंबाई के कारण प्रवेश मिला था और यहां भी लंबाई के कारण प्रवेश मिला है। वे बताते हैं कि लंबाई और खेल अच्छा होने के बाद भी उनको ेराजस्थान वालीबॉल संघ की राजनीति का शिकार होना पड़ा है। वे कहते हैं कि उनको राजस्थान की टीम में स्थान ही नहीं दिया जाता है। वीरेन्द्र कहते हैं कि टीम में 8 खिलाड़ी तो जरूर ठीक रखे जाते हैं, लेकिन बाकी खिलाड़ी पदाधिकारियों की मर्जी से रखे जाते हैं जिसके कारण हम जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का हक मारा जाता है। अब वीरेन्द्र की इच्छा रायपुर के साई सेंटर में रहते हुए छत्तीसगढ़ से खेलने की है। वे जोधपुर के सेंटर में एक साल रहे हैं, अब उनको यहां दो साल रहने का मौका मिलेगा।
इधर राजस्थान के दूसरे खिलाड़ी सुनील कुमार को अपने राज्य के संघ से कोई शिकायत नहीं है। वे बताते हैं कि 2009 से 11 तक वे तीन बार स्कूली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल चुके हैं। पिछले साल बेंगलुरु में खेली गई अंडर 19 की चैंपियनशिप में उनके राज्य की टीम तीसरे स्थान पर रही थी। सुनील भी कहते हैं कि उनको रायपुर के साई सेंटर में रहने का मौका मिला तो वे भी छत्तीसगढ़ के लिए खेलेंगे।
ये बातें यहां पर चर्चा करते हुए राजस्थान के वीरेन्द्र सिंह और सुनील कुमार ने कहीं। इन्होंने बताया कि ये जोधपुर के साई सेंटर में थे जहां पर उनको प्रशिक्षण देने का काम भारतीय टीम के कोच रहे चन्दर सिंह कर रहे थे। लेकिन जब इनको चंदर सिंह के छत्तीसगढ़ आने की खबर मिली तो इन्होंने सोचा कि चलो हम भी छत्तीसगढ़ में खुलने वाले साई सेंटर में प्रयास कर लेते हैं। छत्तीसगढ़ के साई सेंटर के बारे में इनको अपने कोच से ही मालूम हुआ था। इन खिलाड़ियों का कहना है कि चंदर सिंह जैसा कोई और दूसरा कोच नहीं हो सकता है। उनके प्रशिक्षण देने का तरीका इतना सरल और सहज रहता है कि हर खिलाड़ी उनके प्रशिक्षण देने के तरीके पर फिदा हो जाता है। यहां यह बताना लाजिमी है कि चंदर सिंह एक बार पिछले साल छत्तीसगढ़ की टीम को प्रशिक्षण देने आए थे, तो यहां के खिलाड़ी भी उनके प्रशिक्षण देने के अंदाज पर फिदा हो गए थे। चंदर सिंह को छत्तीसगढ़ के साई सेंटर में भेजने की मांग प्रदेश वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान ने साई के डीजी गोपाल कृष्ण से की थी। इस मांग पर ही चंदर सिंह को यहां भेजा जा रहा है।
6.3 फीट के वीरेन्द्र सिंह बताते हैं कि उनको जोधपुर के साई सेंटर में लंबाई के कारण प्रवेश मिला था और यहां भी लंबाई के कारण प्रवेश मिला है। वे बताते हैं कि लंबाई और खेल अच्छा होने के बाद भी उनको ेराजस्थान वालीबॉल संघ की राजनीति का शिकार होना पड़ा है। वे कहते हैं कि उनको राजस्थान की टीम में स्थान ही नहीं दिया जाता है। वीरेन्द्र कहते हैं कि टीम में 8 खिलाड़ी तो जरूर ठीक रखे जाते हैं, लेकिन बाकी खिलाड़ी पदाधिकारियों की मर्जी से रखे जाते हैं जिसके कारण हम जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का हक मारा जाता है। अब वीरेन्द्र की इच्छा रायपुर के साई सेंटर में रहते हुए छत्तीसगढ़ से खेलने की है। वे जोधपुर के सेंटर में एक साल रहे हैं, अब उनको यहां दो साल रहने का मौका मिलेगा।
इधर राजस्थान के दूसरे खिलाड़ी सुनील कुमार को अपने राज्य के संघ से कोई शिकायत नहीं है। वे बताते हैं कि 2009 से 11 तक वे तीन बार स्कूली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल चुके हैं। पिछले साल बेंगलुरु में खेली गई अंडर 19 की चैंपियनशिप में उनके राज्य की टीम तीसरे स्थान पर रही थी। सुनील भी कहते हैं कि उनको रायपुर के साई सेंटर में रहने का मौका मिला तो वे भी छत्तीसगढ़ के लिए खेलेंगे।
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